Wednesday, May 1, 2024
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JNU (जहाँगीर नेशनल यूनिवर्सिटी): कैसे एक विश्वविद्यालय बन गया देश तोड़ने वालों का अड्डा, फिल्म का पोस्टर आते ही वामपंथी करने लगे रुदन

बॉलीवुड इंडस्ट्री में जेएनयू नाम की एक फिल्म बन रही है, जिसका फर्स्ट लुक पोस्टर जारी किया गया है। इस पोस्टर के जारी होते ही वामपंथी गैंग के पेट में दर्द होने लगा है। सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट में उनका दर्द नजर आ रहा है।

बात ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की हो या ‘आजादी गैंग’ की या फिर दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगों की… इनकी जड़ों में एक ही नाम मिला, -JNU (जेएनयू) का। इस यूनिवर्सिटी को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है। कई गंभीर आरोप यहाँ से जुड़े छात्रों पर भी लगते हैं। ऐसे में जेएनयू नाम से एक फिल्म आ रही है, जिसका पूरा नाम जेएनयू: जहाँगीर नेशनल यूनिवर्सिटी रखा गया है। इस फिल्म का फर्स्ट लुक पोस्टर भी जारी हो गया है, जो भगवा रंग में है। खास बात ये है कि जेएनयू की पहचान जिन गलत चीजों के लिए बनती जा रही थी, उन्हीं मुद्दों को इस फिल्म में दिखाया जाने वाला है, जिसमें बॉलीवुड के मंझे कलाकार नजर आएँगे। ये फिल्म 5 अप्रैल को सिनेमाघरों में दस्तक देगी।

जेएनयू फिल्म के पोस्टर में भगवा रंग में भारत का नक्शा दिखाया गया है, जो एक मुट्ठी में जकड़ा हुआ है। उसी नक्शे पर फिल्म की टैगलाइन – क्या एक एजुकेशनल यूनिवर्सिटी देश को तोड़ सकती है? (Can One Educational University Break The Nation?) भी लिखा हुआ है। इसके नीचे कई हाथ नारेबाजी की मुद्रा में उठे हुए हैं। इस फिल्म में पीयूष मिश्रा, रश्मि देसाई, उर्वशी रौतेला जैसे नामी चेहरे दिखेंगे, तो भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रवि किशन भी इस फिल्म में नजर आएँगे। इस फिल्म का लेखक और डायरेक्शन विनय शर्मा कर रहे हैं।

‘जेएनयू: जहाँगीर नेशनल यूनिवर्सिटी’ का पहला पोस्टर सामने आते ही हंगामा मच गया है। जेएनयू जिस वामपंथी चरित्र की वजह से बदनाम हो चुका है, उसी वामपंथी गैंग के लोग सोशल मीडिया पर हंगामा मचाते नजर आ रहे हैं। जाने-माने वामपंथी लेखक और हिंदू विरोधी लेखन के लिए कुख्यात इरफान हबीब ने तो पोस्टर के जारी होते ही रोना शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “जेएनयू को लेकर एक सनक रहा है। ये सिर्फ इसलिए, क्योंकि ये सोचने की आजादी देता है। जेएनयू ने पूरे भारत के वंचितों को जगह दी है। विचारों और संस्कृतियों का एक सच्चा मेल यहाँ होता था। यही एकमात्र वजह है कि इस प्रमुख संस्थान को हर दिन निशाना बनाया जा रहा है और उसे कमजोर किया जा रहा है।”

अक्सर आईडिया ऑफ इंडिया की जगह आईडिया ऑफ ब्रेकिंग इंडिया पर ट्वीट करने वाली कथित पूर्व पत्रकार रिया (असली नाम Andrea D Souza) ने लिखा, “जेएनयू के छात्र क्यों नहीं कदम (विरोध) उठाते? जवाहर लाल नेहरू वो नहीं है, जो फेक प्रोपेगेंडा फिल्में दावा कर रही हैं। जेएनयू को खुद ऐसे प्रोड्यूसर्स के खिलाफ कड़े से कड़े कदम उठाने चाहिए।”

कुछ लोगों ने वामपंथियों की छटपटाहट को पकड़ लिया और अपनी प्रतिक्रिया दी। सोशल स्क्रिप्ट नाम के एक्स हैंडल ने लिखा, “कश्मीर फाइल्स, द केरला स्टोरी, आर्टिकल 370, स्वातंत्र्य वीर सावरकर के बाद अब आ रही है जेएनयू। पाँच अप्रैल को तैयार रहें लेफ्टिस्ट एजेंडा को समझने के लिए, उन्होंने भारत देश के टुकड़े करने के लिए किस तरह की तरकीबें अपनाई।

शरत(थ) नाम के यूजर ने लिखा, “हर रोज एक नया जख्म।”

बता दें कि 5 अप्रैल को रिलीज होने जा रही फिल्म जेएनयू-जहाँगीर नेशनल यूनिवर्सिटी को लेकर सोशल मीडिया पर काफी पहले से चर्चा हो रही है। इस फिल्म को महाकाल मूवीज के बैनर तले बनाया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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