मोदी सरकार देश में जातीय जनगणना करवाएगी। यह जातीय जनगणना अगली सामान्य जनगणना के साथ होगी। इसको राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने मंजूरी दे दी है। मोदी सरकार ने यह भी आरोप लगाया है कि कॉन्ग्रेस और INDI गठबंधन के बाकी दल जाति जनगणना को एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करते रहे हैं।
बुधवार (30 अप्रैल, 2025) को यह फैसला केन्द्र सरकार की कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की। इस कैबिनेट बैठक में गन्ने का उचित मूल्य बढ़ाने समेत और भी कई फैसले लिए गए।
रेल और IT मामलों के केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति जनगणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के हितों के प्रतिबद्ध है।
#WATCH | Delhi | "Cabinet Committee on Political Affairs has decided today that Caste enumeration should be included in the forthcoming census," says Union Minister Ashiwini Vaishnaw on Union Cabinet decisions. pic.twitter.com/0FtK0lg9q7
— ANI (@ANI) April 30, 2025
अश्विनी वैष्णव ने इसके साथ ही कॉन्ग्रेस पर हमला भी बोला। उन्होंने कहा, “मनमोहन सिंह ने लोकसभा से कहा था कि जातिगत जनगणना के लिए एक कैबिनेट समिति बनाई जाएगी। यह वादा पूरा नहीं हुआ… लेकिन कॉन्ग्रेस ने इसकी जगह पर केवल एक जाति सर्वे करवाया। उसका नाम SECC है।”
उन्होंने आगे कहा, “कॉन्ग्रेस और INDI गठबंधन के दलों ने जाति जनगणना को सिर्फ एक राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। संविधान में जातिगत जनगणना केन्द्रीय सूची में है और केंद्र का अधिकार है। कुछ राज्यों में इसको लेकर सर्वे हुए हैं जो राजनीतिक नजरिए से किए गए हैं इनमे कोई पारदर्शिता नहीं है।”
अश्विनी वैष्णव ने आगे बताया, “इसी तरह के सर्वे के चलते सामाजिक सद्भाव में दरार पड़ी है। सामाजिक संरचना में राजनीतिक दरार ना पड़े इसलिए जनगणना में जातीय जनगणना को शामिल किया जाएगा। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह फैसला लिया है।”
केन्द्र सरकार का यह फैसला कॉन्ग्रेस समेत तमाम दलों के लिए झटके के जैसा आया है। कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी जाति जनगणना को लम्बे समय से हथियार बनाते रहे हैं। मोदी सरकार ने इसे सामान्य जनगणना के साथ शामिल करके नहले पर दहला मार दिया है। अब कॉन्ग्रेस इस मुद्दे को नहीं भुना पाएगी।
इस फैसले की सराहना गृह मंत्री अमित शाह ने भी की है, उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज हुई CCPA की बैठक में, आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का निर्णय लेकर सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का संदेश दिया गया है।”
सामाजिक न्याय के लिए संकल्पित मोदी सरकार ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
— Amit Shah (@AmitShah) April 30, 2025
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में आज हुई CCPA की बैठक में, आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का निर्णय लेकर सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का…
उन्होंने आगे लिखा, “कॉन्ग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने दशकों तक सत्ता में रहते हुए जातिगत जनगणना का विरोध किया और विपक्ष में रहते हुए इस पर राजनीति की। इस निर्णय से आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े सभी वर्गों का सशक्तीकरण होगा, समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और यह वंचितों की प्रगति के नए मार्ग प्रशस्त करेगा।”
कॉन्ग्रेस ने वहीं एक ओर इस फैसले का स्वागत किया है तो वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार पर इसमें देरी का आरोप लगाया है।