Saturday, April 20, 2024
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‘ब्रह्ममुहूर्त में शोर से भंग होती है साधु-संतों की साधना, मरीज भी परेशान’: लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर बोलीं साध्वी प्रज्ञा

"जब हम माइक लगा लेते हैं तो विधर्मियों को बड़ी पीड़ा होती है। वो कहते हैं कि हम किसी और धर्म का कोई शब्द नहीं सुन सकते, क्योंकि हमारे मजहब में, इस्लाम में ये ठीक नहीं माना जाता। वो कहते हैं कि ये जायज नहीं है।"

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर से बजने वाले अजान के शोर पर आपत्ति जताई है। एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग वर्षों से राम मंदिर के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे, उनकी मनोकामनाएँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी कर दी है। उन्होंने कहा कि अगर आज नरेंद्र मोदी जैसे शासक नहीं होते, तो आज हम उस आनंद के भागी भी न होते। उन्होंने पीएम मोदी को ‘रामभक्त’ और ‘राष्ट्रभक्त’ करार दिया।

उन्होंने कामना की कि नरेंद्र मोदी जैसे लोग हमेशा सत्ता में रहें और हमलोग निश्चिंत होकर सच्चे मार्ग पर चलते रहें, पूजा-पाठ करते रहें, हमारे मंदिर निष्कंटक हो जाएँ और अपने देवी-देवताओं की आराधना करते रहें। इसके बाद उन्होंने कहा, “सुबह 5 बज कर कुछ मिनट से बहुत जोर-जोर से आवाजें आती हैं और वो आवाज़ें लगातार चलती रहती हैं। सबकी नींद हराम होती है। नींद खराब होती है। कुछ लोग मरीज भी होते हैं, उनका भी रक्तचाप (BP) बढ़ जाता है।”

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि लोगों को कई तरह की तकलीफें होती हैं और कोई मरीज अगर रात भर सो नहीं पाया, वो भी सुबह नींद लेने की कोशिश करता है तो ये आवाज़ उसमें विघ्न पैदा करती है। उन्होंने बताया कि सुबह के 4 बजे साधु-संतों की साधना का समय भी शुरू होता है, क्योंकि ये ब्रह्ममुहूर्त की बेला होती है। उन्होंने कहा कि हमारी प्रथम आरती का भी वही समय होता है, लेकिन किसी को इसकी कोई परवाह नहीं और जबरदस्ती माइक की वो आवाज़ें हमारे कानों में गूँजती हैं।

भाजपा सांसद ने कहा, “जब हम माइक लगा लेते हैं तो विधर्मियों को बड़ी पीड़ा होती है। वो कहते हैं कि हम किसी और धर्म का कोई शब्द नहीं सुन सकते, क्योंकि हमारे मजहब में, इस्लाम में ये ठीक नहीं माना जाता। वो कहते हैं कि ये जायज नहीं है। उनमें क्या जायज है और क्या नहीं, क्या हमें उसकी चिंता है? बिलकुल है, हिन्दू तो करता है। क्योंकि हम ‘सर्वपंथ समभाव’ की भावना रखते हैं।” हाल ही में साध्वी प्रज्ञा ने कॉन्ग्रेस पर निशान साधते हुए कहा था कि एक व्यक्ति की राजनीति नहीं चल रही तो अब वो लोग पुत्री को लेकर आ गए हैं।

भोपाल में वाल्मीकि समुदाय के एक कार्यक्रम में उन्होंने कॉन्ग्रेस पर नाटक-नौटंकी करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि कभी प्रियंका गाँधी मंदिरों में जाती हैं, कभी मस्जिदों में जाती हैं और कभी ईसाई बन जाती हैं। उन्होंने गाँधी परिवार पर वोट के लिए दिखावा करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि महर्षि वाल्मीकि हमारे भगवान हैं, लेकिन कॉन्ग्रेस ने कभी ऐसा नहीं माना। उन्होंने कहा कि अगर कॉन्ग्रेस ने महर्षि वाल्मीकि को भगवान माना होता तो आज दिखावा करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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