Thursday, April 25, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाजवान और जुबान से चीन को जवाब: जरूरत पड़ने पर प्रोटोकॉल नहीं, अपने हिसाब...

जवान और जुबान से चीन को जवाब: जरूरत पड़ने पर प्रोटोकॉल नहीं, अपने हिसाब से कार्रवाई करने की सेना को खुली छूट

एक ओर जहाँ सेना को सीमा पर कार्रवाई करने की खुली छूट दी गई है। वहीं बातचीत के रास्ते को भी खुला रखा गया है। इस हफ्ते दोनों देशों के बीच एक बार फिर सैन्य और डिप्लोमेटिक लेवल की बातचीत हो सकती है। इसमें सैनिकों को पीछे करने और अप्रैल से पहले की स्थिति को लागू करने पर चर्चा हो सकती है।


गलवान घाटी में भारत-चीन सेना के बीच चल रहे विवाद के मद्देनजर भारत सरकार ने सीमा पर तैनात भारतीय सेना को मौका आने पर अपने हिसाब से कार्रवाई करने की खुली छूट दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लद्दाख में हालात पर उच्च स्तरीय बैठक के बाद सूत्रों ने यह जानकारी मीडिया को दी।

रक्षा मंत्री के साथ इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने हिस्सा लिया। इस बैठक में सेना को सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया कि वह कोई भी एक्शन ले सकती है।

इस बैठक में सरकार ने LAC के नियमों में बदलाव किया और सेना के फील्ड कमांडरों को यह अधिकार दिया कि वह परिस्थितियों में जवानों को हथियार के इस्तेमाल की आजादी दे सकते हैं।

इसके अलावा सीमा पर चीन के साथ तनाव बढ़ने के मद्देनजर सरकार ने हथियार और गोला बारूद खरीदने के लिए सेना के तीनों अंगों को 500 करोड़ रुपए तक की प्रति खरीद परियोजना की आपात वित्तीय शक्तियाँ दी हैं।

सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर सैनिकों की जान खतरे में पड़ती है और चीनी सैनिक खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं तो सेल्फ डिफेंस करते वक्त किसी प्रोटोकॉल की ना सोचें।

वहीं, एयरफोर्स के जवानों की छुट्टियाँ भी रद्द होने की खबर मीडिया में है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पहले ही कहा है कि वायुसेना अब किसी भी चुनौती के लिए तैयार है।

उल्लेखनीय है कि एक ओर जहाँ सेना को सीमा पर कार्रवाई करने की खुली छूट दी गई है। वहीं बातचीत के रास्ते को भी खुला रखा गया है। कहा जा रहा है कि इस हफ्ते दोनों देशों के बीच एक बार फिर सैन्य और डिप्लोमेटिक लेवल की बातचीत हो सकती है। इसके अलावा इसमें सैनिकों को पीछे करने और अप्रैल से पहले की स्थिति को लागू करने पर चर्चा हो सकती है।

हालाँकि, यहाँ याद दिला दें कि इससे पहले भी भारत चीन मसले को सुलझाने के लिए कुछ बैठकें हुईं थीं। लेकिन, उस समय उनसे कोई हल नहीं निकला। हर बातचीत में भारत की ओर से यही कहा गया कि चीनी सैनिक पूरी तरह से पीछे हटें और अप्रैल से पूर्व की स्थिति को सीमा पर लागू कंरे। लेकिन चीनी सैनिक इस बात को मानने को ही तैयार नहीं हुए।

इसी का नतीजा था कि 15 जून को डि-एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान चीनी फौजियों ने लाठी-डंडे, लोहे की कँटीली तारों से लिपटे डंडे और पत्थरों का इस्तेमाल कर भारतीय सेना पर हमला किया। इस हमले में भारत ने अपने 20 जवान खोए। लेकिन, इन 20 जांबाजों ने जाते-जाते भी चीन को भी मुँहतोड़ जवाब दिया और कम से कम चीन के 43 सैनिक मारे गए।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe