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Jawaharlal Nehru
नेहरु की गलती से हुआ था कश्मीर पर चीन का कब्ज़ा, मनीष तिवारी मोदी को दे रहे अक्साई चिन वापस लेने की सलाह
मनीष तिवारी ने अपने एक ट्वीट में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर चीन कश्मीर पर सवाल करता है तो यह बताना चाहिए कि तिब्बत, साऊथ-चाइना सी और हॉन्ग-कॉन्ग पर भारत की नज़र है ।
FACT CHECK: शशि थरूर ने नेहरू की फोटो को लेकर फैलाया झूठ, ‘इंदिरा’ को लिखा ‘इंडिया’
थरूर ने नेहरू-इंदिरा की जो फोटो शेयर की वह न अमेरिका की थी और न 1954 की। फोटो मॉस्को की है जिसे 1955 में क्लिक किया गया था। नेहरू को महान और मोदी को नीचा दिखाने का थरूर का दाँव उलटा पड़ गया और उनसे लोगों के सवाल का जवाब देते नहीं बना।
अय्याश था नेहरू और उसका खानदान, अंग्रेजों के चक्कर में देश का बँटवारा कर दिया: BJP विधायक
भाजपा विधायक ने कहा कि अंग्रेजों के चक्कर में पड़ नेहरू ने देश का बँटवारा करा दिया था। उन्होंने कहा कि नेहरू का पूरा खानदान ही अय्याश था। उन्होंने इटली की लड़की से शादी करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी पर भी निशाना साधा।
वॉर होगा ही नहीं, हम तो शांति की बात करते हैं… और नेहरू ने ठुकरा दी थी CDS के गठन की सलाह
नेहरू को माउंटबेटन ने आगाह किया था कि युद्ध हो सकता है। लेकिन उन्होंने उस चेतावनी को नज़रअंदाज कर CDS का गठन नहीं किया। बाद में वह इस भावना से ग्रसित हो गए कि सेनाध्यक्ष उनकी कुर्सी हथिया लेगा। आज मोदी ने सेना की वर्षों पुरानी माँग पूरी कर दी।
नेहरू-शेख की दोस्ती के कसीदों में ही छिपा है कश्मीर का शोकगीत, खुसरो की कविता से नहीं बदलेगा इतिहास
खुसरो की कविताओं से पहले कल्हण की राजतरंगिणी को याद करना जरूरी है, जिसमें कश्मीर को 'कश्यपमेरू' बताया गया है। कहा जाता है कि महर्षि कश्यप श्रीनगर से तीन मील दूर हरि-पर्वत पर रहते थे। जहाँ आजकल कश्मीर की घाटी है, वहाँ अति प्राचीन प्रागैतिहासिक काल में एक बहुत बड़ी झील थी, जिसके पानी को निकाल कर महर्षि कश्यप ने इस स्थान को मनुष्यों के बसने योग्य बनाया था।
डरा-सहमा पाक अब दे रहा मोदी को नेहरू की दुहाई, कहा- ‘डोवाल डॉक्ट्रिन’ पर अमल कर रहा हिन्दुस्तान
कुरैशी ने कहा, "दुनिया का ध्यान कश्मीर से भटकाने के लिए भारत किसी मिसएडवेंचर को अंजाम दे सकता है। पाकिस्तानी सेना और इसका मुकाबला करने के लिए तैयार है। अगर भारत की तरफ से कोई भी मिसएडवेंचर होता है तो माकूल जवाब दिया जाएगा।"
370 का हटना: देश के स्वाभिमान और विकास का सूरज उगना… लेकिन विरोधियों का मुरझाना
तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति करने वाले दलों के लिए 370 के उन्मूलन का विरोध सैद्धांतिक नहीं, अपितु अवसरवादी और पोल खुलने के भय से उपजा है। क्योंकि वे जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर से इस कलंक के समाप्त होने के बाद अब वहाँ निजी निवेश के द्वार खुल जाएँगे, जिससे वहाँ विकास की संभावना बढ़ेंगी।
कश्मीर पर ओवैसी को याद आए कौरव-पांडव, कहा- मोदी में नेहरू जैसी सूझबूझ नहीं
ओवैसी ने रजनीकांत के उस बयान पर भी तंज कसा जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर क्रन्तिकारी निर्णय लेने के लिए मोदी-शाह की तुलना कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी से की थी। ओवैसी ने पूछा कि अगर मोदी-शाह को कृष्ण-अर्जुन कहा जा रहा है तो पांडव और कौरव कौन हैं?
इसरो के जनक विक्रम साराभाई की जन्मशती पर भी नेहरू की चाटुकारिता से बाज नहीं आए कॉन्ग्रेसी
12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद में जन्मे साराभाई की उपलब्धियों को इस मौके पर हर कोई याद कर रहा है। इंटरनेट सर्च ईंजन गूगल ने डूडल के जरिए उन्हें याद किया है। लेकिन जयराम रमेश को इस मौके पर भी नेहरू ही याद आए।
मैं देश के साथ विश्वासघात नहीं करूँगा: अनुच्छेद 370 पर जब अम्बेडकर ने लगाई अब्दुल्ला की क्लास
जवाहरलाल नेहरू शेख अब्दुल्ला के साथ मिल कर जम्मू कश्मीर को सेकुलरिज्म का एक नया मॉडल बनाना चाहते थे और इसके लिए अब्दुल्ला को अम्बेडकर को मनाने को कहा। लेकिन अम्बेडकर ने अब्दुल्ला को जो जवाब दिया, उसे आपको जानना ज़रूरी है।