Thursday, July 17, 2025
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‘केरल के एक शहर से 400+ ईसाई लड़कियाँ गायब, बेटियों की जल्दी कर दें शादी’: केरल के नेता ने ‘लव जिहाद’ के जिस खतरे से चेताया, वह नई नहीं… जानिए कितनी विकट है स्थिति

ईसाई समुदाय के लोग लंबे वक्त से कहते आ रहे हैं कि उनके समुदाय की लड़कियों को प्यार के जाल में फँसाकर उनका धर्म बदलवाया जा रहा है। चर्च भी इस मुद्दे को कई बार उठा चुका है।

केरल के कोट्टायम जिले के पाला में शनिवार (8 मार्च 2025) को एक सम्मेलान में बीजेपी नेता पीसी जॉर्ज ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने ईसाई समुदाय से कहा कि अपनी बेटियों की शादी 24 साल की उम्र से पहले कर दें, नहीं तो वो लव जिहाद का शिकार हो सकती हैं। उनका दावा था कि सिर्फ मीनाचिल तालुक में ही 400 से ज्यादा ईसाई लड़कियाँ लव जिहाद की शिकार हो चुकी हैं। ये सम्मेलन नशे के खिलाफ जागरूकता के लिए था, जिसे पाला के बिशप जोसेफ काललरंगट और केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (KCBC) ने आयोजित किया था।

केरल के ईसाई समुदाय में लव जिहाद को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। ये कोई नई बात नहीं है, बल्कि सालों से इस मुद्दे पर चर्चा होती रही है। इस लेख में हम इसे आसान भाषा में समझेंगे कि ये बहस अभी क्यों तेज हुई, इसका इतिहास क्या है, और लोग इसे लेकर क्या-क्या कह रहे हैं।

दरअसल, लव जिहाद के मामले पर बोलते हुए पीसी जॉर्ज ने कहा कि मीनाचिल में गायब हुई 400 लड़कियों में से सिर्फ 41 को ही वापस लाया जा सका। उन्होंने एक ताजा घटना का जिक्र किया कि 8 मार्च को ही एक 25 साल की लड़की रात 9:30 बजे घर से चली गई और अभी तक उसका पता नहीं चला। जॉर्ज का कहना था कि अगर लड़कियों की शादी 22-23 साल की उम्र में कर दी जाए, तो वो इस खतरे से बच सकती हैं। उनका ये बयान सुनकर वहाँ मौजूद लोगों में हलचल मच गई, क्योंकि ये इलाका ईसाई बहुल है और लोग इस बात से चिंतित हैं।

जॉर्ज ने ये भी कहा कि अगर लड़की 28-29 साल की हो जाए और नौकरी करने लगे, तो वो शादी नहीं करना चाहती। फिर उसकी कमाई पर परिवार निर्भर हो जाता है और यहीं से दिक्कत शुरू होती है। उनका मानना है कि लव जिहाद से बचने का आसान तरीका है कि समय रहते शादी कर दी जाए।

पीसी जॉर्ज को ये बयान देने की जरूरत क्यों पड़ी?

पीसी जॉर्ज का ये बयान अचानक नहीं आया। दरअसल, केरल में लव जिहाद का मुद्दा सालों से चल रहा है, खासकर ईसाई समुदाय इसे लेकर पहले भी आवाज उठाता रहा है। जॉर्ज ने ये बात इसलिए कही, क्योंकि उन्हें लगता है कि ईसाई लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है और समाज में इस पर खुलकर बात नहीं हो रही। वो चाहते हैं कि लोग इस खतरे को समझें और अपनी बेटियों को बचाने के लिए कदम उठाएँ।

ये कोई नई चिंता नहीं है। ईसाई समुदाय के लोग लंबे वक्त से कहते आ रहे हैं कि उनके समुदाय की लड़कियों को प्यार के जाल में फँसाकर उनका धर्म बदलवाया जा रहा है। चर्च भी इस मुद्दे को कई बार उठा चुका है। मसलन कुछ साल पहले चर्च ने कहा था कि लव जिहाद के नाम पर लड़कियों को विदेश भेजा जा रहा है, जहां उनका गलत इस्तेमाल होता है।

पीसी जॉर्ज का बयान इसी पुरानी चिंता को फिर से ताजा करने की कोशिश है। उनके मुताबिक, मीनाचिल जैसे इलाकों में ये समस्या बढ़ती जा रही है, जहाँ ईसाई आबादी ज्यादा है। वो इसे एक सामाजिक खतरे के तौर पर देखते हैं और चाहते हैं कि लोग जागरूक हों।

लव जिहाद को लेकर 2019 में गृहमंत्री को लिखा गया था पत्र

केरल में लव जिहाद का मुद्दा कोई आज का नहीं है। सालों पहले 24 सितंबर 2019 को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि ईसाई लड़कियाँ लव जिहाद का आसान शिकार बन रही हैं। कुरियन ने दावा किया था कि 2005 से 2012 तक 7 साल में 4000 ईसाई लड़कियों को प्यार के जाल में फँसाकर उनका मजहब बदला गया। वो चाहते थे कि इसकी एनआईए से जाँच हो और सख्त कानून बने।

कुरियन ने अपने पत्र में कुछ घटनाओं का जिक्र किया था। जैसे केरल के कोझीकोड में एक ईसाई लड़की के साथ रेप हुआ और उसे ब्लैकमेल करके इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर किया गया। एक दूसरी घटना में भी ऐसा ही हुआ और लड़की का अपहरण कर लिया गया। कुरियन का कहना था कि ये सब सुनियोजित तरीके से हो रहा है और ईसाई लड़कियाँ इस्लामी कट्टरपंथियों का सॉफ्ट टारगेट बन रही हैं। इस पत्र के बाद भी कोई बड़ा कदम नहीं उठा, लेकिन चर्च और समुदाय में ये डर बढ़ता गया।

इसके अलावा चर्च भी इस मुद्दे पर सक्रिय रहा है। 2020 में साइरो मालाबार चर्च ने एक रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा गया कि लव जिहाद के नाम पर ईसाई लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है। चर्च ने वामपंथी सरकार पर इसे नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। पादरी फादर वर्गीज वल्लिकट्ट ने एक वीडियो में कहा था कि लव जिहाद सच है, और लड़कियों को सीरिया-अफगानिस्तान जैसे देशों में भेजकर सेक्स स्लेव बनाया जा रहा है। चर्च ने इसके खिलाफ स्क्रीनिंग भी शुरू की थी, ताकि लोग जागरूक हों।

बीजेपी नेता पीसी जॉर्ज इस मुद्दे को पहले भी उठाते रहे हैं। सीरियन कैथोलिक ईसाइयों का गढ़ मीनाचिल तालुक में वो लोगों से अपील करते हैं कि अपनी बेटियों को बचाएँ। उनके मुताबिक, 400 लड़कियों के गायब होने का आँकड़ा सिर्फ एक छोटा हिस्सा है। वो कहते हैं कि माता-पिता को सख्ती करनी चाहिए और शादी की उम्र पर ध्यान देना चाहिए। उनका ये बयान चर्च के उस रुख से मिलता-जुलता है, जो लव जिहाद को सामाजिक बुराई मानता है।

चर्च की चिंताओं की कवरेज-TOI में, साल 2019

इस मुद्दे पर ‘द केरला स्टोरी’ जैसी फिल्में बनीं, जिसने लव जिहाद और आतंकवाद की कहानी दिखाती हैं। चर्च स्कूलों और समुदाय में स्क्रीनिंग कर रहा है, ताकि लोग इस खतरे को समझें। साल 2020 में KCBC ने सरकार से कहा था कि लापता लड़कियों की जाँच हो, लेकिन वामपंथी सरकार ने इसे खारिज कर दिया। फिर भी चर्च और बीजेपी जैसे संगठन इस मुद्दे को उठाते रहते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ये ईसाई समुदाय के लिए बड़ा खतरा है।

केरल में लव जिहाद की बहस कोई नई नहीं है। पीसी जॉर्ज का ताजा बयान हो या चर्च की पुरानी चेतावनियाँ, ये मुद्दा बार-बार सामने आता है। ईसाई समुदाय इसे अपनी लड़कियों की सुरक्षा से जोड़कर देखता है, जबकि केरल की वामपंथी सरकार इसे सिरे से नकारती है। 400 लड़कियों का आँकड़ा हो या 4000 का दावा, सच क्या है, ये जाँच का विषय है। लेकिन इतना साफ है कि ये बहस अभी खत्म होने वाली नहीं है।

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श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
I am Shravan Kumar Shukla, known as ePatrakaar, a multimedia journalist deeply passionate about digital media. Since 2010, I’ve been actively engaged in journalism, working across diverse platforms including agencies, news channels, and print publications. My understanding of social media strengthens my ability to thrive in the digital space. Above all, ground reporting is closest to my heart and remains my preferred way of working. explore ground reporting digital journalism trends more personal tone.

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