दिल्ली वक्फ बोर्ड में भर्ती में अनियमितता को लेकर राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 10 अन्य आरोपितों पर फैसला सुना दिया है। मामले में जाँच एजेंसी ईडी ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। तीनों के नाम जिशान हैदर, जावेद इमाम, दाऊद नसीर हैं। अदालत ने तीनो को 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया है, जहाँ जाँच एजेंसी इनसे पूछताछ करेगी। ये सभी आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के करीबी बताए जा रहे हैं।
बता दें कि अमानतुल्ला खान दिल्ली वक्फ बोर्ड में चेयरमैन हैं। वहीं वफ्फ बोर्ड मामला से जुड़े भ्रष्ट्राचार मामले में जाँच एजेंसी ED अमानतुल्लाह खान के खिलाफ भी केस दर्ज कर चुकी है। इससे पहले ED ने 10 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली के पाँच ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया था। इस मामले में ED ने अमानतुल्ला खान के घर पर भी छापा मारा था। ED ने ये कार्रवाई दिल्ली एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) की तरफ से दाखिल दो FIR के तहत की थी। ये FIR दिल्ली वक्फ बोर्ड में नौकरियों में अनियमितताओं से जुड़ी है।
AAP नेता अमानतुल्लाह खान पर 32 लोगों की अवैध नियुक्ति का आरोप
आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन के रूप में 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया था। इसके साथ ही आप विधायक ने अवैध रूप से दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को किराए पर दिया है। साथ ही अमानतुल्लाह खान पर ये भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के धन का दुरुपयोग किया है। इस मामले में दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ ने इस तरह की अवैध भर्ती के खिलाफ बयान जारी किया था।
अमानतुल्लाह के करीबियों के ठिकानों पर मिला था कैश
गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार और अनियमितता के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने सबसे पहले सितंबर, 2022 में अमानतुल्लाह से पूछताछ की थी। इसी के आधार पर ACB ने चार जगहों पर छापे मारे। करीब 24 लाख रुपए कैश बरामद किया था।
इसके अलावा इस छापेमारी में दो अवैध और बिना लाइसेंस की पिस्टल मिली थीं। कारतूस और गोला-बारूद भी बरामद किया था। बाद में अमानतुल्लाह को इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया था। यह गिरफ्तारी आप विधायक के खिलाफ सुबूतों और आपत्तिजनक सामग्री के आधार पर की गई थी।
इसमें कहा गया था कि सीबीआई की एक प्राथमिकी और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतें आप विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ईडी की कार्रवाई का आधार बनीं। खान ने उक्त आपराधिक गतिविधियों से अपराध की बड़ी रकम नकदी में अर्जित की थी और इस नकद राशि को अपने सहयोगियों के नाम पर दिल्ली में विभिन्न अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया था। हालाँकि, बाद में उन्हें उन्हें 28 दिसंबर 2022 को जमानत पर रिहा कर दिया गया।