Thursday, November 14, 2024
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ममता से बात नहीं करना चाहता, TMC के गुंडों को गिरफ्तार करो: मृतक आनंद बर्मन के पिता का छलका दर्द

कूच बिहार के सीतलकुची में मतदान के दौरान झड़पों में बूथ संख्या 285 पर अपनी जान गँवाने वाले 18 वर्षीय आनंद बर्मन के परिवार ने ममता बनर्जी पर सवाल खड़े किए कि आखिर क्यों उन्होंने चार मृतक युवकों के परिवार वालों से बात करने के साथ-साथ उनसे बात नहीं की?

पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार के सीतलकुची विधानसभा के कई इलाकों में हिंसा हुई, जिसमें दो अलग-अलग जगहों पर 5 लोगों की मौत हो गई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन चार युवकों के परिवार वालों से बात की और अपनी संवेदनाएँ प्रकट कीं, जो कि सीतलकुची के आम तल्ली गाँव में पोलिंग बूथ संख्या 126 पर केंद्रीय पुलिस बल की गोली लगने से मारे गए थे।

कूच बिहार के सीतलकुची में मतदान के दौरान झड़पों में बूथ संख्या 285 पर अपनी जान गँवाने वाले 18 वर्षीय आनंद बर्मन के परिवार ने ममता बनर्जी पर सवाल खड़े किए कि आखिर क्यों उन्होंने चार मृतक युवकों के परिवार वालों से बात करने के साथ-साथ उनसे बात नहीं की?

आनंद बर्मन के पिता जगदीश बर्मन ने कहा, “मेरा बेटा चुनाव हिंसा में मारा गया, मगर ममता बनर्जी ने हमसे बात नहीं क्योंकि हम भाजपा समर्थक हैं। वह 14 अप्रैल को कूच बिहार आ रही हैं लेकिन अब हम उससे बात नहीं करना चाहते हैं। हम जानते हैं कि हमारे बेटे को किसने मारा है और हम चाहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।” जगदीश बर्मन ने आरोप लगाया कि मतदान के दिन तृणमूल कॉन्ग्रेस के समर्थकों ने मतदान केंद्र पर बमबाजी की और उसके बाद उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी।

ममता बनर्जी के इस कदम के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उन पर जमकर हमला बोला था और सवाल पूछा कि आखिर धर्म के आधार पर उन्होंने उन चार युवकों के परिवार वालों से ही बात क्यों की जिनकी सीआईएसएफ की गोली लगने से मौत हुई थी और उन्होंने पाँचवें युवक आनंद बर्मन के परिवार वालों से अपनी संवेदना क्यों नहीं जताई ?

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी शीतलकुची फायरिंग में मारे गए चार लोगों को श्रद्धांजलि दे रही हैं। सीतलकुची बूथ पर ही शनिवार को आनंद बर्मन मारा गया। ममता बनर्जी ने उनके लिए एक शब्द नहीं बोला। दीदी आनंद बर्मन की मौत से दुखी नहीं हैं। यह उनके गिरते राजनीति के स्तर का परिचय है। अमित शाह ने मृत्यु को राजनीति से अलग रखने की बात भी कही। उन्होंने कहा आनंद बर्मन एक यूथ वोटर था। उनकी मौत ममता बनर्जी के वोट बैंक के लिए अनुकूल नहीं है।

पिछले दिनों ‘जन की बात’ के संस्थापक प्रदीप भण्डारी ने इस घटना पर एक प्रत्यक्षदर्शी का बयान शेयर किया। इसमें प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब आनंद बर्मन की हत्या हुई, तब वह वोट डालने के लिए लाइन में खड़ा था। वीडियो में प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “आनंद वोट डालने गया था, तब वो लोग बम लेकर आए। उन्हें देखकर आनंद डर गया और घर लौटते समय उसकी हत्या कर दी गई।”

प्रत्यक्षदर्शी ने यह भी बताया कि आनंद की उनसे कोई दुश्मनी भी नहीं थी। हत्या का एक मात्र कारण था कि आनंद भाजपा के लिए काम करता था, जबकि दूसरे लोग तृणमूल कॉन्ग्रेस के लिए। प्रत्यक्षदर्शी ने यह भी बताया कि लोगों को धमकियाँ भी दी गई थीं कि वो भाजपा को वोट न करें। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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