Wednesday, July 16, 2025
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G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे पीएम मोदी, कैलगरी में हुआ स्वागत: रिश्ते सुधारने की कोशिश में कनाडा के नए प्रधानमंत्री, कई मुद्दो पर होगी चर्चा

भारत G-7 देशों का हिस्सा नहीं है, लेकिन कनाडा के पीएम मार्क कोनी के निमंत्रण पर वह सम्मेलन में आउटरीच पार्टनर के तौर पर हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी सम्मेलन में आने वाले देशों के नेताओं से मुलाकात और कुछ बैठकों का हिस्सा बनेंगे।

कनानास्किस में 16-17 जून को होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्थानीय समयानुसार सोमवार (16 जून 2025) की शाम कनाडा के कैलगरी पहुँचे।

यह लगातार छठवाँ साल है जब प्रधानमंत्री मोदी G7 शिखर सम्मेलन में प्रतिभाग कर रहे हैं। भारत G-7 देशों का हिस्सा नहीं है, लेकिन कनाडा के पीएम मार्क कार्नी के निमंत्रण पर वह सम्मेलन में आउटरीच पार्टनर के तौर पर हिस्सा ले रहे हैं। भारत के साथ मेक्सिको और यूक्रेन भी इस फेरहिस्त में शामिल है। इस दौरान पीएम मोदी सम्मेलन में आने वाले देशों के नेताओं से मुलाकात और कुछ द्विपक्षीय बैठकों का हिस्सा बनेंगे।

भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। इसके अलावा वैश्विक सप्लाई चेन में भी देश अहम भूमिका निभा रहा है। ऐसे में इस सम्मेलन में भारत प्रौद्योगिकी, वैश्विक आर्थिक स्थिरता और जलवायु परिवर्तन पर बात कर सकता है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बैठक को छोड़कर बीच में ही वापस चले गए हैं। इसे पीछे उन्होंने इजरायल और ईरान के युद्ध का कारण दिया है।

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी पहली बार तीन देशों के दौरे पर हैं। इसके तहत पहले वह साइप्रस पहुँचे थे। इसके बाद कनाडा और पिर क्रोएशिया का दौरा शामिल है।

G-7 दुनिया की 7 उन्नत अर्थव्यवस्थाओं और यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। रूस भी पहले इस समूह का हिस्सा था, लेकिन क्रीमिया देश पर कब्जा करने के बाद समूह से उसे निष्कासित कर दिया गया।

गौरतलब है कि ईरान और इजरायल के बीच लगातार युद्ध की स्थिति बदतर होती जा रही है तो वहीं पश्चिम एशिया के देशों में भी तनाव बढ़ रहा है। वहीं पश्चिम एशिया के देशों में भी तनाव बढ़ रहा है। इसके अलावा G7 के इस समय होने के पीछे एक कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ नीतियाँ भी हैं।

रिश्ते सुधारने का मौका

भारत और कनाडा के रिश्तों में पिछले साल तब तल्खी आई थी, जब खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में अक्टूबरल 2024 में ओटावा ने भारत के पाँच डिप्लोमेट को जोड़ने का प्रयास किया था। इस कड़ी में भारत ने देश से कनाडा के राजनयिकों को निष्कासित कर कनाडा से भी अपने उच्चायुक्त और अन्य डिप्लोमेट को वापस बुला लिया था।

मार्च में कनाडा के नए प्रधानमंत्री बने कार्नी ने एक बार फिर भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिहाज से पीएम मोदी को इस सम्मेलन के लिए निमंत्रित किया है।

भारत के लिए कनाडा पोटाश, लकड़ी, कागज और अन्य खनन उत्पादों को आयात करता है। इसी तरह भारत की ओर से कनाडा को कपड़े, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स और रत्न निर्यात किया जाता है। इसके अलावा कनाडा में भारतीय छात्रों की भी एक बड़ी संख्या रहती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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