Saturday, April 20, 2024
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‘इसमें कीटनाशक, जो सेवन कर रहे वो डॉक्टर के पास जाएँ’: सिंगापुर ने Everest के फिश करी मसाला को बाजार से हटाने का दिया आदेश, कहा – ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

सिंगापुर ने भारतीय खाद्य कंपनी Everest के फिश करी मसाला को अपने बाजार से वापस मँगा लिया है। इसे भारत से आयात किया जाता है। हालाँकि, अब सिंगापुर का कहना है कि इसमें कीटनाशक होने के कारण ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। बकौल सिंगापुर प्रशासन, एवरेस्ट के मछली मसाला में ईथीलीन ऑक्साइड (C₂H₄O) की मात्रा बहुत अधिक है, जो कि एक कीटनाशक है और खाद्य पदार्थों में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

असल में हॉन्गकॉन्ग स्थित ‘सेंटर फॉर फ़ूड सेफ्टी’ ने एक अधिसूचना जारी की थी, जिसके बाद ये फैसला लिया गया है। इसमें बताया गया है कि इस केमिकल की जितनी मात्रा डालने की अनुमति है, उससे कहीं अधिक मात्रा एवरेस्ट ने इस्तेमाल में लाया है। ‘सिंगापुर फ़ूड एजेंसी’ ने अपने बयान में लिखा है कि इस मसाले को भारत से आयात करने वाली कंपनी ‘Sp Muthiah & Sons Pte. Ltd’ को आदेश दिया गया है कि वो इस उत्पाद को वापस ले।

SFA ने कहा गया है कि उक्त केमिकल ईथीलीन ऑक्साइड का इस्तेमाल कृषि उत्पादों को कीट से बचाने के लिए किया जाता है, साथ ही माइक्रोबियल प्रसार रोकने के लिए भी इसको उपयोग में लाया जाता है। कहा गया है कि इसे निम्न मात्रा में लेने पर स्वास्थ्य पर अचानक से तो कोई खतरा नहीं है, लेकिन लगातार इसके संपर्क में रहने से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं। सलाह दी गई है कि इस पदार्थ के जितना कम संपर्क में आएँ उतना बेहतर है।

साथ ही ‘सिंगापुर फ़ूड एजेंसी’ ने Everest के फिश करी मसाले खरीद चुके उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वो इसका इस्तेमाल न करें। साथ ही जो लोग इसका इस्तेमाल कर रहे थे, उन्हें सलाह दी गई है कि वो चिकित्सकीय सलाह लें। उपभोक्ताओं को अधिक जानकारी के लिए वहाँ संपर्क करने की सलाह दी गई है, जहाँ से उन्होंने खरीदा है। गुरुवार (18 अप्रैल, 2024) को ये आदेश जारी किया गया। ये मसाले सामान्यतः 50 ग्राम के पैकेट में आता है।

त्रिपुरा में सबसे ज्यादा, लक्षद्वीप में सबसे कम… 102 सीटों पर 11 बजे तक हुई वोटिंग की पूरी डिटेल, जगह-जगह सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

लोकसभा चुनाव की पहले चरण की वोटिंग में आज 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान हो रहा है। पीएम मोदी ने हर मतदाता से अपने वोट का इस्तेमाल करके नया रिकॉर्ड बनाने को कहा है। देश की बड़ी-बड़ी हस्तियाँ पोलिंग बूथ पर अपना वोट डालकर लोगों का उत्साह बढ़ा रही हैं।

आज सुबह 7 बजे से शुरू हुई वोटिंग शाम 6 बजे तक जारी रहने वाली है। फिलहाल, हर जगह मतदान को होते 5 घंटे बीत गए हैं। ऐसे में 11 बजे तक राज्यों में हुए कितने फीसद मतदान हुआ इसकी डिटेल्स आ गई हैं। त्रिपुरा इस लिस्ट में (34.54 फीसद वोट शेयर के साथ) सबसे ऊपर है। वहीं सबसे नीचे अभी लक्षद्वीप है जहाँ 16.33 फीसद वोट पड़े हैं।

मौजूदा जानकारी के अनुसार,

त्रिपुरा में सुबह 11 बजे तक 34.54% मतदान हुआ।
पश्चिम बंगाल में 33.56% वोट पड़े।
मेघायलय में 33.12% मतदान हुआ।
मणिपुर में सुबह 11 बजे तक 29.23% मतदान हुआ।
तमिलनाडु में सुबह 11 बजे तक 23.87% मतदान हुआ।
मिजोरम में सुबह 11 बजे तक 28.78% मतदान हुआ।
छत्तीसगढ़ में सुबह 11 बजे तक 28.12% मतदान हुआ
पुडुचेरी में सुबह 11 बजे तक 28.10% मतदान हुआ।
असम में सुबह 11 बजे तक 27.22% मतदान हुआ।
नागालैंड में सुबह 11 बजे तक 25.24% मतदान हुआ।
उत्तर प्रदेश में सुबह 11 बजे तक 25.20% मतदान हुआ।
उत्तराखंड में सुबह 11 बजे तक 24.83% मतदान हुआ।
तमिलनाडु में सुबह 11 बजे तक 23.87% मतदान हुआ।
जम्मू-कश्मीर में सुबह 11 बजे तक 22.60% मतदान हुआ।
राजस्थान में सुबह 11 बजे तक 22.59% मतदान हुआ।
अंडमान निकोबार में सुबह 11 बजे तक 21.82% मतदान हुआ
सिक्किम में सुबह 11 बजे तक 21.20% मतदान हुआ।
बिहार में सुबह 11 बजे तक 20.42% मतदान हुआ।
अरुणाचल प्रदेश में सुबह 11 बजे तक 20.13% मतदान हुआ।
महाराष्ट्र में सुबह 11 बजे तक 19.17% मतदान हुआ।
लक्षदीप में सुबह 11 बजे तक 16.33% मतदान हुआ

बता दें कि इस समय देश के 21 राज्यों में चल रहे चुनावों के मद्देनजर हर जगह सुरक्षा टाइट है। संवेदनशील जगहों पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है। कुछ जगहों पर मतदाताओं वोट डालने में किसी को परेशानी न हो हो इसके लिए टीमें इलाके में गश्त कर रही हैं। कुछ राज्यों में मतदाताओं के लिए मोटरसाइकिल और साथ में घुड़सवार भी लगाए गए हैं।

‘वासुकि’ के इतिहास पर विज्ञान की मुहर! गुजरात में वैज्ञानिकों को मिला 4 करोड़ साल पुराना जीवाश्म, लेकिन सिर गायब: भारत से अफ्रीका पहुँचे थे 49 फ़ीट के ये साँप

आपने वासुकि नाग की कथा सुनी है? हमारे शास्त्रों में वासुकि की कथा है, जिसे रस्सी की तरह इस्तेमाल कर के देवताओं एवं दानवों ने मिल कर समुद्र मंथन किया था। वासुकि नाग को भगवान शिव ने अपने गले में स्थान दिया। अब गुजरात में खुदाई में कुछ ऐसा मिला है, जो इस तरह के विशालकाय जीवों के अस्तित्व की पुष्टि करता है। ऐसे साँपों के जीवाश्म कच्छ में खुदाई के दौरान प्राप्त हुए हैं। ये अब तक का सबसे बड़ा साँप है, जिसका जीवाश्म प्राप्त हुआ है। इसकी लंबाई 11-15 मीटर थी। इसकी गोलाई 17 इंच थी।

ये 28 डिग्री सेल्सियस के औसत तापमान पर पनपता था। इसे ‘वासुकि इंडिकस’ नाम दिया गया है। IIT रुड़की के वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान इसका पता लगाया है। इस खोज से न सिर्फ प्राणियों के इवोल्यूशन का पता चला है बल्कि प्राचीन सरीसृपों से भारत के ताल्लुक का भी पता चलता है। ‘वासुकि’ साँपों का जन्म मूल रूप से भारत में हुआ और यूरेशिया के माध्यम से ये उत्तरी अफ्रीका तक पहुँचे। इन्हें गोंडवाना साँपों की श्रेणी में डाला गया है। ये शोध-पत्र ‘Nature’ मैगजीन में भी प्रकाशित हुआ है।

IIT रुड़की के ‘डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ साइंसेंज’ के अध्यक्ष सुनील वाजपेयी ने बताया कि इन साँपों की लंबाई 36 फ़ीट से लेकर 49.22 फ़ीट होती थी। ये कोलंबिया के टाइटेनोबोआ से भी बड़ा है, जो डायनासोर के काल में पाया जाता था और जिसे अब तक का सबसे बड़ा साँप माना गया है। ‘वासुकि इंडिकस’ धीमे-धीमे चलता था, घात लगा कर शिकार पर हमला करता था और इसकी चाल-ढाल एनाकोंडा की तरह थी। कच्छ के पनान्ध्रो गाँव में भूरे कोयले के खादानों से इसके जीवाश्म प्राप्त हुए हैं। ये कछुए, व्हेल और मगरमच्छ की प्राचीन प्रजातियों को खाता रहा होगा। ये लगभग 12,000 वर्ष पहले विलुप्त हुआ।

ये खोज हमें आदिनूतन (Eocene) युग तक लेकर जाती है, यानी 5.60 से 3.39 करोड़ वर्ष पूर्व तक। वैज्ञानिकों ने 27 ऐसे अस्थिखंड प्राप्त किए हैं, जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। ये जीवाश्म 2005 में ही मिले थे लेकिन अन्य प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकता के कारण इस पर गहन अध्ययन नहीं हुआ था। पहले सबको लगा था कि ये मगरमच्छ का है, लेकिन दोबारा अध्ययन होने के बाद ये इतिहास में दर्ज हो गया। बता दें कि इसी तरह राजस्थान के जैसलमेर में शाकाहारी डायनासोर की खोज हुई थी। ये 16.70 करोड़ वर्ष पहले अस्तित्व में था।

हालाँकि, अब तक साँप का सिर नहीं मिला है। वैज्ञानिकों ने अंदाज़ा लगाया है कि ये अपने सिर को किसी ऊँचे स्थान पर टिकाने के बाद अपने बाकी के शरीर को चारों ओर लपेट लेता रहा होगा। ये कुछ उसी तरह का है, जैसा ‘जंगलबुक’ का विशालकाय साँप। ये दलदली जमीन पर किसी ट्रेन की तरह विचरण करता था। इसे ‘मैडसोइड’ सर्प-प्रजाति के अंतर्गत डाला गया है। इसकी रीढ़ की हड्डी का सबसे बड़ा हिस्सा 4 इंच का होता था। ये ज़हरीला नहीं होता था।

Uber के लिए हिन्दू महिला का नाम ही अवैध, ‘स्वास्तिक’ को जोड़ दिया नाजी से, नाम बदलने की रख दी शर्त: 6 महीने के बाद माँगी माफी

ऑस्ट्रेलिया में एक हिन्दू महिला का स्वास्तिक नाम होने के चलते उबर कम्पनी ने सेवाएँ देने से मना कर दिया। उबर ने इस नाम को अवैध बताया। उबर ने स्वास्तिक नाम को नाजी निशान हेकेनक्रूज बताया और हिन्दू महिला को सुविधाएँ देने से मना किया। यह तब हुआ जब सैकड़ों बार यह स्पष्ट हो चुका है हिन्दू स्वास्तिक, घृणा वाले हेकेनक्रेज से पूरी तरह अलग है। उबर ने इस मामले में बाद में माफ़ी भी माँगी है।

जानकारी के अनुसार, फिजी की मूल निवासी स्वस्तिका चंद्रा के साथ यह घटना ऑस्ट्रेलिया में हुई। अक्टूबर 2023 में जब वह उबर पर खाना आर्डर कर रही थीं तो उनसे नाम बदलने को कहा गया। उनका नाम उबर को हिंसक लगा और उबर ने उनको अपने प्लेटफार्म से प्रतिबंधित कर दिया।

स्वास्तिका चन्द्रा को उबर ने बताया कि स्वास्तिक जैसा निशान जर्मनी का तानाशाह हिटलर और उसकी नाजी पार्टी करती थी इसलिए स्वास्तिका नाम को अनुमति नहीं दी जा सकती। उबर ने चन्द्रा पर एप यूज करने के लिए नाम बदलने की शर्त रख दी।

स्वास्तिका चन्द्रा ने बताया कि वह फिजी में जन्मी हैं और उनके जानने वालों में ही स्वास्तिक नाम के लोग हैं। उनको इस नाम से इससे पहले कभी समस्या नहीं हुई। यहाँ तक कि ऑस्ट्रेलिया में उन्हें अपने दस्तावेज तैयार करवाने में भी कोई दिक्कत नहीं हुई। यहाँ भी उनके नाम को लेकर कोई प्रश्न नहीं उठाए गए।

स्वास्तिक चंद्रा ने इस बात पर गुस्सा जाहिर किया कि हिटलर से पहले स्वास्तिक के चिन्ह का हजारों साल से हिन्दुओं ने उपयोग किया है और फिर भी कम्पनियाँ इन्हें एक मानती हैं। स्वास्तिक चंद्रा ने इस घटना के कारण अपना नाम बदलने से भी इनकार किया।

इस घटना के कड़े विरोध के कारण उबर ने माफ़ी मांग ली है और स्वस्तिक को उनके नाम के साथ ही अपने प्लेटफार्म के उपयोग की अनुमति दी है। इस मुहिम में स्वास्तिक चंद्रा को ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी हिन्दू संस्था, एक यहूदी संस्था और कानूनी अधिकारियों की मदद लेनी पड़ी।

अलग-अलग हैं स्वास्तिक और नाजी निशान ‘हेकेनक्रेज या हूक्ड क्रॉस’

स्वास्तिक पर यह बवाल कोई नया नहीं है। पश्चिमी देशों में नासमझी के चलते हिन्दू पवित्र चिन्ह को ईसाईयत के हूक्ड क्रॉस या हेकेनक्रेज, जिसका इस्तेमाल हिटलर करता था, समझा जाता है। इस बेवकूफी में मात्र सामान्य जन ही नहीं बल्कि बड़े बड़े मीडिया संस्थान भी शामिल हैं। स्वास्तिक जहाँ पूरी तरीके से सीधा बना होता है और इसके कोने हल्का सा मोड जाते हैं, वहीं हूक्ड क्रॉस एकदम सीधा ना होकर 45 अंश पर बाएँ तरफ को मोड़ा हुआ होता है। स्वास्तिक के भीतर बिंदियाँ भी होती हैं, हूक्ड क्रॉस में यह नहीं होती।

इसके अलावा स्वास्तिक शब्द का निर्माण ‘सु’ और ‘अस्ति’ से मिलकर हुआ है। इसका अर्थ होता है कि ‘अच्छा होना’। दूसरी तरफ हूक्ड क्रॉस या हेकेनक्रेज हिटलर के नाजी जर्मनी में लगाया जाने वाला निशान था। इसका हिन्दू धर्म से कोई लेना देना नहीं है। हिटलर इस निशान का इस्तेमाल यहूदियों को आतंकित करने के लिए करता था। दोनों चिन्हों में अंतर को कई बार स्पष्ट किया जा चुका है। कई पश्चिमी देशों में हेकेनक्रेज पर प्रतिबंध है लेकिन स्वास्तिक पर नहीं।

हालाँकि, पश्चिमी मीडिया संस्थान हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने के लिए लगातार नाजी समर्थकों का हूक्ड क्रॉस स्वास्तिक बताया जाता रहा है। सितम्बर, 2022 में एक हत्यारे ने रूस में कई बच्चों की हत्या कर दी थी। उसने यही क्रॉस अपनी टीशर्ट पर बनाया हुआ था। इसे समाचार संस्थान रायटर्स ने क्रॉस ना बता कर स्वास्तिक बताया। इसी तरह अन्य कई बार भी ऐसे ही प्रयास किए गए। इसकी वजह से हिन्दुओं को पश्चिमी देशों में घृणा का भी शिकार होना पड़ा है।

‘दो राजकुमारों की शूटिंग फिर शुरू हो गई है’ : PM मोदी ने कॉन्ग्रेस-सपा को घेरा, बोले- अमरोहा की एक ही थाप, फिर मोदी सरकार

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में विशाल जनसभा के बीच आज (19 अप्रैल 2024) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने सभी मतदाताओं, खासकर युवाओं से अपने अधिकार का उपयोग करने की अपील की। अमरोहा की जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा अमरोहा की एक ही थाप है- कमल छाप! और अमरोहा का एक ही स्वर है – फिर एक बार मोदी सरकार।

पीएम ने कहा, “अमरोहा केवल ढोलक ही नहीं, देश का डंका भी बजाता है। क्रिकेट वर्ल्ड कप में भाई मोहम्मद शामी ने जो कमाल किया, वो पूरी दुनिया ने देखा है। खेलों में शानदार प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें अर्जुन अवार्ड दिया है और योगी जी की सरकार यहाँ के युवाओं के लिए स्टेडियम भी बनवा रही है।”

उन्होंने 2024 के चुनावों को देश के भविष्य का चुनाव बताया और कहा कि बीजेपी गाँव, गरीब के लिए बड़े विजन और बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रही है, लेकिन INDI गठबंधन के लोगों की सारी शक्ति गाँव, देहात को पिछड़ा बनाने में लगती है। इस मानसिकता का सबसे बड़ा नुकसान अमरोहा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों को उठाना पड़ा है।

उन्होंने कॉन्ग्रेस और सपा पर निशाना साधते हुए कहा, यूपी में एक बार फिर दो शहजादों की जोड़ी की फिल्म की शूटिंग चल रही है जिसे लोग पहले ही नकार चुके हैं। हर बार ये लोग परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की टोकरी उठाकर यूपी की जनता से वोट माँगने निकल पड़ते हैं। अपने इस अभियान में ये लोग हमारी आस्था पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। यहाँ से जो कॉन्ग्रेस के प्रत्याशी हैं, उन्हें तो भारत माता की जय बोलने में भी परेशानी होती है।

उन्होंने कहा, “आज जब पूरा देश राममय है, तब समाजवादी पार्टी के लोग रामभक्ति करने वालों को सार्वजनिक रूप से पाखंडी कहते दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि INDI गठबंधन वाले सनातन से घृणा करते हैं। अभी मैं द्वारका गया और समुद्र में नीचे जाकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की। लेकिन कॉन्ग्रेस के शहजादे कहते हैं कि समुद्र के नीचे पूजा करने योग्य कुछ है ही नहीं। हमारी हजारों वर्ष की आस्था और भक्ति को ये लोग सिर्फ वोटबैंक के लिए खारिज कर रहे हैं।”

वह बोले- “बिहार और उत्तर प्रदेश में अपने आप को यदुवंशी कहने वाले नेताओं से मैं पूछना चाहता हूँ कि आप भगवान श्रीकृष्ण और द्वारका का अपमान करने वालों के साथ कैसे समझौता कर सकते हो।” उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण के इसी खेल ने यूपी को और खासकर हमारे पश्चिमी यूपी को दंगों की आग में जलाया है यहाँ के लोग गुंडाराज को नहीं भुला सकते।

‘हम अलग-अलग समुदाय से, तुम्हारे साथ नहीं बना सकती संबंध’: कॉन्ग्रेस नेता ने बताया फयाज ने उनकी बेटी को क्यों मारा, कर्नाटक में हिन्दू संगठनों का प्रदर्शन

कर्नाटक के हुबली में कॉन्ग्रेस के कार्पोरेटर निरंजन हिरेमठ की 23 वर्षीय बेटी नेहा की फयाज नाम के युवक ने हत्या कर दी। CCTV फुटेज में देखा गया कि फयाज ने नेहा पर कई बार चाकू से वार किया। वो कॉलेज में उसके साथ ही पढ़ता था। गुरुवार (18 अप्रैल, 2024) को हुए इस हत्याकांड में फयाज को गिरफ्तार कर लिया गया है। नेहा ‘मास्टर्स इन कम्प्यूटर एप्लीकेशंस (MCA)’ की फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। मृतका और आरोपित, दोनों ही स्थानीय BVB कॉलेज में पढ़ते थे। हत्या से 5 मिनट पहले ही नेहा की माँ गीता ने उससे बात की थी, वो उसे लेने कॉलेज भी आई थी।

नेहा के पिता ने इस हत्याकांड के संबंध में जानकारी देते हुए बताया, “सुबह के 8 बजे से मेरी बेटी का क्लास था। शाम को साढ़े 4 बजे जैसे ही क्लास खत्म कर के जैसे ही बाहर आई, किसी अनजान व्यक्ति ने आकर 30 सेकेण्ड में 7-8 बार चाकू घोंपा, जिस कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वो नेहा का सीनियर था, उसने प्रोपोज किया था लेकिन मेरी बेटी ने उसका प्रपोजल रिजेक्ट कर दिया। उसे ऐसी चीजें पसंद नहीं थीं, वो दूर रहती है, इसीलिए उसने इनकार कर दिया।”

मृतका के पिता निरंजन हिरेमठ ने बताया कि उनकी बेटी ने उक्त युवक को कड़े शब्दों में स्पष्ट कह दिया था कि हम अलग-अलग समुदाय के हैं, तुम्हारे साथ संबंध नहीं बढ़ा सकते। विद्यानगर पुलिस का कहना है कि उसने 1 घंटे के भीतर हत्यारे को गिरफ्तार करने में सफलता पाई। पुलिस का कहना है कि फयाज ने नेहा की हत्या की, क्योंकि वो उसे नज़रअंदाज़ कर रही थी। पीठ और गर्दन पर चाकू घोंपा गया। KIMS अस्पताल में उसे ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

कर्नाटक के धारवाड़ से सांसद और केंद्रीय संसदीय मामलों, कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि कॉन्ग्रेस सरकार में राज्य की कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने हत्यारे के लिए कड़ी सज़ा की माँग की। वहीं छात्र संगठन ABVP ने हुबली और धारवाड़ में बंद का आह्वान किया है। मटर रोड्स स्थित श्मशान में नेहा का अंतिम संस्कार किया जाएगा। फयाज बेलागावी के सवदत्ती का रहने वाला है। KLE टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से BCA करने के दौरान नेहा हिरेमठ और फयाज की जान-पहचान हुई थी।

पुलिस का कहना है कि फयाज ने नेहा के साथ रोमांटिक रिलेशनशिप बनाने की कोशिश कई बार की। नेहा के परिजनों ने फयाज को चेताया भी था और उसे दूर रहने को कहा था। उसकी हरकतों के कारण नेहा कई दिनों तक कॉलेज भी नहीं जा पाई थी। फिर वो MCA की परीक्षाएँ देने के लिए कॉलेज आ रही थी। हिन्दू संगठनों ने जिले के वकीलों से निवेदन किया है कि वो फयाज का केस न लड़ें। विद्यानगर पुलिस थाने के सामने भी विरोध प्रदर्शन किया गया।

चंदामारी में BJP बूथ अध्यक्ष से मारपीट-पथराव, दिनहाटा में भाजपा कार्यकर्ता के घर के बाहर बम, तूफानगंज में झड़प: ममता बनर्जी के बंगाल में चुनाव के दिन भी जंगलराज

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आज (19 अप्रैल 2024) हो रही वोटिंग के बीच पश्चिम बंगाल से हिंसा की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि वहाँ कूचबिहार के चंदामारी इलाके में जमकर पथराव हुआ। इस दौरान कुछ लोग घायल भी हुए हैं। तूफानगंज में भी झड़प हुई है। इसके अलावा कूचबिहार के ही दिनहाटा इलाके में भाजपा कार्यकर्ता के घर के बाहर के बाहर बम मिला है। सोशल मीडिया पर इसकी एक वीडियो भी सामने आई है। इसे देख आसपास के लोगों में दहशत बैठ गई है। बम एकदम घर के मुख्य दरवाजे से थोड़ी दूरी पर ही रखा दिख रहा है।

सोशल मीडिया पर सामने आ रही कूचबिहार की तस्वीरों को देख लगता है कि वहाँ वोटिंग वाले दिन माहौल ठीक नहीं है। लोग कह रहे हैं कि अगर ऐसा हाल रहा तो कौन वोट देने आएगा। एक वीडियो में दो ओर से पथराव होता दिख रहा है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि कूचबिहार के चांदमारी में भाजपा के बूथ अध्यक्ष लाब सरकार के साथ मारपीट भी हुई है जिसमें वो बुरी तरह घायल हो गए हैं। उनके सिर में गहरी चोट आई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बता दें कि बंगाल में पूर्व में चुनावों के समय हुई घटनाओं को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता शुरू से कह रहे थे कि वोटिंग के दिन राज्य में हिंसा हो सकती है और इसके लिए सुरक्षा के इंतजाम पहले होने चाहिए। ऐसे में पोलिंग बूथों पर पुलिस की मुस्तैदी हर स्थिति को संभालने के लिए की गई थी, मगर फिर भी आज जब बंगाल में कूचबिहार पहले चरण में वोटिंग शुरू हुई और इस तरह से हिंसा की खबरें आईं तो भाजपा वाले इसका इल्जाम टीएमसी पर लगाने लगे। इधर बंगाल में 18 अप्रैल को टीएमसी के दो कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ था। उस समय उत्तर बंगाल विकास मंत्री और टीएमसी के दिनहाटा विधायक उदयन गुहा ने बीजेपी पर इस हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया था। हालाँकि, भाजपा का कहना था कि टीएमसी की अंदरुनी कलह है। इसमें बीजेपी का हाथ नहीं है।”

इजरायल ने किया ईरान पर हमला, एयरबेस को बनाया निशाना: कई बड़े शहरो में एयरपोर्ट बंद, हवाई उड़ानों पर भी रोक

इजरायल ने ईरान के कुछ सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमले किए हैं। इजरायल का यह हमला ईरान के इसफहान प्रांत में हुआ है। बताया गया है कि ईरान ने इसफहान प्रांत में एक एयरपोर्ट और ईरान के सैन्य साजोसामान को निशाना बनाया। अभी इस हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। ईरान ने कहा है कि यह हमला काफी छोटा था और उसे कोई नुकसान नहीं हुआ।

जानकारी के अनुसार, इजरायल ने यह हमला शुक्रवार (19 अप्रैल, 2024) सुबह किया है। इजरायल ने यह हमला ड्रोन के जरिए किया है। ईरानी मीडिया का कहना है कि इजरायल का हमला सफल नहीं हो पाया क्योंकि उसने इजरायली ड्रोन को हवा में ही मार गिराया।

इसफहान में शुक्रवार सुबह तेज धमाके सुने गए। बताया जा रहा है कि इजरायल का हमला ईरान के असफ़हान के एयरपोर्ट को निशाना बना कर किया गया था। इस हमले के बाद ईरान के बड़े शहरो में एयरपोर्ट बंद कर दिए गए और साथ ही हवाई उड़ानों पर भी रोक लगा दी गई। ईरान की राजधानी तेहरान भी इससे प्रभावित हुई है।

ईरानी अन्तरिक्ष एजेंसी के मुखिया ने एक्स (पहले ट्विटर) पर इजरायली हमले के विषय में बताते हुए कहा कि यह कुछ ड्रोन के द्वारा किया गया था जिसने कोई नुकसान नहीं हुआ। ईरान की सरकारी मीडिया का कहना है कि देश के सुरक्षा ढाँचे ने तीन ड्रोन मार गिराए थे। जिस जगह यह हमला हुआ वह ईरानी सेना का एक प्रमुख बेस माना जा रहा है।

कुछ न्यूज रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजरायल का यह हमला एक मिसाइल हमला था। हालाँकि, इस बात कि अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि इजरायल के इस हमले के विषय में 24-48 घंटे पहले सूचित कर दिया गया था। इजरायल का यह हमला ईरान के परमाणु संस्थानों के आसपास किया गया है। हालाँकि, ईरानी परमाणु प्रोग्राम को कोई नुकसान नहीं पहुँचा है।

इजरायल का यह हमला ईरान के हमले का जवाब माना जा रहा है। ईरान ने हाल ही में इजरायल पर लगभग 300 ड्रोन के जरिए हमला किया था। ईरान ने इजरायल के कई शहरों को निशाना बनाया था। ईरान ने इजरायल पर मिसाइल भी दागी थी। इजरायल ने तमाम ड्रोन को हवा में ही मार गिराया था।

ईरान और इजरायल के बीच यह तनाव 1 अप्रैल के बाद से चालू हुआ है। इजरायल ने 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी दूतावास को निशाना बनाया था। इजरायल ने इस दूतावास पर हवाई हमला किया था। इस हवाई हमले में ईरान के कई बड़े सैन्य अधिकारी मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने बदला लेने की बात कही थी।

अगर आप दूध (अमूल) पीते हैं तो आप मांस (गाय) खा रहे हैं… आप गौहत्या करवा रहे हैं: मेनका गाँधी के आरोपों को कोऑपरेटिव सोसाइटी ने नकारा

भाजपा सांसद मेनका गाँधी ने Amul पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसे डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटी ने नकार दिया है। सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में एक इंटरव्यू के दौरान वो इससे सहमति नहीं जताती हुई दिख रही हैं कि Amul किसानों की मदद करता है, उनका कहना है कि वो सिर्फ गायों को बड़ा करने और उन्हें बेचने व उनकी हत्या में किसानों की मदद करता है। साथ ही उन्होंने Amul पर कई गायों की हत्या का आरोप मढ़ते हुए कहा कि जैन समुदाय की सबसे अधिक जनसंख्या गुजरात में है, अमूल भी गुजरात में स्थित है और सबसे ज्यादा गोहत्या भी गुजरात में ही होती है।

लोकसभा चुनाव 2024 में सुल्तानपुर से भाजपा प्रत्याशी मेनका गाँधी कहती हैं, “प्रतिदिन कई ट्रकों में भर कर गायों को महाराष्ट्र के Allana (बीफ कंपनी) में ले जाया जाता है। इन सभी को मार डाला जाता है। ये गाये डेयरी से ले जाई जाती हैं। अगर मैं गलत नहीं हूँ तो भारत में पहला बूचड़खाना Amul ने ही स्थापित किया था। उन्होंने गोवा में ऐसा किया, क्योंकि वो गुजरात में ये नहीं कर सके। डेयरी वाले जानते हैं कि वो मीट इंडस्ट्री के लिए एक बिचौलिए हैं।”

मेनका गाँधी ने ये भी कहा कि अगर आप दूध पीते हैं तो आप गोहत्या में हिस्सा ले रहे हैं, आप समझिए कि मीट खा रहे हैं। इंस्टाग्राम पर मेनका गाँधी के इस वीडियो में Amul के टैगलाइन से छेड़छाड़ करते हुए ‘अमूल खून पीता है इंडिया’ लिख कर शेयर किया गया। हालाँकि, Amul ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए सच्चाई बताई है। कोऑपरेटिव सोसाइटी ने कहा है कि गोवा में उसके द्वारा बूचड़खाना स्थापित किए जाने की फर्जी खबर सोशल मीडिया व व्हाट्सएप्प में फ़ैल रही है।

Amul ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि ये एक फर्जी खबर है, इस वीडियो में कई अन्य आधारहीन दावे किए गए हैं जो गलत हैं, फर्जी हैं। Amul ने कहा कि ऐसा कर के वो लोग उन लाखों महिला किसानों के योगदान का अपमान कर रहे हैं जिन्होंने पिछले 77 वर्षों में कई पीढ़ियों को पोषण दिया है, भारत में फ़ूड सिक्योरिटी सुनिश्चित की है। भारत के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादन होने का जिक्र करते हुए Amul ने कहा कि डेयरी इंडस्ट्री में हमारा देश आत्मनिर्भर है।

Amul ने कहा, “डेयरी इंडस्ट्री ने हमारी महिला किसानों को सम्मान दिया है, रोजगार दिया है और उनके लिए नियमित आय की व्यवस्था की है। गुजरात के 36 लाख किसान जिनके पास Amul का स्वामित्व है, हम आश्वासन देते हैं कि ये लोग पशुओं का अपने परिवार के सदस्यों की तरह ख्याल रखते हैं। उन्हें प्यार मिलता है, उनका ध्यान रखा जाता है और हर उम्र में उनके लिए अच्छे इलाज की व्यवस्था की जाती है। इस वीडियो का इस्तेमाल भ्रामक सूचनाएँ फैलाने व ग्राहकों में गैर-ज़रूरी डर और चिंता बिठाने के लिए किया जा रहा है।”

Amul ने अंत में अपने बयान में निवेदन किया है कि उसके इस सन्देश को रिश्तेदारों-दोस्तों तक फैलाएँ और उन्हें आश्वस्त करें कि Amul एक जिम्मेदार ब्रांड है और इसके 36 लाख किसान अपने पशुओं से प्यार करते हैं, उनकी सुरक्षा करते हैं और उनका ध्यान रखते हैं। कोऑपरेटिव सोसाइटी ने किसी भी सवाल के जवाब के लिए उसके नंबर 18002593333 पर कॉल करने को कहा है। बता दें कि ‘गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन’ की स्थापना गुजरात के आणंद में दिसंबर 1946 में हुई थी। ये भारत की ‘श्वेत क्रांति’ का अहम हिस्सा है।

फयाज ने कॉन्ग्रेस नेता की बेटी नेहा को चाकुओं से गोद कर मार डाला, कहा था – ‘मेरा ऑफर ठुकराया, उसे खत्म कर दूँगा’, CCTV में पूरा वीडियो कैद

कर्नाटक के हुबली में नेहा हिरेमठ नाम की 24 साल की युवती को फयाज नाम के लड़के ने चाकू घोंप-घोंपकर मार डाला। नेहा कॉन्ग्रेस के पार्षद निरंजन हिरेमठ की बेटी थी। फयाज ने कॉलेज कैंपस में ही उसे ताबड़तोड़ चाकू मारे

पूरी घटना बीवी भूमाराद्दी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की है। नेहा वहाँ से MCA के प्रथम वर्ष में पढ़ाई कर रही थी। वहीं बेलगावी जिले के सावदत्ती का फयाज उसी कॉलेज से बीसीए पढ़ रहा था और किसी समय में वह नेहा का क्लासमेट भी था।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि फयाज कॉलेज के बाहर आकर नेहा का इंतजार कर रहा था और जैसे ही नेहा बाहर निकली उसने उसे चाकू घोंप दिया। उसने नेहा के गर्दन पर ताबड़तोड़ चाकू मारे। पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद है। फुटेज में नजर आ रहा है कि फयाज अपना चेहरा ढककर आया था। जैसे ही नेहा के गर्दन से खून की धार निकली, वो वैसे ही वहाँ से हाथ में अपना हथियार लेकर फरार हो गया।

वीडियो में देख सकते हैं कि फयाज पहले नेहा के सामने आता है तो नेहा भागने की कोशिश करती है, मगर फयाज उसे पकड़ता है और जमीन पर लिटाकर उसे कई दफा चाकू घोंपता है। घटना के दौरान कई लोग नेहा की चीख सुनकर भागकर आते हैं, पर तब तक फयाज वहाँ से जा चुका होता है। इसके बाद आसपास जमा लोग पीड़िता को KIMS अस्पताल में भर्ती करवाते हैं लेकिन घाव गहरे होने के कारण नेहा बच नहीं पाती।

पुलिस ने अब इस मामले में फयाज के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। बताया जा रहा है कि फयाज युवती पर उसके साथ रिलेशनशिप में आने का दबाव बना रहा था और लड़की ने इससे इनकार कर दिया। ऐसे में फयाज उसका महीनों पीछा करता था। घटना वाले दिन जब नेहा उसके सामने आई तो उसने उसके गले पर वार किए, जो बताते हैं कि उसकी मंशा नेहा को जान से ही मारने की थी।

पुलिस की जाँच में भी सामने आया है कि फयाज अपने दोस्तों से बोलते हुए फिरता था कि जिस लड़की ने उसका ऑफर ठुकराया है वो उसे खत्म कर देगा। मामले के बारे में बताते हैं सिटी पुलिस कमिशनर रेणुका एस सुकुमार ने कहा वे दोनों (पिछले साल तक) बीसीए साथ में पढ़ रहे थे। लेकिन, बीसीए के बाद नेहा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और फयाज ने छोड़ दी।

पुलिस कमिश्नर के हिसाब से आरोपित को पकड़ लिया गया और पूछताछ की जा रही है। जाँच अधिकारी का कहना है कि ये मामला ऐसा लग रहा है जैसे प्रेम नकारे जाने के बाद फयाज ने ऐसी हरकत की है। मामले में नेहा की दोस्तों और रिश्तेदारों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि पता लग सके कि मर्डर का असली मोटिव था क्या? नेहा के परिजनों ने अब तक कहा है कि वो फयाज को नहीं जानते हैं। युवती ने कभी उन्हें उसके बारे में नहीं बताया।

घटना के बाद तमाम कॉन्ग्रेस नेता नेहा के परिवार को सांत्वना देने पहुँचे। इस दौरन एबीवीपी ने भी कॉलेज के आगे प्रदर्शन करते हुए आरोपित की गिरफ्तारी की माँग की है।

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