Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजUP में 200 जमाती अचानक गायब, 500+ लोगों के मोबाइल ऑफ: पता बताने पर...

UP में 200 जमाती अचानक गायब, 500+ लोगों के मोबाइल ऑफ: पता बताने पर 5000 रुपए का इनाम

क्राइम ब्रांच की टीम ने खुलासा किया कि जब कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने जमाती और उनके परिवारजनों से पूछताछ शुरू की तो कई जमातियों ने लोकेशन को लेकर झूठ भी बोला था।

देश में लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या के बीच दिल्ली मरकज से निकल कर हर जगह फैले जमाती सभी राज्य सरकारों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में लगातार पुलिस ने जमातियों को खोजने के लिए सर्च अभियान चलाया हुआ है। इस दौरान यूपी के लखनऊ से अचानक ग़ायब हुए 200 जमातियों ने यूपी सरकार को नई टेंशन दे दी है, साथ ही प्रदेश की जनता को संकट में डाल दिया है।

हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक अब तक लखनऊ शहर में रह रहे 200 से अधिक जमाती पिछले 1-2 दिनों के अंदर अचानक से गायब हो गए हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस की क्राइम ब्रांच कोरोना के संकट से उभरने के लिए प्रदेश में जमातियों की तलाश में सर्च अभियान चलाए हुए है। क्राइम ब्रांच ने लखनऊ में रहने वाले जमातियों का पता लगाने के लिए 700 से अधिक मोबाईल नंबरों को सर्विलांस पर लगा रखा था।

झारखंड के जो आदिवासी कभी दिल्ली नहीं गए उनके नाम पर जमातियों ने ले लिए सिम

1 लाख से ज्यादा हिंदुस्तानियों को मारना चाहते थे तबलीगी जमाती, जाकिर नाइक की B टीम की तरह कर रहे काम: वसीम रिजवी

अब इनमें से 200 से अधिक जमातियों के नंबर अचानक से बंद जा रहे हैं। इतना ही नहीं, इन जमातियों के सम्पर्क में रहे करीब 300 लोगों ने भी अपने मोबाइल बंद कर लिए हैं। वहीं पुलिस को आशंका है कि इन जमातियों ने शायद नए नंबर लेकर उनका इस्तेमाल शुरू कर दिया है। यह भी सामने आ रहा है कि कुछ लोगों ने पुराने लखनऊ में परिचितों की दुकान से नए मोबाइल ले लिए हैं। पुलिस इसकी भी पड़ताल कर रही है।

हिन्दुस्तान अखबार के लखनऊ संस्करण में प्रकाशित खबर की कटिंग

वहीं क्राइम ब्रांच की टीम ने खुलासा किया कि जब कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने जमाती और उनके परिवारजनों से पूछताछ शुरू की तो कई जमातियों ने लोकेशन को लेकर झूठ भी बोला था। इतना ही नहीं, कई जमातियों ने तो पुलिस के सवालों के सही जवाब भी नहीं दिए। इसके बाद पुलिस ने जब पूछताछ बढ़ा दी तो क्वारंटीन किए जाने के डर से ये लोग अपने नंबरों को बंद करने लगे।

लखनऊ के कैसरबाग, सदर, वजीरगंज, मड़ियांव, सआदतगंज, गोमती नगर समेत कई इलाकों में रहने वाले जमातियों में से अधिकांश ने दिल्ली की जमात में हिस्सा लिया था। अब क्राइम ब्रांच के साथ एसटीएफ की टीम कुछ नए नम्बरों को सर्विलांस पर लेकर गायब हुए जमातियों के बारे में पता लगाने में जुटी हुई है।

पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने बताया कि जमातियों का पूरा ब्योरा आ गया है। कुछ ब्योरा और मिलना बाकी है। दिल्ली में हुई जमात में शामिल होने गए लखनऊ के 18 लोग अभी वहीं क्वारंटीन है। पुलिस टीम परिवारजनों के सम्पर्क में है। यह मॉनिटरिंग लगातार हो रही है कि दिल्ली से कोई जमाती यहाँ आ तो नहीं गया है।

दरअसल दिल्ली मरकज में बड़ी संख्या में पाए गए जमातियों के बाद उत्तर प्रदेश में की गई छापेमारी के दौरान लखनऊ के काकोरी, गोमतीनगर और कैसरबाग स्थित मस्जिदों से 24 विदेशी नागरिकों को निकाला गया था। ये सभी विदेशी जमाती तभी दिल्ली की जमात में शामिल होकर लखनऊ वापस लौटे थे। इसके बाद लगातार की गई छापेमारी में पाए गए सभी जमातियों को पुलिस ने क्वारंटाइन कराया था, जिनमें से कई जमाती कोरोना पॉजीटिव भी मिले थे।

हकीकत तो यह है कि किसी भी हाल में प्रदेश सरकार जमातियों को खोजकर कोरोना से निपटने के लिए इन्हें क्वारंटाइन कर देना चाहती है। यही कारण है कि आजमगढ़ की पुलिस ने जमातियों का पता बताने पर 5000 रुपए का इनाम घोषित कर दिया है। आपको बता दें कि गुरुवार को यूपी पुलिस ने प्रदेश के विभिन्न जिलों से 48 जमातियों को घरों से खोज निकाला था।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना से 4 लोगों की मौत और इससे संक्रमित लोगों की संख्या 431 हो गई है। वहीं इनमें से 246 तबलीगी जमात से जुड़े हुए जमाती हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -