अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार सत्ता में आने के बाद एक के बाद एक चौंकाने वाले फैसले ले रहे हैं। हाल में उन्होंने अमेरिका की सरकारी एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) को बंद करने का आदेश दिया है। उनके इस निर्णय से अमेरिकी रिपब्लिकन जहाँ खुश हैं तो वहीं पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के लिए ये बड़ी चिंता की बात हो गई है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि ये संगठन आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा को फंडिंग दे चुका है और एलन मस्क तक इसके खिलाफ आवाज उठा चुके हैं।
क्या है USAID
1960 में राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा शुरू की गई अमेरिकी एजेंसी USAID का पूरा नाम ‘यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ है। कहने को अमेरिकी की सरकारी एजेंसी के तौर पर काम कर रहा यूएसएड अंतरराष्ट्रीय विकास और मानवीय सहायता के लिए जिम्मेदार है।
इसे लेकर मौजूद जानकारी बताती है कि ये विभिन्न देशों में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम चलाता है और इसका इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में गरीबी को कम करना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, और मानवता की भलाई के लिए काम करना है। दुनिया भर में इसके क़रीब 10,000 कर्मचारी हैं और इसका सालाना बजट क़रीब 40 अरब डॉलर है।
आतंकी संगठनों को देता है फंडिंग
इस संगठन को लेकर पड़ताल करने पर पता चलता है कि मानव विकास की दिशा में काम करने वाली ये एजेंसी उन आतंकी समूहों को भी पैसे देता था जिन्हें अमेरिका तक में टेरर ऑर्गनाइजेशन माना गया है।
इनमें हाफिज सईद का लश्कर-ए-तैयबा तो है ही, इसके अलावा फलाह-ए-पाकिस्तान जैसे संगठन भी हैं जिसे यही आतंकी चैरिटी संगठन के तौर पर चलाते हैं और इनके जरिए मदद प्राप्त करके अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक फलाह-ए-पाकिस्तान का सीधा कनेक्शन आतंकी हाफिज सईद से है। साल 2010 में अमेरिकी विभाग उसे आतंकी संगठन भी घोषित कर चुका है, लेकिन बावजूद इसके USAID इतने समय से उसे फंड देने में लगा था। 2019 में आतंकी संगठन को यूएसएड ने 110,000 डॉलर की मदद दी थी।
एजेंसी ने साल 2021-23 से USAID ने हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट (HHRD) को भी फंडिंग की है। HHRD, एक मिशिगन स्थित पाकिस्तानी संगठन है, जो लश्कर-ए-तैयबा और जमात-ए-इस्लामी से जुड़ा हुआ है।
#USAID & Jihad: Pak Terror group Lashkar Tayyaba's front Falah-e-Insaniyat was receiving funds through #USAID in the form of charities, though it was banned by the US government. The funds were used for carrying out subversive activities against India, according to IndiaToday. pic.twitter.com/lNxrR6uEqo
— Zahack Tanvir – ضحاك تنوير (@zahacktanvir) February 6, 2025
LGBTQ के विकास के लिए फंड
ये संगठन कुछ अन्य कार्यों के लिए भी विभिन्न देशों को मदद मुहैया कराता है। एलन मस्क की टाइमलाइन पर साझा ट्वीट के अनुसार इसने ग्वाटेमाला में सेक्स परिवर्तन और ‘एलजीबीटीक्यू एक्टिविज्म’ के लिए 2 मिलियन डॉलर की मदद की, जमाएका मे LGBT के कार्यों को सफल कराने के लिए 1.5 मिलियन डॉलर (13,13,61,049) दिए, अमेरिका में ही उद्यमों के जरिए LGBTQ समाज को समानता दिलाने के लिए 2 मिलियन डॉलर दिए और युगांडा में भी इन्हीं काम के लिए 5.5 मिलियन डॉलर दिए गए।
USAID has been completely unaccountable for decades, run by bureaucrats with agendas who believed they answered to nobody.
— Rapid Response 47 (@RapidResponse47) February 5, 2025
Here are a few more of the ridiculous projects on which they spent YOUR money:
— $7.9 million to teach Sri Lankan journalists how to avoid “binary-gendered… pic.twitter.com/c2LnxUelWn
क्यों नाराज हो रहे अधिकारी
रिपोर्ट्स बताती हैं कि यूएसएड कार्यक्रम के तहत करीबन 120 देशों में विभिन्न योजनाएँ चल रही हैं। साल 2023 में इस एजेंसी के कार्यक्रमों के तहत विभिन्न देशों और संस्थाओं को 72 अरब डॉलर की मदद की थी। इसके बंद होने की सूचना पाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति बाइडन, ओबामा के प्रशासन में काम करने वाले अधिकारियों ने चिंता जाहिर की। तर्क दिया गया कि ये फैसला अमेरिका के लोगों के लिए नुकसान दायक होगा। इससे कई देशों को मदद मिलती है वो बंद हो जाएगी।
संस्थान के कर्मचारियों को घर लौटने का नोटिस
उल्लेखनीय है कि ट्रंप के इस फैसले के बाद यूएसएड में काम करने वालों को कार्यालय में घुसने से पहले ही वापस भेज दिया था और उनके लॉग-इन आईडी से उनका एक्सेस ले लेकर कहा गया शहर में एजेंसी के कार्यालय सप्ताह के शेष दिनों के लिए बंद रहेंगे। थोड़ी समय बाद यूएसएड की साइट भी ऑफलाइन हो गई। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक संस्थान में काम करने वालों को एक नोटिस देकर घर लौटने के लिए 30 दिन का समय दिया गया था।
एलन मस्क ने किया एजेंसी बंद करने का समर्थन
विदेशों में मदद करने के नाम पर चल रहा ये संगठन पिछले काफी दिनों से एलन मस्क के निशाने पर था। उन्होंने साफतौर पर इसे आपराधिक संगठन बताया था और इसकी तमाम खामियों को उजागर करते हुए कहा था कि ये ‘कट्टर वामपंथी सनकियों’ द्वारा संचालित किया जाता है।
Crazy waste of your tax money! https://t.co/9dEoj9xeMf
— Elon Musk (@elonmusk) February 5, 2025
इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा था कि इस संस्था के जरिए अमेरिकी करदाताओं का पैसा बर्बाद किया जा रहा है, साथ ही साथ भ्रष्टाचार भी हो रहा है। अब जब डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर ताला लगा दिया है तो मस्क इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं