Saturday, May 17, 2025
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रामचरितमानस जलाने वाले सलीम और उसके साथी पर लगा रासुका: शिकायतकर्ता ने कहा – किसी हालत में नहीं हटूँगा पीछे, हो सकती है और गिरफ्तारियाँ

शिकायतकर्ता ने हमें आगे बताया कि उन्हें उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही फरार चल रहे और अब तक चिह्नित न हो पाए आरोपितों को भी जल्द गिरफ्तार कर के कड़ी से कड़ी धाराओं में जेल भेजेगी।

उत्तर प्रदेश की लखनऊ पुलिस ने रामचरितमानस जलाने के 2 आरोपितों पर रासुका (NSA) के तहत कार्रवाई की है। इन आरोपितों के नाम मोहम्मद सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा हैं। इस कार्रवाई की जानकारी पुलिस ने रविवार (5 फरवरी, 2023) को दी है। इस केस में अब तक गिरफ्तार 5 आरोपित फ़िलहाल लखनऊ की जेल में बंद हैं। फिलहाल पुलिस 29 जनवरी, 2023 की इस घटना में वायरल हुए वीडियो की जाँच कर रही है। मामले में कुछ अज्ञात आरोपितों का भी जिक्र है जिसकी पहचान कर के आगे और भी गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।

लखनऊ पुलिस ने अपनी कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया है कि अब्दुल हसन के बेटे सलीम और गुरुदयाल के बेटे सत्येंद्र कुशवाहा पर रासुका लगाने के लिए जिलाधिकारी (DM) ने संस्तुति की है। कार्रवाई का आदेश जिला जेल में तामील करवाया जा चुका है। यह कार्रवाई रासुका की धारा 3(2) के तहत हुई है। पुलिस ने सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा की हरकत को लोक व्यवस्था के प्रतिकूल बताया है। इस मामले में PGI थाने में केस दर्ज है।

ऑपइंडिया ने इस मामले में शिकायतकर्ता सतनाम सिंह से बात की। सतनाम ने हमें बताया कि वो प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट हैं और पुलिस इस मामले में अधिकतम राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका/NSA)’ की धारा लगा सकती थी, वो उसने किया। सतनाम के मुताबिक पीठ पीछे तमाम बातें चल रही हैं लेकिन सामने से किसी ने भी केस खत्म करने या इसे वापस लेने का दबाव नहीं बनाया। सतनाम ने कहा कि भविष्य में अगर कोई दबाव बनाएगा भी तो वो पीछे नहीं हटेंगे।

शिकायतकर्ता ने हमें आगे बताया कि उन्हें उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही फरार चल रहे और अब तक चिह्नित न हो पाए आरोपितों को भी जल्द गिरफ्तार कर के कड़ी से कड़ी धाराओं में जेल भेजेगी।

क्या था पूरा मामला

गौरतलब है कि जनवरी 2023 में बिहार के मंत्री चंद्रशेखर के बयान का समर्थन करते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने इसे बकवास बताते हुए बैन तक करने की माँग कर डाली थी। इस बयान के विरोध में पूरे देश में आवाज उठाई गई थी और स्वामी प्रसाद के खिलाफ कई स्थानों पर केस दर्ज करवाए जाने लगे थे। इस बीच लखनऊ के PGI थानाक्षेत्र में देवेंद्र प्रताप, यशपाल लोधी, महेंद्र प्रताप , सतेंद्र कुशवाहा, मोहम्मद सलीम, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एस एस यादव और संतोष वर्मा ने रामचरितमानस की प्रतियाँ जलाईं

थीं।

इस दौरान कुछ अन्य अज्ञात आरोपित भी मौजूद थे। भाजपा नेता सतनाम सिंह उर्फ़ लवी की शिकायत पर पुलिस ने स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कुल 10 लोगों को नामजद करते हुए कुछ अन्य अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज की थी। मामले में अब तक 5 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। बाकी फरार चल रहे हैं जिनकी तलाश में पुलिस की दबिश जारी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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