मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक सरकारी शिक्षक ही ईसाई धर्मांतरण करवा रहा था। उसने इसके लिए एक सभा आयोजित कर रखी थी। सरकारी शिक्षक को जिला प्रशासन ने स्पेशल टीम बना कर पकड़ा है। उसके पास से बाइबल वगैरह बरामद हुई हैं। मामले में पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश के सिंगरौली में माड़ा थाना के एक गाँव में एक घर के भीतर सभा चल रही थी। इसमें 50 से अधिक लोग शामिल थे। इस सभा को सरकारी शिक्षक कमलेश साकेत आयोजित कर रहा था। उसका साथ अरविन्द साकेत नाम का एक आदमी दे रहा था।
इस घर के भीतर ईसाइयत के विषय में लोगों को बताया जा रहा था। आरोप है कि इन लोगों को लालच देकर यहाँ लाया गया था। इन लोगों को धर्मांतरित करने की पूरी तैयारी चल रही थी। यहाँ बड़ी संख्या में बाइबिल और बाकी ईसाई साहित्य रखा हुआ था।
इसी बीच जाँच टीम यहाँ पहुँच गई और छापा मार दिया। उन्होंने जब घर को खोला तो यह सभा चलती मिली। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कमलेश साकेत और अरविंद साकेत को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब इनके खिलाफ जाँच कर रही है।
पुलिस यह भी जाँच कर रही है कि इन लोगों का लिंक कहाँ से है और यह किसके इशारे पर काम करते हैं। सिंगरौली के जिला कलेक्टर ने बताया है कि इससे पहले भी यहाँ धर्मांतरण की सूचना मिल चुकी थी, इसलिए एक विशेष टीम बनाई गई थी। जब दूसरी बार सूचना आई तो उसे छापा मारकर पकड़ लिया गया।
मध्य प्रदेश में यह घटना ऐसे समय में आई है जब धर्मांतरण कानून को और मजबूत किए जाने की बात चल रही है। हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने धर्मांतरण करवाने वालों के लिए फांसी की सजा देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार इस सजा के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून और मजबूत करेगी।