Tuesday, March 19, 2024
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गुजरात के आणंद में नमाज के बाद पथराव और आगजनी, गोली लगने से विनोद की मौत

उपद्रवियों को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने भीड़ पर आँसू गैस के गोले भी दागे। साथ ही हवाई फायरिंग भी की। यह स्पष्ट नहीं है कि युवक को निशाना भीड़ में से किसी ने बनाया या फिर गलती से उसे पुलिस की गोली लगी है।

गुजरात के आणंद में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प में एक युवक की मौत हो गई। घटना शुक्रवार 24 जनवरी 2020 की है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आणंद ज़िले के अकबरपुर गाँव की मस्जिद में शुक्रवार की दोपहर लोग नमाज पढ़ने के लिए जुटे थे। नमाज के बाद मामूली बात को लेकर दो गुटों के बीच पत्थरबाजी हो गई। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी।

आज तक की रिपोर्ट के अनुसार हिंसा में विनोद एफ चावड़ा नाम के शख्स की मौत हो गई। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उसे भीड़ में से किसी ने निशाना बनाया या गलती से पुलिस की गोली लगने से उसकी मौत हुई। यह गॉंव खंभात पुलिस स्टेशन के तहत आता है। डिप्टी एसपी रीमा मुंशी के हवाले से एएनआई ने बताया है, “दो गुटों के बीच पत्थरबाजी हो गई। उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और रबड़ बुलेट का इस्तेमाल किया। हालात काबू में हैं।”

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हिंसा की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुॅंची। उपद्रवियों को हटाने के लिए उसे लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने भीड़ पर आँसू गैस के गोले भी दागे। साथ ही हवाई फायरिंग भी की। अमर उजाला ने पुलिस अधीक्षक मकरंद चौहान के हवाले से गोली चलाए जाने की पुष्टि की है। उसने मृतक का नाम विनू चावड़ा बताया है। रिपोर्ट में अकबरपुर को सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि कुछ लोग घरों की छतों से पथराव कर रहे थे। एक अनाम पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि दोनों ही समुदायों के पॉंच लोगों के मकान जला दिए गए।

मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंसा में मृत शख्स शामिल नहीं था। हिंसा के बाद इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। नागरिकता संशोधन कानून सीएए के विरोध के नाम पर जिस तरह देश में समुदाय विशेष के लोगों की ओर से हिंसा की जा रही है उसके कारण इस घटना को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा था। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए काफी संख्या में लोग जुटते हैं। लेकिन, इस बार जुमे पर जुटान अन्य शुक्रवार की अपेक्षा काफी ज्यादा था। आशंका जताई जा रही है कि किसी खास मकसद से यह जुटान हुआ हो। एबीपी न्यूज के अनुसार हिंसा पतंगबाजी को लेकर हुई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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