भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार (1 अप्रैल 2024) को भारत की प्रमुख जाँच एजेंसियों को नसीहत दी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश की प्रमुख केंद्रीय जाँच एजेंसियों को राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र के खिलाफ हो रहे आपराधिक मामलों पर ध्यान देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने न्यायिक सिस्टम के बदलते स्वरूप को सराहा। साथ ही सीबीआई को मिल रहे विभिन्न प्रकार के केसों पर चर्चा की।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश ने यह बातें सीबीआई के स्थापना दिवस के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि सीबीआई जैसी शक्तियों तथा किसी व्यक्ति की निजता के अधिकार के बीच ‘नाजुक संतुलन’ होना बेहद जरूरी है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि सीबीआई एक भ्रष्टाचार विरोधी जाँच एजेंसी है लेकिन उनसे विभिन्न प्रकार के आपराधिक मामलों की जाँच करवाई जा रही है। कोर्ट ने इनके विभिन्न मामलों में फैसला देकर संस्थान को मजबूत किया है। कानूनी पेशे से जुड़े लोगों को इसके बारे में खुश होना चाहिए क्योंकि इससे तो आय अर्जित करने के ही अवसर बढ़े हैं।
आगे सीजेआई चंद्रचूड़ ने सीबीआई द्वारा जाँच किए जा रहे मामलों के शीघ्र निपटान पर बल दिया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने इस दौरान इस पर भी बात की कि कैसे टेक्नोलॉजी ने अपराध क्षेत्र को बदल दिया है। अब टेक्नोलॉजी आधारित अपराध या इसकी वजह से ट्रेंड में आए बदलाव के कारण एजेंसी मुश्किल चुनौतियों का सामना कर रही है। इसलिए सीबीआई और अन्य जाँच एजेंसियों को भी उन्हीं की तरह जाँच में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहिए।
उन्होंने ये भी कहा कि जाँच एजेंसियों को जाँच में सर्वोत्तम परिणाम के लिए नवीनतम तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करना चाहिए। वह बोले कि यह प्रक्रिया आज के वक्त में जाँच मामलों में गेम चेंजर साबित हो रही है। इसके कारण केस की बारीकियाँ समझ आती हैं। अहम तथ्य आसानी से सामने लाए जा सकते हैं। उन्होंने इसके साथ ही ये भी कहा ऐसा करते समय में लोगों के व्यक्तिगत अधिकारों और डेटा की गोपनियता की चिंताओं से भी निपटा जाना चाहिए।
#WATCH | Delhi: At CBI Raising Day, CJI DY Chandrachud says, "The new criminal laws recently enacted by Parliament encompass substantive crime, procedure and evidence. These laws aim at digitising various aspects of criminal procedure. This is a significant step towards… pic.twitter.com/dOYgUfWQJD
— ANI (@ANI) April 1, 2024
सीबीआई के स्थापना दिवस के मौके पर सीजेआई ने संसद द्वारा हाल ही में अधिनियमित नए आपराधिक कानून पर बात की। साथ ही न्यायिक व्यवस्था के आधुनिकीकरण के मुद्दे पर राय रखी। उन्होंने कहा कि अब एफआईआर से लेकर अंतिम निर्णय तक, आपराधिक जाँच के हर चरण को प्रस्तावित कानून के तहत डिजिटली रिकॉर्ड किया जाता है। उन्होंने कहा कि ये दृष्टिकोण सूचना का निर्बाद प्रवाह सुनिश्चित करता है। साथ ही इस उद्देश्य जाँच और न्यायिक प्रक्रियाओं में शामिल हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग की सुविधा प्रदान करना है।