एक बार फिर से गिरोह विशेष ने EVM में छेड़छाड़ का रोना शुरू कर दिया है। इस बार एक निलंबित पुलिस अधिकारी का बयान का हवाला देकर ऐसा किया जा रहा है। हालाँकि, चुनाव आयोग ने जब बयान जारी किया तो सच्चाई कुछ और ही निकली। ‘कॉन्ग्रेस टास्क फोर्स’ नामक सोशल मीडिया अभियान चलाने वाले अमित मयंक ने पुलिस अधिकारी रंजीत कासले के बयान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि चुनावी ड्यूटी के दौरान उन्हें EVM से छेड़छाड़ और वोटिंग मशीनों को स्ट्रांग रूम से हटाने के लिए 10 लाख रुपए की पेशकश की गई।
पहले चुनाव आयोग ने साफ़ कर दिया था कि ये आरोप एक ऐसे पुलिस अधिकारी की तरफ से आए हैं जो पहले ही निलंबित और रुष्ट चल रहा है। इसके बावजूद भी ECI ने DM व SSP से इस मामले को लेकर रिपोर्ट तलब की। चुनाव आयोग कई बार बताता रहा है कि जिस प्रोटोकॉल और सख्ती के साथ EVM को स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है, उसके बाद उसे वहाँ से हटाने की कोई संभावना नहीं बनती। जाँच रिपोर्ट के बाद अब चुनाव आयोग ने साफ़ कर दिया है कि माजरा क्या है।
Allegation comes from a disgruntled police officer(under suspension).Though strict legal admin. protocol in which EVMs are placed there is no possibility of removal of EVMs, report has been called from DM&SSP thro CEO considering its seriousness. Action(s) will follow the report.
— Election Commission of India (@ECISVEEP) April 18, 2025
DEO (जिला चुनाव अधिकारी) और SSP (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) ने ये जानकारी दी है कि जो रंजीत कासले आरोप लगा रहा है कि उसे EVM को लेकर चुप रहने के लिए पैसे ऑफर किए गए, वो दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की ड्यूटी पर था ही नहीं। ये आरोप सार्वजनिक शांति व व्यवस्था को भंग करने की मंशा से लगाए गए हैं। रंजीत कासले के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए भी वरीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। मामला परली विधानसभा क्षेत्र का है।
बीड जिले के चुनाव अधिकारी द्वारा दिए गए बयान में बताया गया है कि 2024 के चुनाव वहाँ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराए गए। रंजीत कासले मुंबई पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर हुआ करते थे। उनका आरोप है कि उन्हें स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा की ड्यूटी दी गई थी, लेकिन EVMs से छेड़छाड़ के लिए उन्हें वहाँ से हटा दिया गया। मतदान, स्ट्रॉन्ग रूम में EVMs का रखा जाना और मतगणना – पूरी चुनावी प्रक्रिया में रंजीत कासले को चुनावी ड्यूटी में तैनात किया ही नहीं किया गया।
परली से 2024 में NCP (जीत पवार गुट) के धनंजय मुंडे ने 1.40 लाख से भी अधिक वोटों से जीत दर्ज की। वो महाराष्ट्र सरकार में खाद्य, सिविल सप्लाइज एवं ग्राहक व्यवहार मंत्री भी हैं। उनकी जीत को धांधली बताते हुए रंजीत कासले ने कहा था, “मतगणना के लिए मुँह बंद रखने के लिए मेरे खाते में 10 लाख रुपए भेजे गए। मैंने इसमें से साढ़े 7 लाख रुपए वापस भेज दिए, बाकी मैंने खर्च किया। वाल्मीक कराड की ‘संत बालू मामा कंस्टक्शन कंपनी’ से ये फंड भेजा गया था।”
स्थानीय एसपी ने अपनी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। स्ट्रॉन्ग रूम के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई थी – EVMs के पास केंद्रीय बलों को तैनात किया गया था, इमारत के चारों तरफ ‘स्टेट रिजर्व्ड पुलिस फ़ोर्स (SRPF)’ के जवान तैनात किए गए थे, और बाहरी घेरे में जिला की स्थानीय पुलिस थी। पहले दो लेयर की सिक्योरिटी में स्थानीय पुलिस की कोई भूमिका ही नहीं थी। उस दौरान रंजीत कासले की ड्यूटी बीड के साइबर पुलिस थाने में भी – जहाँ ऑनलाइन ठगी व अपराधों की शिकायतें दर्ज होती हैं।
साथ ही कहीं से भी EVM से छेड़छाड़ की कोई शिकायत किसी ने नहीं की। सभी उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों व इलेक्शन ऑब्जर्वर की उपस्थिति में स्ट्रॉन्ग रूम को सील किया गया था। साथ ही CCTV कैमरे में सारी प्रक्रिया व 24 घंटे की गतिविधियाँ रिकॉर्ड की गई थीं। सभी दलों के उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों के सामने ही ये कैमरे इनस्टॉल किए गए थे। रंजीत कासले एक अन्य अपराध के मामले में गिरफ़्तार भी किया जा चुका है। बता दें कि रंजीत कासले और भी अनर्गल बयान देता रहा है।
शुक्रवार (18 अप्रैल, 2025) को उसे पुणे से गिरफ़्तार किया गया। उसने दावा किया था कि उसे वाल्मीक कराड के एनकाउंटर के लिए ऑफर दिया गया था। वाल्मीक कराड NCP का कॉर्पोरेटर रहा है, साथ ही मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मुख्य अभियुक्त भी। रंजीत कासले ये सब बयान देकर बीड से फरार हो गया था। पुणे के स्वारगेट क्षेत्र में एक होटल में उसके रुकने की सूचना मिली, जिसके बाद छापेमारी करके उसे गिरफ़्तार किया गया।
Official report by DEO & SSP Beed: dismissed PSI Ranjit Kasale was not on election duty during MH Assembly polls.The allegations are aimed at disturbing public peace & tranquility, inciting people for violence against state.DEO directed to take action against Kasale
— Election Commission of India (@ECISVEEP) April 19, 2025
Full report: pic.twitter.com/16FF4xz979
बीड के प्रशासन ने भी बताया है कि सोशल मीडिया पर आधारहीन, लापरवाह और अनुचित बयानबाजी करना रंजीत कासले की आदत रही है। कई नेताओं और पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध भी वो इस तरह की बयानबाजी कर चुका है। प्रशासन का कहना है कि न केवल व्यक्तिगत अनुशासन बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था के लिए उसके ये बयान नुकसानदेह हैं। चुनावी प्रक्रिया को संदेह में डालने और पब्लिसिटी के लिए उसने इस तरह का बयान दिया, जो अब झूठा साबित हो चुका है।