Thursday, March 28, 2024
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कन्हैया लाल का गला काट दिया और रिपोर्टिंग से भागती रही विदेशी मीडिया: ANI एडिटर ने बताया- कैसे भारत से भेजी गई हर जानकारी की इग्नोर

ईशान प्रकाश ने 30 जून को ट्वीट करके बताया कि उनके संस्थान ने 5 डिटेल वीडियो कन्हैया मर्डर केस पर थॉमसन रॉयटर्स को भेजी थी। लेकिन ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस ने उस स्टोरी को इग्नोर किया।

राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या से जुड़े मामले में एक बार फिर पश्चिमी मीडिया की सिलेक्टिव रिपोर्टिंग की आदत का खुलासा हुआ है। समाचार एजेंसी एनएनआई ने जानकारी दी है कि उनकी ओर से पश्चिमी मीडिया को इस पूरे मुद्दे पर विस्तृत वीडियो स्टोरी दी गई थी, लेकिन बावजूद सभी सूचना के उनमें से चंद संस्थानों ने उससे निकाल कर खबर की।

ईशान प्रकाश ने 30 जून को ट्वीट करके बताया कि उनके संस्थान ने 5 डिटेल वीडियो कन्हैया मर्डर केस पर थॉमसन रॉयटर्स को भेजी थी। लेकिन ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस ने उस स्टोरी को इग्नोर किया।

वहीं जिन्होंने इस स्टोरी पर काम किया उनमें बीबीसी, वाको, ट्रिब्यून हेराल्ड, वाशिंगटनपोस्ट और टोरोंटो सन हैं। इनमें बीबीसी ने जिस एंगल से इस रिपोर्ट को किया है उसमें इस्लामी कट्टरपंथ रियाज मोहम्मद और गौस मोहम्मस का नाम भी नहीं है। बीबीसी ने बताया है कि बस भारत में बहुसंख्यक हिंदू और अल्पसंख्यक मुस्लिमों में तनाव पैदा हो गया है जबकि हकीकत यह है कि ये हिंदुओं द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन एक निर्मम हत्या और बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ है।

इसी तरह वाको में पहले बताया गया कि हिंदू राष्ट्रवादी अल्पसंख्यक खासकर मुसलमानों को उनके खानपान से लेकर उनके पहनावे और अंतरधार्मिक विवाह के कारण निशाना बना रहे हैं। मुस्लिमों के घरों को तोड़ा जा रहा है। और, अंत में ये लिखा कि कन्हैया लाल का मर्डर हुआ वो भी इसलिए क्योंकि उसने ईशनिंदा करने वाली नुपूर शर्मा के समर्थन में पोस्ट बढ़ाया था।

बता दें कि पश्चिमी मीडिया समय समय पर भारतीय मुद्दों में दखल देकर देश के विरुद्ध माहौल बनाता रहता है। मगर बात जब हिंदुओं के लिए आवाज उठाने की आती है तो ये पूरी खबर का एंगल बदलकर उसे आगे बढ़ाते हैं। पिछले दिनों देखें तो पश्चिमी मीडिया ने उन लोगों पर अपनी रिपोर्ट नहीं की जिनपर नुपूर शर्मा के समर्थन में आने के कारण कार्रवाई हुई। लेकिन जैसे ही बात मोहम्मद जुबैर पर आई, तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर आई पूरे मीडिया जगत में हल्ला मच गया।

एनएनआई एडिट ईशान प्रकाश ने अपने ट्वीट में यह भी बताया कि रॉयटर्स ने अपनी जॉब अच्छे से की थी। उन्होंने एएनआई द्वारा भेजी गई न्यूज को आगे बढ़ाया भी। लेकिन खोट दूसरी संस्थाओं में ही है। ये जरूरी है कि न्यूज एजेंसी, न्यूज चैनल और न्यूज पेपर में फर्क समझा जाए।

कन्हैया लाल मर्डर

गौरतलब है कि कन्हैया लाल को 29 जून को दो इस्लामी कट्टरपंथियों ने निर्ममता से मौत के घाट उतारा था। कट्टरपंथियों का नाम रियाज और गौस मोहम्मद था। ये घटना कन्हैया की दुकान पर घटी थी। बाद में कट्टरपंथियों ने वीडियो शेयर करके दिखाया था कि उन्होंने किस खंजर से कन्हैया को मारा। पोस्टरमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि दोनों हत्यारों ने कन्हैया लाल के शरीर पर 26 बार वार किए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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