हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में 5 दिन बाद सभी आरोपित पकड़े जा चुके हैं। इस क्रम में यूपी पुलिस की एसटीएफ और गुजरात एटीएस ने दिन-रात एक कर के कार्रवाई की। यहाँ हम इस हत्याकांड को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ, इस सम्बन्ध में जानकारी दे रहे हैं। चूँकि, अलग-अलग शहरों से गिरफ्तारियाँ हुई हैं, हम आपको हर एक अपडेट के साथ बताएँगे कि इस केस में पुलिस कैसे आगे बढ़ी और सोशल मीडिया से लेकर मीडिया पर क्या-क्या चलता रहा। यहाँ देखें:
- दिल्ली के खुर्शेदबाग इलाक़े में स्थित कमलेश तिवारी के घर में 2 लोग भगवा वस्त्रों में आए और उन्होंने उनकी हत्या कर दी। मिठाई के डब्बे में हथियार ले गए थे हत्यारे। वह राम मंदिर मामले में पक्षकार रहे थे।
- कमलेश तिवारी के नौकर ने बताया कि उसे सामान लेने के लिए बाहर भेजा गया और जब वो वापस आया तो उसने कमलेश तिवारी की लाश पड़ी देखी। अल-हिन्द ब्रिगेड नामक संगठन के नाम से कुछ मैसेज वायरल हुए, जिसमें कहा गया कि उसने कमलेश तिवारी की हत्या की है और जंग शुरू हो चुकी है। हालाँकि, इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई।
- कमलेश तिवारी के परिजनों ने जाँच से असंतुष्टि जताई। बाद में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात के बाद हत्यारों के लिए मृत्युदंड की माँग की और जाँच से संतुष्टि जताई।
- हालाँकि, मीडिया में लगातार उनकी माँ का ही बयान चलाया जाता रहा, जिसमें वो स्थानीय राजनीति के कारण अपने बेटे की हत्या की जाने की बात कहती रहीं।
- सोशल मीडिया पर कई मुस्लिमों द्वारा ‘हा हा’ रिएक्ट करने और जश्न मनाने की बातें सामने आईं। यूपी पुलिस ने ऐसे 14 मामलों में कार्रवाई की। 67 एकाउंट्स ब्लॉक किए गए।
- सरकार ने घोषणा करते हुए कहा कि कमलेश तिवारी के परिजनों को सरकारी आवास दिया जाएगा। उनके बड़े बेटे को आत्मरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार देने की घोषणा की गई।
- कई अन्य हिंदूवादी नेताओं ने भी धमकी मिलने की शिकायत की। राष्ट्रीय बजरंग दल के अध्यक्ष ने अपनी जान की चिंता जताई। नोएडा के हिंदूवादी नेता अमित जानी को धमकी मिली।
- कमलेश तिवारी के साथ ही हिन्दू समाज पार्टी के यूपी प्रकोष्ट के अध्यक्ष गौरव गोस्वामी को भी मारने का प्लान था लेकिन वो वहाँ पहुँच नहीं पाए।
- गुजरात एटीएस ने इस हत्या के बाद सूरत से 3 लोगों को गिरफ़्तार किया। तीनों के नाम फैजान, रशीद और सलीम हैं। इन तीनों ने ही इस हत्याकांड की साजिश रची थी। बिजनौर से अनवारुल हक़ और नईम नामक दो मौलानाओं को गिरफ़्तार किया गया।
- नागपुर से आसिम अली नामक नेता को गिरफ़्तार किया गया, जिसने इस हत्याकांड के बाद हत्यारों का जमानत कराने और पूरा ख़र्च वहन करने की जिम्मेदारी उठाई थी। उसने नितिन गडकरी के ख़िलाफ़ चुनाव भी लड़ा था।
- पुलिस ने लखनऊ स्थित खालसा होटल के उस कमरे को ढूँढ निकाला, जहाँ दोनों हत्यारे रुके हुए थे। होटल में भगवा वस्त्र और खून से सने कपड़े मिले।
- दोनों हत्यारों की पहचान अशफ़ाक़ और मोईनुद्दीन के रूप में हुई। अशफ़ाक़ ने फ़र्ज़ी फेसबुक अकाउंट बना कर ख़ुद को हिंदूवादी दिखाया और राम मंदिर के लिए भीड़ जुटाने का लालच देकर कमलेश तिवारी से मिलने का समय माँगा था। दोनों पर ढाई-ढाई लाख का इनाम रखा गया।
- राजनीतिक विश्लेषक अब्दुल रज्जाक ने कमलेश तिवारी की हत्या की निंदा करने से इनकार किया। ओवैसी का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वो कमलेश तिवारी को धमकी देते दिख रहे हैं।
- यूपी एसटीएफ को पता चला कि दोनों हत्यारे शाहजहाँपुर में छिपे हैं। एक ड्राइवर तौहीद को हिरासत में लिया गया, जिसने इन दोनों को गाड़ी मुहैया कराई थी। बरेली से एक मुफ़्ती को हिरासत में लिया गया, जिसनें इन दोनों का इलाज किया था।
- उधर जिस क्षेत्र में आरोपितों के छिपे होने की आशंका थी, उसी इलाक़े में स्थित लखीमपुर में टेरर फंडिंग का मामला सामने आया। पूर्व प्रधान सहित 14 लोग एटीएस की रडार में आए।
- 22 अक्टूबर की शाम को गुजरात एटीएस ने दोनों आरोपितों को शामलाजी के पास वाले इलाक़े से धर-दबोचा। उन्हें गुजरात-राजस्थान सीमा से गिरफ़्तार किया गया।
- कमलेश तिवारी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उन्हें 15 बार चाकू मारा गया। उनके सीने में 4 सेंटीमीटर सुराख़ मिला। उनके चेहरे पर गोली भी मारी गई थी। उनके सीने पर 7 बार वार किया गया और गर्दन पर 12 सेंटीमीटर।
- यूपी के क़ानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि आरोपितों की डे-टू-डे सुनवाई के लिए फ़ास्ट ट्रैक अदालत में मामला चलाया जाएगा। कोर्ट में सजा-ए-मौत की माँग की जाएगी।
- सभी आरोपितों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। गुजरात एटीएस ने आरोपितों को यूपी पुलिस को सौंपने की तैयारी शुरू की।
- कमलेश तिवारी पर 2015 में पैगम्बर मुहम्मद पर टिप्पणी करने का आरोप लगा था। यही उनकी हत्या का कारण भी बना।
कुल मिलकर देखें तो इस मामले में अब तक सूरत से फैजान, रशीद और मोहसिन गिरफ़्तार हुए हैं। बरेली से मुफ़्ती बेग अली को पुलिस ने शिकंजे में लिया। बिजनौर से मौलानाओं अनवारुल हक़ और नईम को पुलिस ने अपनी गिरफ़्त में लिया। महाराष्ट्र पुलिस ने नागपुर से आसिम अली को गिरफ़्तार किया। अंत में अशफ़ाक़ और मोईनुद्दीन को गिरफ़्तार किया गया। सीसीटीवी में दिख रही एक अन्य महिला शहनाज बानो का इस घटना से कोई लिंक सामने नहीं आया। बरेली से गिरफ़्तार ड्राइवर तौहीद से पूछताछ के लिए उसे हिरासत में लिया गया। वहीं सूरत में गिरफ़्तार आरोपित के पिता ने अपने परिवार के पाँच वक़्त के नमाजी होने और दाढ़ी बढ़ाने को बचाव के रूप में प्रस्तुत किया।