राजस्थान के ब्यावर में अजमेर रेपकांड जैसी वारदात के सामने आने के बाद से लोगों में गुस्सा है। इस बीच, स्कूली छात्राओं से रेप-ब्लैकमेल कांड के आरोपियों को पुलिस ने अजमेर पॉक्सो कोर्ट में पेश किया, जहाँ वकीलों ने 4 दिन में दूसरी बार आरोपितों पर हमला किया। वकीलों ने आरोपितों को पीटने के क्रम में पुलिस वालों के साथ भी धक्कामुक्की की। वहीं, कोर्ट ने 4 आरोपितों को 5 दिन की रिमाँड पर भेज दिया है। वहीं, दूसरी ओर बिजयनगर (ब्यावर) में रेप-ब्लैकमेल कांड के आरोपितों को फाँसी की सजा देने की माँग करते हुए सर्व समाज संघर्ष समिति ने शहर को बंद करा दिया है। इस मामले में 7 आरोपितों समेत 3 नाबालिग भी आरोपित हैं।
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, अजमेर पॉक्सो कोर्ट में पेशी के दौरान अजमेर पॉक्सो कोर्ट ने लुकमान उर्फ सोहेब (20), सोहेल मंसूरी (19), रिहान मोहम्मद(20) और अफराज (18) को 5 दिन की हिरासत में भेज दिया है, तो आशिक, कैफे संचालक श्रवण और करीम को 7 दिनों की रिमाँड पर भेजा है। इस पूरे मामले में करीम रेकी का काम करता था। इसके अलावा 3 अन्य आरोपित बाल सुधार गृह भेजे गए हैं। पुलिस ने आरोपितों के फोन, उनकी गाड़ियाँ भी जब्त की है। अब पुलिस आरोपितों के फोन, कैफे की सीसीटीवी की भी जाँच कर रही है।
4 दिन में दूसरी बार फूटा वकीलों का गुस्सा
बता दें कि इस मामले में पुलिस 18 फरवरी 2025 को आरोपितों को लेकर पहली बार कोर्ट में पहुँची थी, जहाँ अजमेर पॉक्सो कोर्ट में वकीलों ने उन पर हमला कर दिया था। और अब शुक्रवार (21 फरवरी 2025) को भी आरोपितों को देखते ही वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा।
वकीलों ने ASI पर कार्रवाई के लिए एसपी को दी शिकायत
कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच मामले में शुक्रवार (21 फरवरी 2025) को वकीलों ने एसपी से मुलाकात की। वकीलों ने एसपी वंदिता राणा को एएसआई भीम सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा। वकील प्रदीप कुमार ने कहा कि कोर्ट में आरोपितों को लाने के दौरान एएसआई भीम सिंह ने गाली-गलौच की।
बता दें कि इस मामले में रिहान, सोहेन, लुकमान, अरमान, साहिल और अफराज के अलावा 3 नाबालिगों को भी पुलिस ने पकड़ा है। पुलिस ने कोर्ट में पेश कर इनकी रिमांड माँगी थी, जो खत्म हो गई। इसके बाद इन्हें दूसरी बार कोर्ट में पेश किया गया था। गौरतलब है कि ये आरोपित हिंदू लड़कियों को सस्ते मोबाइल फोन देकर अपने जाल में फंसाते थे और फिर उन्हें कैफे-होटल लेकर जाकर उनका रेप कर वीडियो बना लेते थे। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल कर सहेलियों को भी लाने के लिए कहते थे। यही नहीं, आरोपित इन लड़कियों से वीडियो वायरल करने के नाम पर उगाही भी करते थे।
इस घटना ने 1992 के अजमेर सेक्स स्कैंडल की याद ताजा कर दी है। लोग सख्त सजा की माँग कर रहे हैं, ताकि ऐसी वारदात दोबारा न हों। पुलिस का कहना है कि जाँच तेजी से चल रही है और बाकी संदिग्धों की तलाश जारी है। समाज में तनाव बढ़ता जा रहा है और लोग चाहते हैं कि पीड़ित लड़कियों को जल्द इंसाफ मिले।