Saturday, April 27, 2024
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पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी के लिए अहमदाबाद में 2000 से अधिक दान पेटियाँ, मुस्लिम युवाओं के ब्रेनवॉश के लिए होता है पैसों का इस्तेमाल: रिपोर्ट

पाकिस्तान के इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी (DIE) को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। ताजा जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के इस इस्लामिक संगठन को दान करने के लिए अहमदाबाद में 2000 से अधिक दान पेटियाँ मिली हैं। गुजरात स्थित स्थानीय दैनिक संदेश में भी यह जानकारी दी गई है। बता दें कि यह वही संगठन है जो आतंकी गतिविधियों को उकसाने के लिए जाना जाता है। 

संदेश की रिपोर्ट के अनुसार, दान पेटियों में एकत्र किए गए धन को पाकिस्तान भेजा जाता है, फिर वहाँ से मुस्लिमों को इस्लामी शिक्षा प्रदान करने की आड़ में दुबई के रास्ते भारत वापस भेज दिया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल मुुस्लिमों का ब्रेनवॉश करने के लिए किया जाता है। बताया जाता है कि मौलाना उस्मानी ही दावत-ए-इस्लामी का केंद्र चलाता है। मौलाना उस्मानी का नाम किशन भरवाड हत्याकांड में आरोपित के रूप में सामने आया है। आरोपित मौलाना उस्मानी ग़ज़वा-ए-हिंद के उस लक्ष्य की ओर काम कर रहा है, जो भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने पर जोर देता है।

इस्लामिक संगठन पाकिस्तान के कराची शहर के बाहर स्थित है और इसकी शाखाएँ दुनिया भर में हैं। इसकी स्थापना 1981 में मौलाना अबू बिलाल मुहम्मद इलियास अटारी द्वारा की गई थी। इसे सूफी सिद्धांतों से प्रेरित एक पुनरुत्थानवादी संगठन के रूप में शुरू किया गया था। इसके अलावा, यह तब से एक चरमपंथी इस्लामी संगठन के रूप में विकसित हो गया है। जिसकी आतंकियों से खुले तौर पर संबंध हैं।

हाल ही में 2020 में, पेरिस में शार्ली हेब्दो हमले में शामिल एक आतंकवादी ने DIE के संस्थापक इलियास अटारी को अपना मार्गदर्शक बताया। मोहम्मद अशरफ नाम का एक पाकिस्तानी आतंकवादी भी इस संगठन से जुड़ा पाया गया था। उसे अक्टूबर 2021 में दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था।

आतंकवाद निरोधी दस्ते की टीम ने किशन भरवाड मामले के एक अन्य आरोपित मौलवी अयूब के साथ जमालपुर का दौरा किया था, जिसने कथित तौर पर हत्यारों को बंदूक मुहैया कराई थी। एटीएस की टीम ने जमालपुर में होटल रियाज के पास उसके घर की भी तलाशी ली। उन्होंने मौलवी अय्यूब की हिंदी और गुजराती में लिखी किताब ‘जज्बा-ए-शहादत’ जब्त की है। उनके पास से एक एयरगन भी जब्त की गई, जिस पर वह शूटिंग का प्रैक्टिस करता था।

इसके अलावा आरोपित शब्बीर उर्फ ​​सबा चोपड़ा, इम्तियाज पठान, मौलाना अय्यूब जवरावाला, अजीम समा और कमर गनी उस्मानी और अन्य पर यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम) और GUJCTOC (गुजरात आतंकवाद और असंगठित अपराध नियंत्रण) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

गौरतलब है कि 25 जनवरी, 2022 को कथित ईशनिंदा को लेकर बाइक सवार युवक किशन भरवाड की दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दरअसल, किशन ने एक वीडियो शेयर किया था जिसमें पैगंबर मुहम्मद की तस्वीर दिखाई दे रही थी। मुस्लिमों का दृढ़ विश्वास है कि पैगम्बर मुहम्मद का तस्वीर दिखाना या चित्र बनाना वर्जित है। इस्लामवादियों का मानना ​​​​है कि इस तरह का दृश्य दिखाना ईशनिंदा है और पैगम्बर मुहम्मद का ‘अपमान’ है, और ईशनिंदा करने वाले का सिर कलम करना उचित सजा है। वहीं आगे मामले की जाँच करने पर पता चला कि यह हत्या एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी।

‘वे मारने, आँख फोड़ने, हाथ-पैर काटने की धमकी दे रहे’: पाकिस्तान में हिंदू व्यापारी की गोली मारकर हत्या, मिली थी भारत जाने की धमकी

पाकिस्तान में एक हिंदू व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मृतक की पहचान सतन लाल के तौर पर हुई है। घटना सोमवार (31 जनवरी 2022) की है। सिंध प्रांत के घोटकी जिले की डाहरकी शहर के पास उन्हें गोली मारी गई। आरोपित दहर समुदाय से जुड़े बताए जा रहे। कुछ समय पहले सतन लाल ने जमीन विवाद में जान से मारने और पाकिस्तान छोड़ भारत जाने की धमकी मिलने की बात कही थी।

उनकी हत्या की वजह जमीन विवाद ही बताई जा रही। हत्या के विरोध में नाराज लोगों ने हाइवे जाम कर दिया। सतन लाल के दोस्त मुखी अनिल कुमार ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया, “सतन लाल की जमीन पर कपास की फैक्ट्री और आटा चक्की का उद्घाटन था। इसी दौरान कुछ लोगों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पहले ऐसा लगा था कि समुदाय के आध्यात्मिक नेता सेन साधराम साहब का स्वागत करने के लिए हवाई फायरिंग की गई है।”

सतन लाल ने कुछ महीने पहले आरोप लगाया था कि उन्‍हें धमकी देते हुए कहा गया है कि यदि ज‍िंदा रहना है तो वे पाकिस्‍तान छोड़कर भारत चले जाएँ। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें वे कह रहे थे, “वे मुझे मारने, मेरी आँखें फोड़ने और मेरे हाथ और पैर काटने की धमकी दे रहे हैं। वे मुझे पाकिस्तान से जाने के लिए कह रहे हैं। मैं इस देश का हूँ और मैं यहाँ मरना पसंद करूँगा, लेकिन आत्मसमर्पण नहीं करूँगा। सड़क के किनारे की जमीन मेरी है और मैं इसे क्यों छोड़ दूँ।” सतन लाल ने इस मामले में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश और अन्य अधिकारियों से उन्हें न्याय प्रदान करने का अनुरोध किया था। हालाँकि इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

हिंदू व्यवसायी की हत्या के विरोध में मंगलवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। धरने के बाद पुलिस ने हत्या के आरोपित बचाल दाहर और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले अपराधियों को पकड़ने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसी पर दबाव बनाने के प्रयास में स्थानीय लोगों ने डहारकी पुलिस के सामने धरना दिया था।

पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) पुलिस सुक्कुर ने बताया कि घटना में शामिल दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दो एकड़ जमीन को लेकर विवाद था। इलाके के स्थानीय पत्रकारों ने दावा किया कि करीब आठ साल पहले कुछ लोगों ने सतन लाल को गोली मारकर घायल कर दिया थ। उन पर कुछ महीने पहले भी हमला हुआ था।

वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के विधायक खेल दास कोहिस्तानी ने कहा कि सिंध में सह-अस्तित्व की छवि को धूमिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जहाँ हिंदू और मुस्लिम सदियों से शांति से रहते हैं। पीएमएल-एन नेता ने दावा किया कि हिंदू समुदाय की लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और लोगों का अपहरण और हत्या की जा रही। कोहिस्तानी ने कहा कि प्रांत में रहने वाले अल्पसंख्यकों को सुरक्षा नहीं दी गई, तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री, आईजी पुलिस और अन्य से स्थिति का संज्ञान लेने और खतरे का सामना कर रहे हिंदू परिवारों को न्याय और सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया है।

‘…मथुरा-वृन्दावन कैसे छूट जाएगा’: CM योगी ने बताया कैसे तस्वीर बदल रहा ब्रज तीर्थ विकास परिषद

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के मद्देनजर सियासी सरगर्मी काफी तेज है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aaditynath) ने बुधवार (2 फरवरी 2022) को मथुरा (Mathura) की अपनी यात्रा से पहले बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ट्विटर के जरिए बताया है कि किस तरह से सरकार बृज तीर्थ विकास परिषद के जरिए लगातार काम कर रही है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सनातन आस्था, गौरवशाली इतिहास और भारत के गौरव को फिर से स्थापित करना ही भाजपा का लक्ष्य है। उन्होंने ट्वीट किया, “भारत की अस्मिता और सनातन आस्था के मानबिन्दुओं के सम्मान व अपने अतीत की गौरवशाली परम्परा की पुनर्स्थापना भाजपा का ध्येय है। अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर और काशी में भगवान विश्वनाथ का भव्य धाम बन रहा है। फिर मथुरा-वृन्दावन कैसे छूट जाएगा!” एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि ब्रज तीर्थ विकास परिषद इसी उद्देश्य की पूर्ति कर रहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने ये भी कहा, “सनातन आस्था का सम्मान करते हुए भाजपा सरकार ने पुण्यभूमि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थल के 10 वर्ग किलोमी​टर के क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किया है। गोपाल की भूमि पर अब मदिरा-मांस का क्रय-विक्रय नहीं होता। जय कन्हैया लाल की…”

उन्होंने आगे कहा कि सप्तपुरियों में जिस पवित्र अयोध्या, मथुरा और काशी का उल्लेख किया गया है वो आज उत्तर प्रदेश की पहचान बन रही है। अयोध्या दीपोत्सव, ब्रज रंगोत्सव और काशी देव-दीपावली जैसे आयोजनों के माध्यम से इन पवित्र नगरों में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिला है। आस्था का सम्मान और अर्थव्यवस्था का संवर्धन हो रहा है।

गौरतलब है कि मथुरा भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान है, जिसे कृष्ण जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है। मथुरा में जहाँ पर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर स्थित ही वहाँ मुगल काल में शाही ईदगाह मस्जिद बना दी गई थी। उल्लेखनीय है कि यूपी विधानसभा चुनावों के पहले चरण के मतदान से पहले सीएम योगी आज (बुधवार) मथुरा के दौरे पर जा रहे हैं। पहले चरण के तहत मथुरा में मतदान होने हैं।

बेंगलुरु में रेलवे स्टेशन के रेस्टरूम को बना दिया ‘मस्जिद-ए-नूरानी’, पढ़ी जाती है नमाज: गैर मुस्लिमों का प्रवेश बंद

बेंगलुरु में एक रेलवे स्टेशन पर कुलियों के लिए बने रेस्टरूम को नमाज पढ़ने की जगह में तब्दील किए जाने पर बवाल हो रहा है। हिंदूवादी कार्यकर्ता ‘क्रांतिवीरा संगोल्ली रायणना रेलवे स्टेशन’ के अंदर पब्लिक प्रॉपर्टी को मस्जिद बनाए जाने पर नाराजगी जता रहे हैं। एक वीडियो सामने आई है जिसमें बताया जा रहा है कि कैसे कुलियों के रेस्टरूम को नमाज पढ़ने का स्थान बना दिया गया है। ये जगह केएसआर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर है।

पिछले दिनों एक यूजर ने इसकी वीडियो को शेयर करते हुए रेलवे मंत्री अश्विन वैष्णव और भारतीय रेलवे से इसके विरुद्ध कार्रवाई की माँग की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस जगह पर हर समुदाय के कुलियों के लिए रेस्टरूम बना था। लेकिन 10 वर्ष पहले इस जगह को मस्जिद (नमाज पढ़ने की जगह) बना दिया गया। इसके बाद अन्य समुदाय के लोगों का यहाँ आना बंद कर दिया गया। अब ये जगह मस्जिद-ए-नूरानी नाम से पहचानी जाती है।

रेस्टरूम को बनाया मस्जिद

इस मस्जिद की वीडियो आने के बाद हिंदू जनजागृति वैदिक के कार्यकर्ता दक्षिण पश्चिमी रेलवे अधिकारियों का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सोमवार को मस्जिद में एंट्री भी की। तमाम हिंदू संगठनों की माँग है कि ये अवैध मस्जिद बंद होनी चाहिए। सामान्य जन भी सवाल कर रहे हैं कि आखिर रेलवे प्रशासन इतनी लापरवाही कैसे कर सकता है।

हिंदू कार्यकर्ताओं की शिकायत

इस संबंध में हिंदू कार्यकर्ताओं ने एक लिखित शिकायत भी दी है। इसमें अवैध जगह के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग की गई है। पत्र में संगठन के लोगों ने इस तरह अवैध मस्जिद बनाए जाने की निंदा की है। साथ ही साथ इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा है। पत्र में लिखा है, “बेंगलुरु केएसआर रेलवे स्टेशन राज्य का एक खास स्टेशन है। इसके ईर्द-गिर्द कई मस्जिद हैं। ऐसे में प्लेटफॉर्म के भीतर नमाज के लिए अनुमति देना कोई साजिश लगती है।”

Illegal mosque crops up at Bengaluru railway station

पत्र में इस बात का भी उल्लेख है कि कैसे पिछले कुछ समय में बेंगलुरु आतंकी गतिविधियों का गढ़ बना है। NIA ने 2018 में यहाँ से बंगाल के आदिल असदुल्लाह को पकड़ा था। 2019 में मो अकरम नाम का आतंकी पकड़ा गया। इसके अलावा बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिद्दीन के एक आतंकी को भी बेंगलुरु की एक मस्जिद से पकड़ा गया था। 

हिंदू कार्यकर्ताओं ने इस निर्माण के विरुद्ध फौरन एक्शन लेने को कहा है। इस बीच टाइम्स नाऊ के पत्रकार इमरान खान ने बताया कि साउथ वेस्टर्न रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि नमाज के लिए जगह स्टेशन पर सालों से है। एक सीनियर रेलवे पुलिस अधिकारी ने तो ये तक कहा कि अधिकारियों को इस बदलाव की सूचना तक नहीं थी जब तक ये मामला सोशल मीडिया पर नहीं आया। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने जगह का मुआएना करने के बाद कहा कि अगर जगह को नमाज पढ़ने के लिए तब्दील किया गया है तो इसके विरुद्ध कार्रवाई जरूर होगी।

आंध्र के जिस ‘जिन्ना टॉवर’ पर 26 जनवरी को नहीं फहराने दिया तिरंगा, वह राष्ट्रीय ध्वज के रंग में रंगा: नाम कब बदलेगा

आंध्र प्रदेश के गुंटूर में है ‘जिन्ना टॉवर’ (Jinnah Tower)। इसका नाम बदलने की माँग की जा रही है। गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी 2022 को इस टॉवर पर तिरंगा फहराने की कोशिश कर रहे हिंदू वाहिनी के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। अब इस टॉवर को राष्ट्रीय ध्वज के रंग में रंग दिया गया है। इस पर तिरंगा फहराने की व्यवस्था भी की जा रही है।

26 जनवरी को हाथ में तिरंगा लिए हिंदू वाहिनी के सदस्यों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग भी किया था। टॉवर के चारों ओर बैरियर लगा दिए गए थे भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगा रहे इन लोगों को बल प्रयोग कर रोकने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। नेटिजन्स ने इस पर आक्रोश जताया था। विवाद बढ़ने पर राज्य की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कॉन्ग्रेस (YSRCP) के विधायक मोहम्मद मुस्तफा कहा है, “विभिन्न समूहों के अनुरोध पर टॉवर को तिरंगे से सजाने और उसके पास राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए एक पोल बनाने का फैसला लिया गया है।”

बताया जा रहा है कि गुरुवार (3 फरवरी 2022) को यहाँ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। मुस्तफा ने बताया “बड़े मुस्लिम नेताओं ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आजादी मिलने के बाद कुछ मुस्लिम देश छोड़कर पाकिस्तान में बस गए। लेकिन, हम अपने देश में भारतीय के रूप में बने रहना चाहते हैं और हम अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं।”

उल्लेखनीय है कि इस मामले में भाजपा की आंध्र प्रदेश इकाई ने पिछले दिनों गुंटूर नगर निगम आयुक्त चल्ला अनुराधा को एक ज्ञापन भी सौंपा था। इसमें टॉवर का नाम पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की माँग उठाई गई थी। भाजपा प्रदेश इकाई के नेताओं ने इस टॉवर का नाम बदलने की माँग करते हुए कहा था कि 75 साल बाद भी एक ‘गद्दार’ के नाम पर टॉवर का नाम होना देश का अपमान है।

भाजपा नेताओं ने माँग की थी कि सरकार को जिन्ना टॉवर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए और उसका नाम अब्दुल कलाम टॉवर रखना चाहिए। भाजपा जिलाध्यक्ष पी रामकृष्ण ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने कदम नहीं उठाया तो वे 5 फरवरी तक जिन्ना टॉवर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएँगे। बीजेपी नेताओं और हिंदू संगठनों की माँग और धमकी के बाद, जीएमसी ने टावर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिन्ना टॉवर के चारों ओर लोहे की जाली लगाकर पुलिस चौकी बनाई दी गई थी।

…इसलिए होटल की 7वीं मंजिल से कूदी मॉडल: राजस्थान के मंत्री के साथ सोने का था दबाव, नहाते हुए बना लिया था वीडियो

पिछले दिनों राजस्थान के जोधपुर में मॉडल गुनगुन उपाध्याय होटल की सातवीं मंजिल से कूद गई थी। इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्टों के अनुसार मॉडल पर राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार के मंत्री रामलाल जाट के साथ सोने का दबाव था। आरोपितों ने मॉडल का नहाते हुए वीडियो बना लिया था। इसके जरिए वे उस पर दबाव बना रहे थे और हनी ट्रैप के जाल में मंत्री को फँसाने की साजिश रची थी।

पुलिस ने साजिश रचने वाले युवक-युवती को मंगलवार (1 फरवरी 2022) को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान अक्षत (32) और दीपाली (30) के तौर पर हुई है। अक्षत शर्मा उर्फ नितिन उर्फ चिनू भीलवाड़ा के सुभाषनगर का रहने वाला है। दीपाली झुंझुनू की रहने वाली है और एक मॉडल है। अक्षत गिरोह का मास्टरमाइंड है। व्यापारियों और प्रभावशाली लोगों को फँसाकर ब्लैकमेल करने का इनका इतिहास रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार आरोपितों ने गुनगुन को फोटोशूट के लिए उदयपुर बुलाया था। यहाँ से उसे भीलवाड़ा ले गए। सर्किट हाउस के पास बने होटल में ठहरे। मॉडल जब बाथरूम में नहा रही थी तो आरोपितों ने उसका आपत्तिजनक वीडियो बना लिया। इसके बाद उसे वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगे। लेकिन मॉडल भीलवाड़ा से निकल गई, जिससे आरोपितों की साजिश कामयाब नहीं हुई।

जोधपुर डीसीपी भुवन भूषण के अनुसार दो अन्य लड़कियों के साथ दीपिका और अक्षत ने भीलवाड़ा के सर्किट हाउस में रामलाल जाट से मुलाकात भी की थी। उन्हें कुछ दस्तावेज दिखाए थे। लेकिन जाट ने बताया कि यह मामला उनसे जुड़ा नहीं है और बात आगे नहीं बढ़ पाई। इसके बाद मंत्री के संपर्क में आने के लिए वे मॉडल को चारा बनाकर उन्हें फँसाने की कोशिश में लगे थे।

गौरतलब है कि गुनगुन ने रविवार (30 जनवरी 2022) को होटल 7 लॉर्ड्स की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या की कोशिश की थी। वह एक कार के ऊपर गिरी, जिससे उसकी जान बच गई। उसे घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया। 19 साल की गुनगुन शनिवार को जोधपुर आई और रातानाडा के होटल में रुकी। सुसाइड की कोशिश से पहले उसने अपने पिता को फोन किया था। उनसे कहा था, “पापा मैं सुसाइड करने जा रही हूँ, बस मेरा चेहरा देख लेना।’ उनके पिता गणेश उपाध्याय ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस जब तक लोकेशन ट्रैस कर गुनगुन तक पहुँचती वह छलांग लगा चुकी थी।

‘कॉरपोरेट टैक्स 18% से घट कर 15% हुआ’: आम बजट के नाम पर फेक न्यूज फैला रहा था NDTV, नेटिजन्स बोले- बैन करो

साल 2022 के आम बजट के पेश होने के दौरान भी एनडीटीवी ने अपना फेक न्यूज फैलाने का कारोबार तेज रखा और शब्दों के हेर-फेर से जनता को भ्रमित करने का काम किया। हालाँकि, इस बार एनडीटीवी के खेल की पोल खोली है खुद पीआईबी ने। पीआईबी ने एनडीटीवी पर फैलाए गए झूठ का स्क्रीनशॉट लगाकर उसे साझा किया और उसपर फेक न्यूज का स्टैंप भी लगाया। अपने ट्वीट में पीआईबी ने बताया कि जिसे एनडीटीवी कॉरपोरेट टैक्स बता रहा है वो हकीकत में कॉपरेटिव टैक्स है।

पीआईबी द्वारा साझा किए गए स्क्रीनशॉट में देख सकते हैं कि एनडीटीवी ने किस तरह बजट पेश होने के दौरान स्क्रीन पर चलाया कि कॉरपोरेट टैक्स 18 % से घट कर 15% हो गया है, जो कि एक फेक न्यूज है। हकीकत में सरकार ने सहकारी समितियों (co-operative societies) के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर की दर (Alternate Minimum Tax rate) को मौजूदा 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।

आपको बता दें कि शब्दों के हेर-फेर से पाठक को भ्रमित करना और अपना प्रोपगेंडा फैलाना एनडीटीवी के लिए कोई नई बात नहीं है। यही वजह है कि अब सोशल मीडिया यूजर इससे वाकिफ हो गए हैं और एनडीटीवी का खुलकर मजाक उड़ा रहे हैं। खबर को पढ़ने के बाद लोगों का पूछना है कि एनडीटीवी लगातार फेक न्यूज फैलाने में लगा है। आखिरकार इसके विरुद्ध कार्रवाई कब की जाएगी। ये लोग कब तक झूठ परोसेंगे। 

यूजर्स का सरकार से पूछना है कि आखिर हर बार इतनी गलती करने के बाद भी क्यों एनडीटीवी को बख्शा जाता है। क्यों इन्हें बैन करके एक उदाहरण पेश नहीं किया जाता।

बता दें कि एनडीटीवी केवल सरकार को नकारात्मक दिखाने के लिए ही फेक न्यूज का सहारा नहीं लेता है बल्कि तमाम सामाजिक मुद्दों से लेकर कोरोना वैक्सीन पर झूठ फैलाने का कार्य कर चुका है। कुछ वक्त पहले एनडीटीवी के प्राइम टाइम एंकर रवीश कुमार कृषि कानूनों पर किसान आंदोलन के बीच झूठ फैलाते पकड़े गए थे। इसी प्रकार  NDTV के पत्रकार विष्णु सोम ने एक बार फिर लोगों को गुमराह करने का काम किया था। उन्होंने बताने की कोशिश की थी स्कूलों में बच्चों को कोवैक्सीन की एक्सपायर्स टीके लगाए जा रहे हैं।

‘हिंदुत्ववादियों की राजनीति यानि गुंडागर्दी’: राहुल गाँधी ने सोशल मीडिया पर कानपुरिया चाचा-भतीजे की ठिठोली शेयर कर फिर कराई अपनी फजीहत

कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने सोशल मीडिया पर कानपुरिया चाचा-भतीजे की एक वीडियो शेयर कर एक बार फिर अपनी फजीहत करा ली है। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले राहुल गाँधी इस तरह से सोशल मीडिया पर अपनी किरकिरी कराएँगे। दरअसल, राहुल गाँधी ने सोशल मीडिया पर BJP और उसके नेताओं के बारे में आलोचना करने वालों से इस कदर प्रभावित हो जाते हैं कि उन पर आँख मूँदकर उन विश्वास कर लेते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है।

दरअसल, टाईम्स आफ इंडिया के पत्रकार अरविंद चौहान ने मंगलवार (1 फरवरी 2022) को अपने ट्विटर हैंडल पर चाचा भतीजे का एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें भतीजा अपने चाचा को कह रहा था, “कहो कि आप भाजपाई हो।” इस पर चाचा इनकार कर देते हैं। दोनों कानपुर के रहने वाले हैं और अपने मजाकिया अंदाज में एक दूसरे से बहस कर रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए अरविंद चौहान ने लिखा, “गोविंद नगर विधानसभा (कानपुर) से वार्ड 91 के पार्षद राघवेंद्र मिश्रा भगवा पार्टी के खिलाफ वोट वाले एक वरिष्ठ नागरिक को कथित तौर पर धमकी देते हुए कैमरे में कैद हुए।” फिर क्या था। राहुल गाँधी ने वीडियो की जाँच किए बिना ही इसे शेयर कर दिया और लिखा, “हिंदुत्ववादियों की राजनीति यानि गुंडागर्दी।”

हालाँकि, मामला तूल पकड़ने के बाद राहुल कौशिक ने इस वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने लिखा, ”चाचा-भतीजे की ठिठोली को धमकी बताकर झूठ फैलाना, गाँधी खानदान इसी के बल पर 70 साल से अपनी दुकान चलाते आया है। पर ये भूल गए कि काठ की हांडी बार-बार भले चढ़ जाए, पर हर बार तो नहीं ही चढ़ती!” वहीं बुजुर्ग भी इस वीडियो में कह रहे हैं कि हम दोनों हंसी ठिठोली कर रहे थे। वो मुझे भाजपा में आने को कह रहे थे, मैंने उनसे कहा मैं नहीं आऊँगा।

वहीं अरविन्द चौहान ने भी खेद जताते हुए, एक दूसरा अपडेट ट्वीट में लोगों को सही जानकारी दी है।

‘मेरे अब्बा नहीं, अब योगी आदित्यनाथ छोड़कर जाएँगे लखनऊ’: कॉन्ग्रेस प्रत्याशी मुनव्वर राना की बेटी उरुशा का बयान

विवादित शायर मुनव्वर राना की बेटी उरूसा ने अपने अब्बा की तरह ही योगी सरकार के खिलाफ जहर उगला है। उत्तर प्रदेश की पुरुवा विधानसभा सीट से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी उरुशा ने अपने अब्बा के जनपद छोड़ने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मेरे अब्बा नहीं, बल्कि योगी आदित्यनाथ लखनऊ छोड़कर गोरखपुर जाएँगे।”

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, उरुशा राना ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने मुसलमानों को धोखा दिया है। उरूसा ने आगे कहा कि CAA-NRC प्रोटेस्ट के दौरान जब उनकी बेटी धरने में पहुँच गई थी, तो अखिलेश यादव ने कहा था कि वह धोखे से रास्ता भटक गई है। इस बयान से अखिलेश की मानसिकता समझ में आती है।

उन्होंने कहा कि NRC का मुद्दा हमेशा रहेगा। कॉन्ग्रेस ने जिस तरह इस मुद्दे को उठाया है और मुझे टिकट दिया है, उससे स्पष्ट है कि पार्टी मुस्लिमों के हर मुद्दों में उनके साथ खड़ी है।

मालूम हो कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनों के बाद चर्चा में आई उरूसा ने अक्टूबर 2020 में कॉन्ग्रेस जॉइन किया था। उन्हें पार्टी ने उत्तर प्रदेश महिला कॉन्ग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया था। उरुशा जुलाई 2021 में भी उस वक्त चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के खास माने जाने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था।

उरुशा ने आरोप लगाया था कि जब वह लखनऊ में गाँधी प्रतिमा के सामने धरना-प्रदर्शन से पहले प्रियंका गाँधी का अभिवादन करने उनके नजदीक पहुँचीं तो लल्लू ने उन्हें बेइज्जत करके वहाँ से चले जाने को कहा।

बता दें कि कॉन्ग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly election 2022) राना की बेटी उरुशा (Urusha Rana) को पुरुवा से प्रत्याशी बनाया है। उरुशा के अलावा उनकी बहन सुमैया भी अक्सर योगी सरकार के खिलाफ अपने पिता की तरह ही जहर उगलती रहती हैं।

रील्स बनाना पड़ा भारी: कालीन भैया बनकर कट्टा दिखाकर डराने वाला यूपी पुलिस की गिरफ्त में, वायरल हुई थी वीडियो

‘मिर्जापुर वेबसीरीज’ में कालीन भैया का किरदार निभाने वाले पंकज त्रिपाठी की नकल करना एक युवक को भारी पड़ गया। खबर है कि उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में एक युवक ने कालीन भैया का डायलॉग का शॉर्ट वीडियो बना सोशल मीडिया (Social Media) पर डाल दिया। इस वीडियो में वह कट्टा थामे दिखाई दे रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद यूपी पुलिस ने उसे धर दबोचा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंदौली के सकलडीहा थाना क्षेत्र के रहने वाले अभिमन्यु सिंह नाम के युवक ने हाथ में कट्टा लिए हुए रील बनाकर सोशल मीडियो पर पोस्ट की थी। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गई, जिसके बाद ट्वीटर पर एक यूजर ने चंदौली और यूपी पुलिस समेत कई लोगों को टैग करके लिखा कि यह युवक आए दिन लड़कों को दिन दहाड़े गन दिखाकर डरा रहा है, आप इस पर कार्रवाई करें। वीडियो के बैकग्राउंड में मिर्जापुर का टाइटल ट्रैक चल रहा है।

यूपी पुलिस ने तत्काल इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी। डीवाईएसपी के पद पर तैनात अनिरूद्ध सिंह ने लिखा, “बहुत जल्द कार्रवाई से अवगत कराता हूँ।”

डीवाईएसपी अनिरूद्ध सिंह ने युवक को गिरफ्तार करने के बाद का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि ‘कालीन भइया कुल्लू’। वीडियो में पहले युवक के रील का बनाने का वीडियो है बाद में गिरफ्तार होकर पुलिस हिरासत में खड़ा है। उसमें एक लाइन भी लिखी है कि यूपी पुलिस का वादा है… कालीन भइया यूपी पुलिस के खुरदुरे कालीन पर।

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को चंदौली पुलिस ने रिट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, “चढ़ा था सुरूर बनने का कालीन भैया, पहुँच गए कोतवाली अब जमीन शैया।”

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