Saturday, March 22, 2025
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मुस्लिम भीड़ चुन-चुनकर ढूँढ रही थी तुलसी के पौधे वाले घर, देवी-देवताओं की मूर्ति देख आग लगा रही थी: नागपुर हिंसा के बाद हिंदू पीड़ितों ने सुनाई आपबीती, महिलाओं ने पूछा- अगर दंगाई पकड़ लेते तो क्या होता

नागपुर हिंसा में बांग्लादेशी कनेक्शन भी उजागर हुआ। साइबर सेल ने 97 सोशल मीडिया अकाउंट्स पकड़े, जो अफवाह फैला रहे थे। इनमें से ज्यादातर बांग्लादेशी IP से चल रहे थे।

नागपुर में सोमवार (17 मार्च 2025) को हुई हिंदू विरोधी हिंसा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। मुस्लिम भीड़ ने हिंदू घरों और गाड़ियों को निशाना बनाया, जिससे लोगों में डर और गुस्सा फैल गया। स्थानीय हिंदुओं ने बताया कि मुस्लिमों की भीड़ ने तुलसी के पौधे को तोड़ा और गाड़ियों में रखी भगवान की मूर्तियों को देखकर उन्हें आग के हवाले कर दिया।

टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए एक हिंदू महिला ने कहा, “उन्होंने तुलसी की कुंडी को फेंक दिया, गालियाँ दीं और भड़काऊँ नारे लगाए।” एक दूसरी महिला ने बताया, “वे चिल्ला रहे थे कि हिंदुओं को नागपुर में रहने नहीं देंगे।” ऑटो रिक्शा चालक को भी धमकी दी गई कि अंदर घुसा तो काट डालेंगे।

हिंदुओं ने खुलासा किया कि हमलावरों ने गाड़ियों पर स्वास्तिक और मूर्तियाँ देखकर उन्हें जलाया, जबकि मुस्लिम घरों और गाड़ियों को छुआ तक नहीं। गवाहों ने बताया कि नकाबपोश हमलावर पेट्रोल बम, पत्थर और हथियारों से लैस थे। एक चश्मदीद ने कहा, “उन्होंने बच्चों पर भी पत्थर फेंके, दो पुलिस गाड़ियों और सड़क निर्माण के क्रेन को आग लगा दी।”

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भीड़ ने हिंदू पुलिस वालों को गालियाँ दीं और पेट्रोल बम से हमला किया। घायलों में ज्यादातर 24 से 40 साल के पुरुष हैं, जिनके सिर पर चोटें आईं। कई को सर्जरी की जरूरत पड़ी।

महिलाओं की सुरक्षा पर भी सवाल उठे। एक महिला ने कहा, “अगर वे किसी को पकड़ लेते तो क्या होता?” भीड़ में ज्यादातर किशोर थे। फिलहाल अब तक पुलिस ने 84 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान भी शामिल है। माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के नागपुर शहर अध्यक्ष फहीम पर 500 से ज्यादा लोगों को भड़काने का आरोप है। डीसीपी लोहित मतानी ने बताया कि चार FIR दर्ज हुईं, जिसमें फहीम पर देशद्रोह का केस भी है। उसका भड़काऊ भाषण का वीडियो भी सामने आया है।

नागपुर हिंसा में बांग्लादेशी कनेक्शन भी उजागर हुआ। साइबर सेल ने 97 सोशल मीडिया अकाउंट्स पकड़े, जो अफवाह फैला रहे थे। इनमें से ज्यादातर बांग्लादेशी IP से चल रहे थे। एक पोस्ट में धमकी दी गई कि “सोमवार की हिंसा छोटी थी, आगे बड़ी होगी।” इसके बाद पुलिस की तरफ से 34 अकाउंट्स पर कार्रवाई हुई और 10 FIR दर्ज की गईं।

उधर, कॉन्ग्रेस ने हिंसा की जाँच के लिए कमेटी बनाई, जिसमें माणिकराव ठाकरे, हुसैन दलवाई, नितिन राउत, यशोमति ठाकुर और साजिद पठान जैसे नेता शामिल हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या कॉन्ग्रेस सच ढूँढेगी या हमलावरों को बचाएगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा, “पुलिस पर हमला करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।” स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सुनियोजित हमला था, जिसमें हिंदुओं को निशाना बनाया गया।

मूल रूप से ये लेख अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित है। मूल रिपोर्ट को विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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