Friday, April 19, 2024
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असम-मिजोरम बॉर्डर पर भड़की हिंसा, असम के 6 पुलिसकर्मियों की मौत: हस्तक्षेप के दोनों राज्‍यों के CM ने गृहमंत्री से लगाई गुहार

असम-मिजोरम सीमा विवाद को लेकर बॉर्डर पर सोमवार (26 जुलाई 2021) को फि‍र से हिंसा भड़क गई। बताया जा रहा है कि दोनों राज्यों के बॉर्डर पर नागरिकों के बीच झड़प हुई है और वाहनों पर हमले किए गए हैं। इसके बाद असम और मिजोरम के मुख्‍यमंत्रियों ने ट्वीट करके केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस विवाद को सुलझाने की माँग की है।

वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर बताया कि असम-मिज़ोरम सीमा पर तनाव में असम पुलिस के 6 जवानों की जान चली गई है।

मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए पुलिस और नागरिकों के बीच झड़प का एक वीड‍ियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। उन्होंने गृहमंत्री से इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करने की माँग की।

एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा, ”चाहर के रास्‍ते मिजोरम लौटते वक्‍त निर्दोष दंपति पर गुंडों ने हमला बोल दिया और उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की। आखिरकार इस तरह की हिंसक घटनाओं को आप किस तरह न्‍यायोचित ठहराएंगे।”

वहीं, इसके जवाब में असम पुलिस ने भी एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “यह बेहद दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि मिजोरम से कुछ असामाजिक तत्‍व असम के सरकारी अधिकारियों पर पथराव कर रहे हैं। ये अधिकारी लैलापुर में असम की जमीन की अतिक्रमण से रक्षा करने के लिए तैनात हैं।”

वहीं असम के मुख्‍यमंत्री हिमंता बि‍स्‍वा सरमा ने ट्वीट किया, “माननीय जोरमथंगा जी, कोलासिब (मिजोरम) के एसपी ने हमें कहा है कि जब तक हम अपनी पोस्‍ट से पीछे नहीं हटते तब तक उनके नागरिक बात नहीं सुनेंगे और हिंसा नहीं रोकेंगे। आप ही बताइए ऐसी परिस्थितियों में हम किस तरह सरकार चला सकते हैं। इसके बाद उन्‍होंने अमित शाह और प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए लिखा है, ”मुझे उम्मीद है कि आप जल्‍द से जल्‍द इस मसले में दखल देंगे।”

इस ट्वीट के जवाब में जोरमथंगा ने ट्वीट किया, “​प्रिय हिमंता जी, माननीय अमित शाह जी ने दोनों मुख्‍यमंत्रियों की सौहार्दपूर्ण बैठक कराई थी। उसके बाद आश्‍चर्यजनक रूप से असम पुलिस की दो कंपनियों ने नागरिकों पर लाठीचार्ज किया। यही नहीं असम पुलिस ने नागरिकों पर आँसू गैस के गोले भी दागे। उन्होंने मिजोरम की सीमा में सीआरपीएफ कर्मियों और मिजोरम पुलिस पर भी धावा बोला।”

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गौरतलब है कि दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद काफी पुराना है। असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को खत्‍म करने के लिए साल 1995 के बाद से कई बैठक हो चुकी हैं, लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ है।

गोरखपुर के मंदिर पर भू-माफियाओं का कब्जा, अफसरों पर भड़के सीएम योगी: 2 घंटे के अंदर हटवाया कब्जा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह नगर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि गोरखपुर में जिस मंदिर का सांसद रहते हुए सीएम योगी ने लोकार्पण किया था, उस पर अब भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया है।

दैनिक भास्कर के मुताबिक, गोरखपुर में रविवार (25 जुलाई 2021) को जनता दरबार लगाया था, जिसमें मंदिर के महंत ने पूरे प्रकरण की शिकायत की तो मुख्यमंत्री अधिकारियों पर आगबबूला हो गए। उन्होंने DM विजयेंद्र पांडियन और SSP दिनेश कुमार प्रभु को फटकार लगाते हुए, तत्काल मंदिर से कब्जा हटवाने का आदेश दे दिया।

यह मामला रामगढ़ताल इलाके के महेवा एहतमाली बंधे पर बने समैय माता का मंदिर का है। मंदिर के महंत चेतन गिरी उर्फ नागा बाबा का कहना है कि उन्होंने भू-माफियाओं की शिकायत कई बार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए उन्होंने इंसाफ के लिए सीएम योगी से गुहार लगाई। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के आदेश के दो घंटे के अंदर ही मंदिर को कब्जा मुक्त करा दिया गया है।

चेतन गिरी उर्फ नागा बाबा का आरोप है कि आरोपित रमाशंकर सोनकर दबंग और अपराधी किस्म का शख्स है। वो और उसके परिवार वाले अक्सर उन्हें जान से मारने की धमकी देते रहते हैं। बाबा के मुताबिक उनकी जान को खतरा है।

बता दें कि रमाशंकर सोनकर पर आरोप है कि उसने रायगंज निवासी विजय कसेरा की जमीन पर पुलिस के सहयोग से पक्की बाउंड्रीवाल को ध्वस्त करा दिया था। इस मामले में एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु के निर्देश पर पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा यह बात भी सामने आई है कि फलमंडी चौकी पर तैनात कुछ पुलिसकर्मियों का आरोपित रमाशंकर के घर आना-जाना लगा रहता है। पुलिस की उसके घर पर दावत भी चलती है। यह मामला एसएसपी के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने इसकी जाँच के आदेश दे दिए गए हैं।

फर्रुखाबाद की पूजा बनी अंकित, गोरखपुर की लड़की से की शादी… यूपी पुलिस का भी चकराया दिमाग

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है। मामला जब गुलरिहा थाने पहुँचा तो इसे सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए। दरअसल, फर्रुखाबाद की पूजा ने गोरखपुर की युवती से प्यार होने के बाद अपना लिंग परिवर्तन करा लिया और नाम बदलकर अंकित बन गई। इसके बाद दोनों ने मंदिर में शादी कर उसे रजिस्टर्ड कराया और साथ रहने लगे। गोरखपुर के गुलरिहा इलाके की लड़की के पिता ने इस पर आपत्ति जताते हुए पुलिस में इसकी शिकायत की है।

पिता का आरोप है कि उसने उनकी लड़की को बहला फुसलाकर उसके साथ रेप किया है, जबकि युवक और युवती का कहना है कि वे दोनों बालिग हैं। उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है और अब दोनों साथ रहना चाहते हैं।

फर्रुखाबाद के अंकित को गोरखपुर पुलिस ने पकड़ा

पिता की शिकायत पर केस दर्ज करने के बाद पुलिस फर्रुखाबाद निवासी ट्रांसजेंडर युवक अंकित यादव को पकड़कर गोरखपुर लाई है। इंस्पेक्टर विनोद अग्निहोत्री का कहना है कि केस दर्ज कर मामले की जाँच की जा रही है। लड़की का 164 के तहत बयान कराया जाएगा, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि लड़का ट्रासजेंडर है या कुछ और, यह कोर्ट तय करेगी। फिलहाल दोनों पक्ष के लोगों की गुलरिहा थाने में पंचायत हो रही है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है।

प्यार की खातिर पूजा से बन गया अंकित

गुलरिहा इलाके की रहने वाली 27 साल की एक युवती फर्रुखाबाद में रहकर नौकरी करती है। करीब एक साल पहले उसकी दोस्ती साथ में काम करने वाले सातनपुर फर्रुखाबाद निवासी पूजा यादव (30) से हुई। पूजा खुद को लड़की के बजाय लड़का मानती थी। उसका कहना है कि उसे शुरू से ही लड़की वाली कोई फीलिंग नहीं थी और वह अपना लिंग परिवर्तन कराकर लड़का बनना चाहती थी। इस बीच दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई और उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया।

शादी के लिए पूजा ने ना सिर्फ दस्तावेजों में अपना नाम पूजा यादव से बदलवाकर अंकित यादव करा लिया, बल्कि शारीरिक रूप से भी उसने खुद को पुरुष बनाने के लिए लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू करा दी है। दोनों ने फर्रुखाबाद के एक मंदिर में शादी भी कर ली और उसे रजिस्टर्ड कराकर दोनों साथ रहने लगे। इस बीच इसकी जानकारी गोरखपुर में युवती के घर वालों को हो गई। परिवार वालों ने इसकी शिकायत पुलिस से की। लड़की के पिता का आरोप है कि अंकित ने उसे बहला फुसलाकर बिना शादी किए जबरदस्ती अपने साथ रख लिया और उसके साथ दुष्कर्म भी किया।

जेंडर चेंज कराने के लिए एकत्रित किए पैसे

अंकित के मुताबिक, उसके घर में सिर्फ उसकी एक छोटी बहन और माँ है। सिर पर से पिता का साया उठ जाने के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी भी उसके कंधों पर आ गई। वहीं, लिंग चेंज कराने के बारे में जब अंकित ने जानकारी हासिल की तो पता चला कि इसके लिए करीब 5 से 7 लाख रुपए का खर्च आएगा। ऐसे में सिर्फ एक प्राइवेट जॉब के सहारे अंकित दिन रात मेहनत कर परिवार का भी खर्च चला रहे हैं, साथ ही कुछ पैसे बचाकर अपना लिंग परिवर्तन भी करा रहे हैं।

अंकित के मुताबिक, इसमें उनके कुछ मित्र और शुभचिंतक भी उनका सहयोग कर रहे हैं। इसकी जानकारी गालीबंद संस्था के संस्थापक मनीष कुमार को हुई तो वे अपनी टीम के साथ पहुँच गए। मानवाधिकार और ट्रासजेंडर अधिकारों पर काम करने वाली इस संस्था के लोग अंकित की मदद में दिन-रात लगे हुए हैं।

हाउ इज द ट्रोलिंग लेवल! जब मिसाइल पर रवीना टंडन लिखकर IAF ने दिया था नवाज शरीफ को ‘मुहब्बत’ का पैगाम

कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगाँठ पर एक बार फिर वह तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है जिसमें भारतीय वायुसेना ने नवाज शरीफ के लिए मिसाइल पर रवीना टंडन का नाम लिख दिया था। कथिततौर पर रवीना टंडन, नवाज शरीफ की पसंदीदा एक्ट्रेस थीं। ऐसे में भारतीय वायुसेना के जवानों ने तंज कसने के लिए मिसाइल पर रवीना का नाम लिख दिया था।

आज कारगिल विजय दिवस के मौके पर कई यूजर्स इसे दोबारा शेयर कर रहे हैं। वहीं रवीना ने खुद भी कुछ तस्वीरों को शेयर करके बताया है कि वह 1999 में आज के दिन वहीं थीं। उन्होंने अपने मैसेज के साथ भारतीय वायुसेना के मिग-27 की एक तस्वीर और अपने साक्षात्कार का एक अंश भी साझा किया जहाँ उन्होंने भारतीय वायु सेना के इस कदम के बारे में बताया था।

स्क्रॉल को साल 2017 में दिए एक साक्षात्कार में एक्ट्रेस ने इस संबंध में बताया था। उन्होंने कहा था, “मुझे टकराव या हिंसा पसंद नहीं है। मुझे इस तस्वीर के बारे में पता है और किस कारण ऐसा हुआ उसके बारे में भी। लेकिन मैं भी युद्ध के दौरान सैनिकों से मिलने गई थी और सन्न रह गई थी। मैं किसी फिल्म के प्रमोशन के लिए उनसे मिलने नहीं गई थी। जो कुछ हो रहा था उससे मैं सच में प्रभावित थी।”

उन्होंने कहा था, “मेरे पिता एक बहुत बड़े देशभक्त थे। जब वे सिंध से भागे तो मेरी माँ के परिवार को विभाजन का सामना करना पड़ा। मैं बलिदान, वीरता और साहस की कहानियों के साथ बड़ी हुई हूँ। चूँकि मुझे अपने लोगों से इतना प्यार और स्नेह मिला है, इसलिए यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं भी कुछ लौटाऊँ।”

जागरण की एक रिपोर्ट बताती है कि जब भारत-पाकिस्तान कारगिल युद्ध अपने चरम पर था और भारत जीत की ओर आगे बढ़ रहा था। उसी दौरान एक भारतीय सैनिक शहीद हुआ और जब बाकी सैनिक उसके शव को वापस लाने के लिए गए, तो पाकिस्तानी फौजियों ने यह कहकर उन्हें ताना मारा, ‘अपने मरे हुए आदमी को ले लो और हमें माधुरी और रवीना दे दो।’ कहा जाता है कि इसी ताने के जवाब में भारतीय सैनिकों ने उन्हें यह संदेश दिया था।

नेटीजन्स को याद आया IAF का ट्रोलिंग लेवल

कई नेटीजन्स आज उसी तस्वीर को शेयर कर रहे हैं और 1999 में IAF की इस हरकत को अलग लेवल की ट्रोलिंग कह रहे हैं।

एक यूजर इस तस्वीर को शेयर करते हुए कारगिल वार के दौरान पाकिस्तानियों द्वारा उड़ाए गए मजाक को याद दिलाता है। वह कहता है, “कारगिल वार के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों ने माधुरी दीक्षित और रवीना टंडन को माँगा। वह कहते थे- ‘हम कश्मीर छोड़ देंगे तुम हमको रवीना और माधुरी दे दो।’ इसके बाद भारतीय वायुसेना ने ये जवाब दिया था।”

बता दें कि 26 जुलाई 1999 ही वह दिन था, जब भारत का ‘ऑपरेशन विजय’ सफल हुआ और भारत तीन महीने की लंबी लड़ाई के बाद विजयी हुआ था। उबड़-खाबड़ इलाकों और खतरनाक ऊँचाइयों पर हुए इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल में कब्जे वाली चोटियों से खदेड़ डाला था।

‘लखनऊ को दिल्ली बनाया जाएगा, चारों तरफ से रास्ते सील किए जाएँगे’: चुनाव से पहले यूपी में बवाल की टिकैत ने दी धमकी

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार (जुलाई 26, 2021) को उत्तर प्रदेश में आंदोलन की शुरुआत करने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की तरह लखनऊ का भी घेराव किया जाएगा। जिस तरह दिल्ली में चारों तरफ के रास्ते सील हैं, ऐसे ही लखनऊ के भी सील किए जाएँगे।

टिकैत ने कहा कि 8 महीने आंदोलन करने के बाद संयुक्त मोर्चा ने फैसला किया है कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पूरे देश में जाकर किसानों के सामने अपनी बात रखी जाएगी। इसकी तैयारी के लिए 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में बड़ी पंचायत की जाएगी।

ट्रैक्टर रैली निकालना बुरी बात नहीं

राकेश टिकैत ने हरियाणा में जींद के किसानों की तरफ से 15 अगस्त को ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा का समर्थन किया है। टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर रैली निकालना कोई बुरी बात नहीं है। जींद के लोग क्रांतिकारी हैं। उन्होंने 15 अगस्त को ट्रैक्टर परेड करने का सही फैसला लिया है। देखते हैं कि संयुक्त किसान मोर्चा आगे क्या फैसला करता है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, हापुड़ और अमरोहा से किसानों के जत्थे विरोध स्थल पर पहुँचेंगे और 15 अगस्त को सड़कों पर ट्रैक्टर परेड करेंगे। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर परेड को राष्ट्रीय ध्वज के साथ देखना गर्व का क्षण होगा। इसे देशभक्ति की भावना और मजबूत होगी।

बता दें कि हाल ही मे किसान संघों ने ताजा चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि वे स्वतंत्रता दिवस पर भाजपा नेताओं और मंत्रियों को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे हरियाणा में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। टाइम्स नाउ से बात करते हुए एक किसान नेता ने कहा कि वे राज्य में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे और भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाएँगे।

शनिवार (जुलाई 24, 2021) को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने धमकी देते हुए कहा था, “किसान संसद से किसानों ने गूँगी-बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गाँव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे।”

पिछले दिनों भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने समानांतर संसद चलाने की धमकी दी थी। टिकैत ने यह धमकी आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा ‘किसानों’ को केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति देने के बाद दी। वहीं, प्रदर्शन स्थल पर तथाकथित किसानों ने विरोध प्रदर्शन कवर करने गए मीडियाकर्मी पर लाठियों से हमला किया गया था।

इससे पहले टिकैत ने सरकार को धमकाया कि अगर इस बार कानून रद्द नहीं किया गया तो किसानों के ट्रैक्टर लाल किले के अलावा संसद का भी रास्ता जानते हैं। इसके अलावा, पंजाब के पटियाला में किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर हमला कर दिया था। भाजपा नेताओं ने पुलिस के इशारे पर किसानों के द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया।

26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में ही हुआ था बवाल

इस साल 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की वजह से ही दिल्ली की सड़कों पर किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई थी। इस दौरान कुछ उपद्रवी ऐतिहासिक लाल किले में पहुँच गए थे और तिरंगे का अपमान किया था। इसके बाद टकराव बढ़ गया था।

गोरखपुर में मिथुन गैंग के बदमाशों से मुठभेड़, हत्यारोपित गैंगस्टर को यूपी पुलिस ने मारी गोली: साथी फरार

गोरखपुर जिले के खोराबार इलाके के रामनगर कड़जहां फोरलेन पर रविवार (जुलाई 25, 2021) की रात 11.15 बजे के करीब पुलिस टीम पर फायरिंग कर भाग रहे बदमाश गैंगस्टर व हत्यारोपित धर्मदेव यादव पुलिस की गोली से घायल हो गया। जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लगी है। अंधेरे का फायदा उठाकर उसका साथी फरार हो गया। धर्मेंद्र खोराबार के पोखरा टोला में दिव्या दुबे की हत्या का आरोपित था और उसकी तलाश में पुलिस टीम काफी दिनों से थी। पुलिस ने आरोपित के पास से डबल बैरल बंदूक और बाइक बरामद किया है। उसके फरार साथी की तलाश में पुलिस टीम लगाई गई है।

देवरिया के गौरीबाजार के गौरीबुजुर्ग गाँव निवासी बदमाश धर्मदेव को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। जानकारी के मुताबिक, रविवार की देर रात करीब 11.15 बजे यूपी की खोराबार पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ शातिर बदमाश कड़जहां फोरलेन के रास्ते गुजरने वाले हैं। यह बदमाश किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।

सूचना पर रामनगर कड़जहां चौकी प्रभारी चंदन सिंह और क्राइम ब्रांच की टीम ने कड़जहां मोड़ पर बदमाशों की घेराबंदी शुरू की। इस दौरान एक बाइक पर सवार दो बदमाशों को देख जैसे ही पुलिस ने रूकने का इशारा किया, बदमाशों ने पुलिस को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी खुद को बचाते हुए जवाबी फायरिंग की। इसमें एक बदमाश के पैर में गोली लगने से वह वहीं गिर गया। जबकि दूसरा अंधेरे का फायदा उठाकर वहाँ से भागने में सफल रहा।

बदमाश पर कई मुकदमे, मिथुन गैंग का सदस्य

पुलिस की गोली से घायल धर्मदेव पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। यह चौरीचौरा पुलिस पर हमला करने के आरोपित मिथुन गैंग का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही मुठभेड़ में गिरफ्तार कर पुलिस ने मिथुन को जेल भेजा था। इसके साथी के बारे में पुलिस जानकारी जुटाकर तलाश शुरू कर दी है।

दिव्या के भाई आकाश का दोस्त है धर्मदेव

घायल बदमाश धर्मदेव बीते 6 जून को खोराबार इलाके के पोखरा टोले में हुई दिव्या दूबे हत्याकांड में भी शामिल था। 6 जून 2021 को घर में ही दिव्या दुबे की गला कसकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस दिव्या के भाई आकाश को हत्यारोपित के रुप में जेल भी भेज चुकी है। पुलिस की जाँच में यह सामने आया था कि दिव्या की हत्या उसके भाई ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर की थी। पुलिस को तभी से उसके भाई आकाश के दोस्त धर्मदेव की तलाश थी। रविवार की देर रात पुलिस ने धर्मदेव को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया।

बेंगलुरु में हत्या में वांछित है धर्मदेव

कुछ साल पहले धर्म देव ने बेंगलुरू में अपने दोस्त की भी हत्या कर दी थी और फिर वहाँ से फरार हो गया। उसके खिलाफ वहाँ पर भी मुकदमा दर्ज है जिसमें वह वांछित चल रहा है उसकी तलाश में बेंगलुरु पुलिस भी लगी थी।

एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि पुलिस टीम पर फायरिंग कर भाग रहे बदमाश धर्मदेव को जवाबी कार्रवाई में गोली लगी है। पुलिस कस्टडी में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसका एक साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया है जिसकी तलाश में पुलिस टीम लगाई गई है। धर्मदेव हत्या के मामले में वांछित था। उसके पास से डबल बैरल बंदूक बरामद कर ली गई है। जल्द ही उसके साथी को भी पकड़ लिया जाएगा।

दाऊद की ‘GF’ हुईं प्रधानमंत्री इमरान खान से इम्प्रेस, बनना चाहती हैं पाकिस्तान की PM

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की कथित ‘गर्लफ्रेंड’ होने के कारण चर्चा में आईं पाकिस्‍तानी एक्‍ट्रेस महविश हयात प्रधानमंत्री इमरान खान से इम्प्रेस होकर मुल्क की प्राइम मिनिस्टर बनना चाहती हैं। उनका कहना है कि इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद से बहुत सी अच्छी चीजें हुई हैं। वह कहती हैं जब एक क्रिकेटर प्रधानमंत्री बन सकता है तो एक एक्ट्रेस क्यों नहीं बन सकती।

पाकिस्तानी मीडिया पोर्टल डॉन के अनुसार महविश ने बातों ही बातों में इशारा किया है कि वह अगले चुनावों में प्रधानमंत्री पद की दावेदार हो सकती हैं। उनसे जब पूछा गया कि क्या वह अगले चुनावों में इमरान खान को चुनौती देंगी, तो उन्होंने कहा, “मैं उन्‍हें चुनौती नहीं देना चाहती हूँ। लेकिन बाद में किसी न किसी को तो उनकी जगह लेनी होगी और मैं प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार हो सकती हूँ।”

इमरान की पार्टी से प्रभावित महविश कहती हैं कि जब से पीटीआई की सरकार आई है तब से समाज में बदलाव आया है। इसके साथ ही वह अपने इरादों पर बात करते हुए कहती हैं कि उनका उद्देश्य देश में सकारात्मक बदलाव लाना है। लेकिन ये समय तय करेगा कि उनका सपना संसद पहुँच कर पूरा होगा या फिर नई पार्टी बना कर।

उल्लेखनीय है कि महविश हयात को लेकर पिछले दिनों यह दावे हुए थे कि वह दाऊद इब्राहिम के साथ रिलेशन में हैं। जिसके बाद खबर आई कि इब्राहिम नाराज है और इस बात की जाँच करवा रहे हैं कि आखिर जानकारी सार्वजनकि कैसे हुई। महविश उम्र में दाऊद से 27 सा छोटी हैं। उन्हें लेकर मीडिया में बातें तब ज्यादा हुईं जब उनको पाकिस्तान का नागरिक सम्मान ‘तमगा-ए-इम्तियाज’ दिया गया।

उस समय दावा किया गया कि दाऊद इब्राहिम ने महविश को एक आइटम सॉन्ग में देखा था। इसके बाद वह उनके संपर्क में आया और कई बड़े प्रोजेक्ट दिलाने में मदद की। हयात की कामयाबी को देख पहले अंदाजा लगाया गया कि शायद उनकी मदद कराची का कोई प्रभावशाली व्यक्ति कर रहा है जिसके तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी से अच्छे संबंध हैं। लेकिन बाद में पता चला कि वह शख्स दाऊद इब्राहिम है, जिसकी फिल्म इंडस्ट्री पर पुरानी पकड़ है और पाकिस्तान के कई निर्देशक निर्माताओं के साथ उसके अच्छे संबंध हैं।

मुस्लिम साथियों ने धर्मांतरण कर बना दिया मोहम्मद बिलाल, गरीबी दूर करने का दिया था लालच: अब हुई घरवापसी

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले का रहने वाले अनुसूचित जाति के एक शख्स का पुणे में धर्मांतरण करने का मामला सामने आया है। हालाँकि, हंगामा होने के बाद इसने अपने मूल हिंदू धर्म में वापसी कर ली है। दरअसल, डेविड कुमार नाम का यह शख्स पुणे के एक बेकरी में काम करता था। इसी दौरान बेकरी संचालकों ने उसकी गरीबी दूर करने के नाम पर उसका धर्म परिवर्तन करवा दिया। धर्मान्तरण के बाद युवक ने अपना नाम डेविड कुमार से बदलकर मोहम्मद बिलाल रख लिया।

मामला बिजनौर जिले के सेदोरबेरखाँ गाँव का है। यहीं के रहने वाले डेविड कुमार नाम के अनुसूचित जाति के युवक के पिता की मौत हो गई थी। घर की माली हालत सही नहीं थी, इसलिए दूसरे समुदाय के लोगों के साथ कमाने-खाने के लिए वह महाराष्ट्र के पुणे चला गया और वहाँ एक बेकरी में काम करने लगा।

इस बीच उसे लालच देकर उसका धर्मान्तरण करा दिया गया और वह डेविड से बिलाल हो गया। उसने मुस्लिमों की तरह ही दाढ़ी रख ली और उनकी तरह ही उसका व्यवहार भी हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह वह पुणे से अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए आया तो उसने मुस्लिमों की तरह कुर्ता पायजामा पहन रखा था और लंबी दाढ़ी भी रखी थी।

उसे इस रूप में देखकर जब घर वालों ने कारण पूछा तो उसने बताया कि वह धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन चुका है। उसने यह भी कहा कि अब उसकी सारी गरीबी दूर हो जाएगी। इसके बाद परिवार और गाँव के लोगों ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम अपनाया है।

हिंदू संगठनों की मदद से हुई घर वापसी

जब परिजन उसे समझाने में नाकाम रहे तो उन्होंने हिंदू संगठनों की मदद ली। हिंदू संगठनों ने भी उसे समझाने की काफी कोशिशें की, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था। हालाँकि, हिंदू संगठनों और बिरादरी के लोगों द्वारा लगातार समझाने और मान-मनौव्वल के बाद वह हिंदू धर्म में वापसी के लिए तैयार हो गया।

इसके तुरंत बाद शनिवार (24 जुलाई 2021) को गाँव के ही संत रविदास मंदिर में पुजारी राधा मोहन ने पूजा-पाठ कराकर डेविड कुमार की घर वापसी कराई। इसके बाद पूरे गाँव में ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस भी निकाला गया।

हिंदू युवा वाहिनी के मंडल प्रभारी डॉ. एन पी सिंह ने आरोप लगाया कि गाँव के ही गैर संप्रदाय के युवकों ने आर्थिक प्रलोभन देकर डेविड कुमार का धर्मांतरण कराया है। डॉ. सिंह ने धर्मांतरण कराने वाले लोगों पर मामला दर्ज करने की माँग की।

देश लौटीं मीराबाई चानू, भारत माता की जय-वन्दे मातरम् से गूँजा एयरपोर्ट: क्या पीछे-पीछे आएगा गोल्ड?

जापान की राजधानी टोक्यो में चल रहे ओलंपिक 2021 में देश के लिए सिल्वर मेडल जीतने के बाद वेटलिफ्टर मीराबाई चानू स्वदेश वापस आ गई हैं। वह दिल्ली एयर पोर्ट पर लैंड हुईं, जहाँ एयरपोर्ट स्टाफ समेत लोगों ने तालियों से उनका स्वागत किया गया। इस दौरान दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके स्वागत में ‘भारत माता की जय’ औऱ ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए गए। इसके अलावा ‘फूट रही चिंगारी है य़ह भारत की नारी है’ जैसे नारे भी लगाए गए।

मीराबाई चानू ने 24 जुलाई 2021 को महिला वेटलिफ्टिंग इवेंट के 49 किलोग्राम वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था। पहले उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 115 किलोग्राम का भार सफलतापूर्वक उठाया। इसके बाद स्नैच में 87 किग्रा भार उठाकर उन्होंने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता था। इस दौरान चानू ने कुल 202 किलो का वजन उठाया था। उनकी इस सफलता पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी थी।

इस बीच मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टोक्यो से खबरें सामने आ रही हैं कि ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाली मीराबाई चानू को गोल्ड मेडल मिल सकता है। दरअसल, वेटलिफ्टिंग में गोल्ड मेडल हासिल करने वाली चीनी खिलाड़ी जजिहू हो (Zhihui Hou) को टोक्यो में डोप टेस्ट के लिए रुकने के लिए कहा गया है। यदि वह इस डोप टेस्ट में फेल हो जाती हैं तो उनसे गोल्ड मेडल छीन लिया जाएगा। इसके बाद दूसरे स्थान पर रहीं चानू को ये दिया जा सकता है।

हालाँकि सिल्वर मेडल मिलने के बाद ही इसको लेकर वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने कहा था कि उन्हें केवल इस बात का गर्व है कि उन्होंने अपने देश के लिए मेडल जीता है। इसके लिए उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण और केंद्र सरकार की टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम का धन्यवाद दिया था। मीराबाई चानू, कर्णम मल्लेश्वरी के बाद भारत की ओर से ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग इवेंट में मेडल जीतने वाली दूसरी महिला हैं। गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक 2021 में देश के लिए मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू पहली महिला वेटलिफ्टर हैं।

‘हम आपको नहीं सुनेंगे…’: बॉम्बे हाईकोर्ट से जावेद अख्तर को झटका, कंगना रनौत से जुड़े मामले में आवेदन पर हस्तक्षेप से इनकार

बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर को झटका देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (26 जुलाई 2021) को उनकी हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। इसमें अख्तर ने आरोप लगाया था बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने जानबूझकर अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण की अनुरोध वाली याचिका में अदालत से कुछ तथ्य छिपाए हैं।

अख्तर की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि कंगना रनौत का यह बयान कि उनके खिलाफ किसी भी अदालत में कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है, झूठा और भ्रामक है। ग्रोवर ने कहा कि रनौत ने अपना पासपोर्ट हासिल करने के लिए धोखाधड़ी की है। इसलिए अपनी बात रखने के लिए अख्तर ने हस्तक्षेप याचिका दायर की थी।

हालाँकि, जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस एन जे जमादार की पीठ ने अख्तर को लताड़ लगाते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया है। जस्टिस शिंदे ने टिप्पणी की, “हम आपकी बात नहीं सुनेंगे। आपको अदालत को संबोधित करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर हम इस तरह के हस्तक्षेप की अनुमति देते हैं तो सैकड़ों आवेदन दिए जाएँगे।”

अदालत ने सुझाव दिया कि शिकायतकर्ता सरकारी वकील के कार्यालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। अदालत ने कहा, “अगर इस तरह के आवेदन हैं तो इसके लिए एक वकील है, एक अभियोजक है, उनसे संपर्क करें। हम इस तरह काम नहीं कर सकते हैं।”

अख्तर की हस्तक्षेप याचिका वकील जय भारद्वाज के माध्यम से दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि अदालत द्वारा रखी गई क्वेरी में अनिवार्य रूप से रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी को यह पुष्टि करने की आवश्यकता है कि एक्ट्रेस के खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है।

अख्तर के वकील ग्रोवर ने बहस जारी रखी, न्यायमूर्ति जमादार ने उन्हें रुकने और अदालत को सुनने के लिए कहा। जस्टिस शिंदे ने कहा, “अगर हम इस तरह के आवेदनों को अनुमति देते हैं तो अदालतों में ऐसे मामलों की बाढ़ आ जाएगी। इस मामले में सरकारी वकील प्रतिवादी हैं। अगर आप कुछ कहना चाहते हैं तो उनके माध्यम से कहें। रिजवान मर्चेंट जैसे सक्षम वकील हैं। आप उनके माध्यम से कह सकते हैं।”

वहीं, अख्तर ने दावा किया है कि हस्तक्षेप आवेदन की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में कंगना रनौत के वकील द्वारा दिए गए सभी बयान झूठे थे। रनौत ने अदालत को बताया था कि उनके खिलाफ केवल दो प्राथमिकी दर्ज हैं और उन्होंने एक अन्य लंबित मानहानि मामले का उल्लेख नहीं किया, जो अख्तर ने रनौत के खिलाफ दायर किया था।

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