अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे भारत के साथ एक ‘बहुत बड़ी ट्रेड डील’ करने जा रहे हैं। गुरुवार (26 जून 2025- स्थानीय समय के अनुसार) को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में आयोजित ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ कार्यक्रम में भारत के लिए दरवाजे खोलने की बात कही है। ट्रंप का यह बयान चीन के साथ एक नए समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद सामने आया है।
व्हाइट हाउस में कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हर कोई चाहता है कि वे ट्रेड डील करे और इसका हिस्सा बने। हम हर देश के साथ डील नहीं करने जा रहे। ट्रंप ने कहा, “आपको याद है कुछ महीने पहले प्रेस ने कहा था कि क्या आपको सचमुच लगता है कि इसमें किसी को रुचि होगी? खैर, हमने कल चीन के साथ एक डील साइन की है।”
#WATCH | "…We just signed (trade deal) with China. We're not going to make deals with everybody… But we're having some great deals. We have one coming up, maybe with India, a very big one. We're going to open up India. In the China deal, we're starting to open up China.… pic.twitter.com/fJwmz1wK44
— ANI (@ANI) June 26, 2025
ट्रंप ने आगे कहा, “हम हमारे पास कुछ बेहतरीन डील्स हैं और हम उसे लेकर आ रहे हैं- शायद भारत के साथ। हम इंडिया के साथ एक बहुत बड़ी डील की शुरुआत करने जा रहे हैं। चीन के साथ ट्रेड डील करके हम चीन के लिए भी नए रास्ते खोलने जा रहे हैं।”
अमेरिका पहुँची भारतीय टीम
भारत से वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में ट्रेड डील पर बातचीत के लिए एक टीम अमेरिका पहुँची है। अमेरिकी टीम से भारतीय समूह दो दिन से बातचीत कर रहा है। भारत और अमेरिका वर्तमान में एक अंतरिम व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।
अमेरिका ने 2 अप्रैल 2025 को भारत से निर्यात होने वाले सामानों पर 26% अतिरिक्त टैक्स लगाने का ऐलान किया था, लेकिन इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया। यह 90 दिन 9 जुलाई 2025 को समाप्त हो रहे हैं।
भारतीय समूह अमेरिकी टीम के साथ बातचीत कर 9 जुलाई से पहले इस समझौते पर अपनी डील सुनिश्चित करना चाहता है। अगर यह ट्रेड डील नहीं होती है तो भारत से निर्यात होने वाले सामानों पर अतिरिक्त टैक्स लागू हो जाएगा।
भारत-अमेरिका को होगा फायदा
भारतीय समूह के साथ अगर अमेरिका की यह ट्रेड दिल सकारात्मक रूप लेती है तो भारत और अमेरिका के बीच 2030 तक व्यापार 500 अरब डॉलर यानी लगभग 41 लाख 75,000 करोड़ रुपए तक पहुँच जाएगा। इस समय यह 191 अरब डॉलर (15 लाख 94 हजार 961 करोड़ रुपए) है। इसकी वजह से भारत के लिए अमेरिकी कंपनियों में भी कई अवसर खुल सकते हैं।