Sunday, April 28, 2024

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इंदिरा गांधी

‘अन्नपूर्णा योजना’ अब ‘इंदिरा रसोई’: अशोक गहलोत ने BJP सरकार की योजनाओं को किया इंदिरा-राजीव के नाम

अशोक गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की 'अन्नपूर्णा रसोई' का नाम बदलकर ‘इंदिरा रसोई योजना’ कर दिया है। साथ ही, कुछ और पुरानी योजनाओं का भी नाम बदलकर उन्हें राजीव गाँधी के नाम से जारी कर दिया है।

इंदिरा गाँधी अपदस्थ: आज ही के दिन जस्टिस सिन्हा ने ‘फासीवादियों’ के दबाव के बावजूद सुनाया था ऐतिहासिक फैसला

इस कदम ने इंदिरा गाँधी को और भी अधिक निरंकुश बना दिया था। फिर पत्रकारों की गिरफ्तारी से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं के खून से लोकतंत्र के इतिहास का सबसे कलंकित अध्याय लिखा गया।

ऑपरेशन ब्लू स्टार: जब सेना को स्वर्ण मंदिर पर चढ़ाने पड़े टैंक, जिसके कारण मारी गईं इंदिरा गाँधी

लेफ्टिनेंट जनरल केएस बरार को जाना मनीला था, लेकिन कमान मिली ऑपरेशन ब्लू स्टार की जो 6 जून 1984 को खत्म हुआ।

अर्नब से 12 घंटे पूछताछ करने वाली कॉन्ग्रेस को याद आया ‘प्रेस फ्रीडम’, इमरजेंसी तो याद ही होगी, सोनिया?

कभी 7000 पत्रकारों को जेल भेजने वाली कॉन्ग्रेस आज 'प्रेस फ्रीडम इंडेक्स' को लेकर भाजपा को कोस रही है। फिर वो अर्नब के पीछे क्यों पड़ी है?

जिसका भाई था Pak की बड़ी हस्ती, उसे न सिर्फ CJI बनाया बल्कि उपराष्ट्रपति भी: इंदिरा गाँधी के शासन की कहानी

काफ़ी विचार विमर्श किया गया। संविधान विशेषज्ञों की राय ली गई। संविधान का विशेष सत्र बुलाया गया। फिर संविधान के अधिनियम 16 में प्रावधान बनाया गया। इतना सब कुछ क्यों? क्योंकि इंदिरा के चहेते हिदायतुल्लाह (तब के CJI) को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया जाए।

वकील➨राज्यसभा➨HC जज➨रिटायर➨SC जज➨राज्यसभा: बहरुल इस्लाम और कॉन्ग्रेसी काल की कहानी

हाई कोर्ट के मुख्‍य न्यायाधीश से रिटायर होने के बाद बहरुल इस्लाम फिर से सक्रिय राजनीति में चले आए। लेकिन इंदिरा गाँधी की सोच कुछ और थी। 9 महीने के रिटायरमेंट के बाद वह सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए। एक रिटायर जज का इस तरह फिर से जज बनाने का फैसला काफी अजीब और अद्वितीय था लेकिन...

1927 में गंगा ने डाली नींव, 1984 में नाम ले गई इंदिरा: ऐसे दूसरों के काम का क्रेडिट छीनती है कॉन्ग्रेस

आज भारत के सबसे लंबे कैनाल का नाम उसी व्यक्ति के नाम पर नहीं है, जिसने इसका सपना देखा, जिसने इस पर काम शुरू करवाया था। पंजाब से लेकर बीकानेर तक जिसके नाम की कभी तूती बोलती थी उसे उसके काम के क्रेडिट से भी वंचित कर दिया गया।

क्या बदला जा सकता है संविधान? लोकतंत्र की मर्यादा पुनर्स्थापित करने वाला केस

'केशवानंद भारती बनाम केरल सरकार' वाले ऐतिहासिक केस ने संविधान की मर्यादा को पुनर्स्थापित किया। इसे भारतीय न्यायपालिका का सबसे 'लैंडमार्क फ़ैसला' कहा जाता है। एक ऐसा निर्णय, जिसने लोकतंत्र की मर्यादा और संविधान की अक्षुण्णता को बरक़रार रखा।

करीम लाला पर उद्धव सरकार में खींचतान, कॉन्ग्रेसी मंत्री ने कहा- ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं

"इंदिरा गॉंधी हमारी नेता और आदर्श हैं। बीजेपी के साथ रहते हुए भी संजय राउत उनके खिलाफ टिप्पणियॉं करते थे। अब सरकार में होने के बाद भी वे इससे बाज नहीं आ रहे। यदि वे सोचते हैं कि हम चुपचाप सुनते रहेंगे तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं।"

संजय राउत सही, गैंगस्टर करीम लाला से मिलती थीं इंदिरा: डॉन हाजी मस्तान के बेटे का खुलासा

अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान के गोद लिए हुए पुत्र सुंदर शेखर ने शिवसेना नेता संजय राउत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संजय राउत सही हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गाँधी करीम लाला से मिलती थीं। कई अन्य नेता भी आते थे। हाजी मस्तान एक व्यापारी थे। बालासाहेब ठाकरे भी हाजी मस्तान के अच्छे दोस्त थे।

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