Thursday, July 3, 2025
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CIA ने बताया- अमेरिकी हमले से ईरान का परमाणु कार्यक्रम बुरी तरह ध्वस्त: अमेरिका ने किया था 14 बड़े बमों से शिया मुल्क पर हमला, ‘ठोस सबूत’ दिखाएँगे ट्रंप

रैटक्लिफ का कहना है कि उनके पास पक्की खबर है कि 'ईरान की कई अहम परमाणु सुविधाएँ पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं और उन्हें फिर से बनाने में कई साल लग जाएँगे।'

अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के डायरेक्टर जॉन रैटक्लिफ ने बुधवार (25 जून 2025) को बताया कि अमेरिका ने हाल ही में ईरान पर जो हवाई हमले किए थे, उनसे ईरान के परमाणु ठिकानों को बहुत तगड़ा नुकसान हुआ है। ये नुकसान ऐसा है कि इसका असर लंबे समय तक दिखेगा।

पहले कुछ खबरों में कहा गया था कि इन हमलों से ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, लेकिन CIA ने इस बात से साफ इनकार कर दिया है। रैटक्लिफ का कहना है कि उनके पास पक्की खबर है कि ‘ईरान की कई अहम परमाणु सुविधाएँ पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं और उन्हें फिर से बनाने में कई साल लग जाएँगे।’

खुफिया एजेंसी का पक्का दावा

CIA के डायरेक्टर जॉन रैटक्लिफ ने बताया, “हमारी टीम के पास पक्की जानकारी है कि हाल ही में जो हमले हुए, उनसे ईरान का परमाणु कार्यक्रम बुरी तरह से बर्बाद हो गया है।”

डायरेक्टर ने आगे कहा, “हमें जानकारी मिली है कि ईरान की कई खास परमाणु जगहें पूरी तरह खत्म हो गई हैं और उन्हें दोबारा बनाने में कई साल लग जाएँगे।”

‘पुख्ता सबूत’ देने का वादा

ट्रंप ने कहा अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ गुरुवार (26 जून 2025) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पक्के सबूत दिखाएँगे। ऐसा करने से अमेरिकी सेना जवानों का हौसला बढ़ेगा, जिन्होंने इन हमलों में हिस्सा लिया था। ट्रंप ने अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) की खुफिया रिपोर्टों को फेक न्यूज बताया था।

नाटो की बैठक में ट्रंप ने कहा कि इज़रायल और दूसरे देश भी उनकी बात का समर्थन कर रहे। ईरान के विदेश मंत्रालय ने भी माना कि उन्हें ‘बहुत नुकसान’ हुआ है, लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि सब कुछ तबाह हो गया है।

हमलों का असर

अमेरिकी सेना ने बताया कि उन्होंने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर 14 बहुत बड़े बम गिराए। इन बमों को ‘बंकर-बस्टर’ कहते हैं, और इनमें से हर एक का वजन 13,600 किलो से भी ज़्यादा था।

फोर्डो संवर्धन सुविधा भी उन जगहों में शामिल था जहाँ हमला हुआ था। यह जगह एक पहाड़ के अंदर बहुत गहराई में बनी थी और यहाँ परमाणु बम बनाने वाली खास मशीनें (सेंट्रीफ्यूज) रखी हुई थीं।

अमेरिका के व्हाइट हाउस और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने मिलकर बताया कि इन बमों से ‘संवर्धन सुविधा अब काम के लायक नहीं रही।’ इजरायल की परमाणु ऊर्जा कमीशन ने भी कहा कि अमेरिका और इजरायल के इस हमले ने ‘ईरान की परमाणु हथियार बनाने की ताकत को कई साल पीछे धकेल दिया है।’

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बगाएई ने भी माना कि “हमारी परमाणु सुविधाओं को बहुत नुकसान हुआ है, यह तो पक्का है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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