Thursday, March 6, 2025
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कश्मीर के टॉप 10 आतंकियों में से एक, ₹10 लाख का इनाम: 26 जनवरी से पहले दिल्ली से पकड़ा गया जावेद अहमद मट्टू

जावेद अहमद मट्टू 14 साल से फरार था। वह सोपोर जिले का रहने वाला है। कई बार पाकिस्तान जा चुका है। पाकिस्तान को बेस बनाकर वह जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया करता था।

26 जनवरी से ठीक पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकी जावेद अहमद मट्टू को पकड़ा है। हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन से जुड़े मट्टू पर 10 लाख का इनाम है। वह A++ केटेगरी का आतंकी है। वह कश्मीर घाटी के 10 सबसे दुर्दांत आतंकियों में से एक है।

जावेद अहमद मट्टू कई आतंकवादी हमलों में शामि रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सके पास से पिस्टल और मैगजीन भी बरामद हुई है। वह दिल्ली में अपने हैंडलर से हथियार की डिलीवरी लेने आया था। वह नेपाल के रास्ते दिल्ली पहुँचा था। मुखबिर की सूचना पर स्पेशल सेल ने उसे निजामुद्दीन फ्लाईओवर से धर दबोचा।

जावेद अहमद मट्टू 14 साल से फरार था। वह सोपोर जिले का रहने वाला है। कई बार पाकिस्तान जा चुका है। पाकिस्तान को बेस बनाकर वह जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया करता था। हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन में वह युवाओं की भर्ती भी कराता था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल ने बताया कि मट्टू मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक है और उसकी तलाश एनआईए भी कर रही थी। उसके पास से चोरी की कार और अन्य सामान भी बरामद किए गए हैं।

बता दें कि बीते साल स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले जावेद अहमद मट्टू के भाई रईस ने अपने घर पर तिरंगा लहराया था, जिसे सोशल मीडिया समेत मेनस्ट्रीम मीडिया में भी काफी जगह मिली थी। रईस ने कहा था कि उसने ऐसा अपनी मर्जी से किया है। उस पर इसके लिए किसी तरह का दबाव नहीं था। साथ ही उसने पूरे देश से लोगों से कश्मीर घाटी आने की अपील की थी।

मट्टू ने उस समय कहा था, “मैं दिल से तिरंगा फहरा रहा हूँ। मेरे ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं है। यहाँ विकास हो रहा है। मैं पहली बार 14 अगस्त को अपनी दुकान पर बैठा हूँ, लेकिन पहले 2-3 दिनों तक सब कुछ बंद रहता था। पहले सत्ता में रहने वाली पार्टियाँ सिर्फ खेल खेलतीं थी। मेरा भाई 2009 में उनमें से एक (आतंकी) बन गया। हमें नहीं पता उसके बाद से कि वो कैसा है, कहाँ है। अगर वो जिंदा है, मैं उससे अपील करता हूँ कि वह वापस आ जाए। अब हालात बदल चुके हैं। पाकिस्तान कुछ नहीं कर सकता है। हम हिंदुस्तानी थे, हैं और रहेंगे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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