Saturday, June 21, 2025
Homeदेश-समाज'आस्था के प्रति नफरत सशस्त्र बलों के सैनिकों को प्रभावित करेगा': धर्म संसद के...

‘आस्था के प्रति नफरत सशस्त्र बलों के सैनिकों को प्रभावित करेगा’: धर्म संसद के खिलाफ 3 रिटायर सैन्य अधिकारियों ने SC में दी याचिका

उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि सशस्त्र बलों के पाँच पूर्व प्रमुख और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियाँ पहले ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इन भाषणों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए लिख चुके हैं।

उत्तराखंड के हरिद्वार और दिल्ली धर्म संसद (Dharma Sansad) में पिछले साल दिसंबर में दिए गए कथित नफरत भरे भाषणों की जाँच के लिए एक विशेष जाँच दल (SIT) गठित करने की माँग को लेकर भारतीय सेना के तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि अगर ऐसे कार्यक्रमों पर कार्रवाई नहीं की तो ये देश की आंतरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन जाएँगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत दायर इस रिट याचिका में पिछले साल 17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों के खिलाफ जाँच की माँग की गई है। मेजर जनरल (सेवानिवृत) एसजी वोंबाटकरे, कर्नल (सेवानिवृत) पीके नायर और मेजर (सेवानिवृत) प्रियदर्शी चौधरी ने अपनी याचिका में कहा है कि आस्था में मतभेदों के आधार पर जहरीली नफरत को बढ़ावा सशस्त्र बलों के सैनिकों को प्रभावित करेगा, जो विभिन्न समुदायों और धर्मों से आते हैं।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि सांप्रदायिक हिंसा को उकसाना समाज के सामाजिक ताने-बाने के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि सशस्त्र बलों के पाँच पूर्व प्रमुख और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियाँ पहले ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इन भाषणों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए लिख चुके हैं।

क्या है मामला?

बता दें कि इस याचिका में मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच की SIT से स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जाँच की माँग की गई है। पहला मामला हरिद्वार में यति नरसिंहानंद द्वारा आयोजित और दूसरा दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम का है। हरिद्वार शहर में आयोजित कार्यक्रम में कथित तौर हिन्दू स्वाभिमान को लेकर बातें होने का दावा किया गया था, लेकिन जब इस कार्यक्रम के भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर आए तो इसको लेकर हंगामा हो गया।

इन वीडियो में कार्यक्रम में शामिल लोग हिंदू धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, मुस्लिमों की आबादी कम करने और हिंसा का आह्वान करते नजर आए। सभा में कथित तौर पर यति नरसिंहानंद ने कहा था कि ‘हिंदू ब्रिगेड को बड़े और बेहतर हथियारों से लैस करना’ ‘मुस्लिमों के खतरे’ के खिलाफ ‘समाधान’ होगा। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्वतंत्र जाँच की माँग की गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘जंगलराज’ के कुकर्मों का सच उजागर करने की सजा? साधु यादव ने लेखक मृत्युंजय शर्मा को भेजा 5 करोड़ का मानहानि नोटिस: शिल्पी-गौतम मर्डर...

साधू यादव के नोटिस के जवाब में मृत्युंजय शर्मा ने ऑपइंडिया से बातचीत में कहा, “मैं सच बोलने से न डरूँगा, न माफी माँगूँगा।”

दिल्ली हाई कोर्ट ने फर्जी यूट्यूब चैनल को हटाने का दिया आदेश, गूगल से हुई कमाई की जानकारी भी माँगी: पत्रकार अंजना ओम कश्यप...

अंजना ओम कश्यप का एआइ से बना फर्जी वीडियो वायरल हुआ, कोर्ट ने फर्जी यूट्यूब चैनल हटाने और असली दोषी की पहचान के आदेश दिए।
- विज्ञापन -