Monday, November 4, 2024
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मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर राणा अयूब ने विदेशी मीडिया में बोला झूठ, कहा- फैक्टचेक के कारण ‘मेरा दोस्त’ गिरफ्तार, पत्रकार भारत सरकार के लिए दुश्मन

राणा अयूब ने भारत को बदनाम करते हुए बताया कि यहाँ पत्रकारों को दुश्मन समझा जाता है और मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी भी इसीलिए हुई क्योंकि उन्होंने फेक न्यूज का फैक्ट चेक किया था।

करोड़ों की धोखाधड़ी की आरोपित राणा अयूब (Rana Ayyub) ने हाल ही में दिल्ली पुलिस द्वारा ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर दुष्प्रचार किया। उन्होंने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ इस्लामवादियों को भड़काने वाले जुबैर को अपने कुतर्कों से सही ठहराने की कोशिश की।

उन्होंने कहा, “देश में व्यापक अशांति फैली और हिंसा की घटनाएँ हुईं, जिसके कारण कन्हैया लाल और उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई।” धोखाधड़ी मामले की आरोपित ने दावा किया, “मेरे एक दोस्त मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने भारत की फेक खबरों का फैक्ट चेक करने पर गिरफ्तार कर लिया।”

अयूब ने Amanpour and Company को दिए इंटरव्यू में मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा, “हम उस दौर में जी रहे हैं, जहाँ भारत में पत्रकारों को दुश्मन समझा जाता है, जबकि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र पुलिस स्टेट में बदल रहा है।” हालाँकि, अयूब चाहती हैं कि दुनिया उन पर विश्वास करे, लेकिन सच उनके कुतर्कों के उलट है।

क्यों झूठीं हुईं राणा अयूब?

दिल्ली पुलिस ने 27 जून को मोहम्मद जुबैर को धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने AltNews के सह-संस्थापक पर IPC (भारतीय दंड संहिता) की धारा-153 (ऐसे कृत्य जिससे दंगे और उपद्रव होने की आशंका हो) और धारा-295 (किसी समाज द्वारा पवित्र मानी जाने वाली वस्तु का अपमान करना) लगाई गई थी। मोहम्मद जुबैर फेक न्यूज फैलाने के लिए कुख्यात है और उनका मीडिया पोर्टल भी हिन्दू विरोधी खबरों के लिए ही जाना जाता है। खुद को फैक्ट-चेकर बताने वाले मोहम्मद जुबैर के समर्थन में कविता कृष्णन जैसों वामपंथी गिरोह के लोगों ने भी दिल्ली पुलिस को भला-बुरा कहा था।

मोहम्मद जुबैर की पुरानी हिंदूफोबिक पोस्ट

फैक्टचेक के नाम पर प्रोपेगेंडा वेबसाइट चला रहे ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने पिछले महीने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दर्जनों ट्वीट डिलीट कर दिए थे। जुबैर ने अपने हैंडल पर ये बदलाव ठीक उसी समय किया जब उसके हिंदूफोबिक ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे। 13-14 जून को कई नेटीजन्स ने जुबैर के कुछ पोस्ट देखकर उसके ऊपर हिंदू देवी-देवताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया था।

उसके पुराने पोस्ट में भगवान श्रीराम से लेकर शिवलिंग तक का मजाक उड़ाया गया था। जुबैर के फेसबुक डिलीट की सूचना सबसे पहले द हॉक आई ट्विटर यूजर ने दी थी। उन्होंने जुबैर के कई पोस्ट के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा था, “दूसरों के भगवान, धर्म, संस्कृति और शास्त्रों का मजाक बनाना आसान है, क्योंकि इसका कोई अंजाम देखने को नहीं मिलता है।”

द हॉक आई द्वारा शेयर किए गए एक ट्वीट में, जुबैर शिवलिंग का मज़ाक उड़ाते हुए और वेटिकन सिटी के टॉप व्यू से इसकी तुलना करते हुए दिखाई दे रहा है। इसी तरह फेसबुक पेज ‘अनऑफिशियल मोहम्मद जुबैर’ पर एक पोस्ट में भगवान राम पर कटाक्ष करने के लिए अरुण गोविल का मजाक उड़ाया गया था। इसमें उसने कहा है कि ISRO को अरुण गोविल से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि वह रॉकेटरी/विमान के बारे में अधिक जानते हैं।

‘अनऑफिशियल मोहम्मद जुबैर’ की एक अन्य पोस्ट में पानी के नीचे के हवाई जहाज को कैप्शन के साथ दिखाया गया है। जिसमें लिखा गया है, “ब्रेकिंग: रावण द्वारा 5000 साल पहले इस्तेमाल किया गया अंडरवाटर पुष्पक विमान हिंद महासागर में पाया गया।”

इसके अलावा हिंदू देवी देवताओं का मजाक उड़ाने के लिए जुबैर ने हिंदू मान्यताओं का भी मजाक उड़ाया है और संस्कृत पर कटाक्ष किया है। संस्कृत को हिंदू धर्म की सबसे महत्वपूर्ण भाषाओं में से एक माना जाता है और हिंदू देवताओं के बातचीत का माध्यम माना जाता है।

जुबैर ने अकॉउंट किया था डिएक्टिवेट?

गौरतलब है कि मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) ने हिंदू घृणा से सने अपने पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने के बाद 13 जून 2022 को अपना फेसबुक अकाउंट डिएक्टिवेट कर लिया था। कुछ दिनों बाद, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने ‘हनीमून-हनुमान’ वाले ट्वीट मामले में मोहम्मद जुबैर को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। हालाँकि इसके बाद भी ज़ुबैर की रिहाई नहीं हो पाई, क्योंकि उस पर यूपी में कई मामलों में केस दर्ज है। एक मामला सुदर्शन न्यूज के पत्रकार द्वारा दायर की गई शिकायत से संबंधित है। बता दें कि सितंबर 2021 में पत्रकार ने लखीमपुर खीरी में ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक के खिलाफ उसके चैनल को बदनाम करने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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