विवादस्पद NDTV की पहचान अब अक्सर फ़ेक न्यूज़ को प्रचारित करने की बन चुकी है। NDTV ने अपनी वेबसाइट में एक ऐसी भ्रामक हेडलाइन को प्रमुखता से जगह दी जिसमें यह दर्शाया गया कि पीएम मोदी ने वंदे भारत ट्रेन-18 का मजाक उड़ाते हुए लोगों के ख़िलाफ़ सज़ा की माँग की।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे संबंधों में और भी प्रगाढ़ता आई है। सऊदी अरब हमारे विस्तृत पड़ोस में है, एक करीबी दोस्त है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण स्रोत भी है।
ऑपइंडिया के साथ ख़ास इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2019 से लेकर आगामी लोकसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु की राजनीति पर भी चर्चा की। उन्होंने रेलवे व अर्थव्यवस्था से जुड़े कठिन सवालों के बेधड़क जवाब देकर सरकार का पक्ष स्पष्ट किया।
ऑल्ट न्यूज़ के कट्टर भक्त @zoo_bear ने अपने भक्तों से उसी ‘क्रॉप्ड वीडियो’ को री-ट्वीट करने का आग्रह किया, ताकि सांप्रदायिक द्वेष को भड़काया जा सके और इस फ़र्ज़ी ख़बर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाया जा सके।
इस के तहत भारत में दलित, मुस्लिम, सिख, और क्रिश्चियन समुदाय के लोगों को भड़का कर देश को टुकड़ों में बांटना था। पाक को आंशिक सफलता मीडिया के एक ख़ास वर्ग और लिबरल लॉबी से मिली, जो मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में लगी रहती है।
छात्रा ने पुलवामा हमले को सही ठहराया था। उसने पुलवामा में वीरगति को प्राप्त हुए जवानों का अपमान करते हुए सोशल मीडिया पर एक स्टेटस लगाया था। सूचना मिलते ही सैकड़ों छात्रों ने उस पर कार्रवाई की माँग की।
पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के भारत के कूटनीतिक प्रयासों को बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन आतंकी मसूद अज़हर को प्रतिबंधित करने के लिए सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाएँगे।
जब ये प्लेटफ़ॉर्म इस तरह की जोकरई और मूर्खतापूर्ण हरकतों से भरा हुआ है, तो वहाँ आपको राम मंदिर को लेकर भी 'ख़तरनाक राजनीति', या 'एक्सट्रीम हिन्दुत्व अजेंडा' के नाम पर सबसे ख़तरनाक पोस्ट यही मिलेगा कि 'मैं आरएसएस को पसंद करती हूँ', या यह कि 'मेरा जीवन संघ के लिए है।'
भैंस, गधे और कार बेचकर पैसे जुटाने वाले प्रधानमंत्री को यह सोचना चाहिए कि बंदूक़ों और आरडीएक्स के साथ-साथ आतंकियों को सैलरी पर रखना पाकिस्तानी हुकूमत की अजीबोग़रीब नीतियों की तरफ इशारा करता है।
हमने कई सारे इनिशिएटिव लिए हैं ताकि युवा इस चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनें और शांति के प्रयास में हमारा साथ दे सकें। मेरे परिवार के कुछ सदस्य आतंकियों द्वारा पिछले कुछ सालों में मारे जा चुके हैं और यह बताता है कि यहाँ मेरी ज़िंदगी को कितना ख़तरा है।
दैनिक जागरण में रुपए की जिस ख़बर का हवाला देते हुए उन्होंने एक लंबा फर्जी लेख ''मीडिया विजिल'' में लिख मारा है, वह पूरी स्टोरी विशेषज्ञों के हवाले से लिखी गई है। काश! रवीश अंग्रेजी जानते और ऑरिजिनल आर्टिकल पढ़ पाते।
सवाल यह है कि इतने सालों तक अमरीकी फ़ौज की मौजूदगी होते हुए भी अफ-पाक सीमा पर से आतंकवादियों का ख़ात्मा क्यों नहीं हो सका? उप विदेश मंत्री करज़ई इसके कारण बताते हुए लिखते हैं कि इन आतंकियों को ‘स्टेट’ (अर्थात पाकिस्तान) द्वारा संरक्षण प्राप्त है।
पकिस्तानी पक्ष ने चन्दन नंदी द्वारा 'दी क्विंट' में लिखे गए एक लेख का भी सहारा लिया। इस लेख में नंदी ने दावा किया था कि जाधव के पास दो पासपोर्ट थे- एक उनके असली नाम से, और एक हुसैन मुबारक पटेल के नाम से।
बलिदान हुए 40 जवानों में से 23 सीआरपीएफ कर्मियों ने बैंक से कर्ज लिया हुआ था और इसी दिशा में बैंक ने तत्काल प्रभाव से बकाया कर्ज माफ़ करने का निर्णय किया है।
सिद्धू ने पाकिस्तान का बचाव किया और कपिल ने सिद्धू का। ये रिश्ता क्या कहलाता है? जनता की मदद से अपना व्यापार चलाने वालों को जनभावना की ही क़द्र नहीं। जवानों के बलिदान का इनकी नज़र में कोई मोल नहीं!
प्रियंका ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के सख्त चेतावनी दी है कि अगर कोई भी कार्यकर्ता विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया गया तो उसे तुरंत बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
रवीश कुमार का तो यह हाल है कि वे प्रनॉय रॉय के घर में तीसरी सबसे पुरानी चीज हो चुके हैं, लेकिन तब भी उनकी नौकरी छोड़ नहीं सकते क्योंकि उन्होंने इतना 'यश' कमाया है कि यहाँ से जाने के बाद उन्हें शायद ही कोई रोजगार दे।
फेसबुक पर शाहनवाज की आपत्तिजनक टिप्पणी की जानकारी मिलते ही लोग बेकाबू हो गए। चारो तरफ से दबाव बढ़ता देख पुलिस सक्रिय हुई और एक स्पेशल टीम को मुंबई भेज कर शाहनवाज को गिरफ़्तार किया गया।
बात दरअसल यह है कि रविश कुमार जैसे लोग पत्रकारिता के उस युग से वास्ता रखते हैं, जब खबरें नहीं फतवे दिए जाते थे, यानि कह दिया सो कह दिया, न खाता न बही-जो छेनू ने कह दिया वही सही।
पाठकों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ऑपइंडिया ने अपने फ़ैक्ट चेक के माध्यम से यह कोशिश की थी कि नवभारत टाइम्स जैसे नामी अख़बार अपने पाठकों को सही जानकारी से अवगत कराएँ।
अतीत में शिवसेना की बात को गंभीरता से न लेने का दावा करने वाले कुछ तथाकथित पत्रकारों व विश्लेषकों ने सामना में छपने वाले लेखों का शब्दशः भावार्थ कर इसे भगवद् गीता की तरह बाँचना शुरू कर दिया था।
आज देश में उन लोगों के लिए सख्ती न करने की बात की जा रही है जो देश की भावनाओं को न केवल आहत कर रहे हैं बल्कि देश के ख़िलाफ़ खड़े होकर देशद्रोही होने का सबूत भी दे रहे हैं।
डीएम ने बीकानेर की सीमाक्षेत्र में बने सभी होटलों में पाकिस्तानी नागरिकों को जगह देने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस आदेश को पूरे जिले में 2 महीने के लिए लागू किया गया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल से हाथ मिलाने से मना कर दिया। एक निर्दोष की जान को ख़तरे में बताते हुए भारत ने कुलभूषण जाधव प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
इस हमले में हाई इंटेंसिटी वाले 'मिलिट्री ग्रेड एक्सप्लोसिव (RDX)' का प्रयोग किया गया था। इस विस्फोटक को पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकियों को सप्लाई किया जाता है।
क्या बरखा दत्त को कॉल कर देना ही उसकी गलती थी? क्या बरखा दत्त किसी मार्केटिंग कंपनी के कॉल आने पर भी उनके नंबर शेयर करती है? और सबसे बड़ी बात, किसी का पर्सनल नंबर क्यों ट्विटर पर शेयर किया? क्या एक की गलती, गलती है! अपराध है! आपकी नहीं?
किसी घटिया-कुंठित शख्स ने आपको अपने लिंग की तस्वीर भेजी। यह उसकी अति-बेहयायी का प्रमाण है। लेकिन वो राष्ट्रवादी है, इसका प्रमाण-पत्र आपने कैसे जारी कर दिया ?
फ़िल्म निर्देशक अनिक दत्ता ने कहा कि सिनेमाघरों से फ़िल्म हटाने के संबंध में उन्हें किसी भी तरह की कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई, सभी (हॉल मालिकों) ने उनसे कहा कि निर्देश उच्च अधिकारियों के द्वारा दिए गए थे।
भले ही देश आज अपने जवानों को खो देने की पीड़ा से गुज़र रहा हो, लेकिन वो सही और ग़लत को समझने में पूरी तरह से सक्षम हैं। कविता कृष्णन की यह ओछी हरक़त उनकी भ्रष्ट बुद्धि और विचारधारा को स्पष्ट करता है।
कमल हासन को पिनाराई विजयन के बदले किसी अच्छे इतिहासकार से ट्यूशन लेने की ज़रूरत है। कश्मीर में जिस जनमत-संग्रह की वह बात कर रहे हैं, उसे कभी पाकिस्तान ने ही अस्वीकार कर दिया था।
कुछ मीडिया संस्थानों ने जितना इस विकास यात्रा को कवर नहीं किया था, उससे ज़्यादा ये साबित करने में लग गए कि ट्रेन अपनी पहली यात्रा में ही ख़राब हो गई। व्यक्तिगत रूप से ख़ार खाए कुछ तथाकथित पत्रकार बड़ी चालाकी से मवेशी हिट की घटना को छिपा गए।
पुलवामा हमले में वीरगति को प्राप्त हुए जवानों का अपमान करते हुए यौन शोषण के आरोपित पत्रकार विनोद दुआ की बेटी मल्लिका दुआ ने कहा कि रोज कई वजहों से लोग मरते हैं। मल्लिका दुआ अक़्सर ऐसी थेथरई करती रहती हैं।
सोशल मीडिया के जमाने में मीडिया कुछ भी बोल-लिख-दिखा दे और ग़लतफ़हमी पैदा कर दे, यह अब संभव नहीं। कुछ ऐसे भी पाठक होते हैं जो ख़बरों को गंभीरता से पढ़ते हैं और उटपटांग लगने पर अपनी प्रतिक्रिया भी दर्ज करते हैं।
नितिन की मौत की ख़बर सुनने के बाद गाँव के लोगों ने अपने घरों में खाना नहीं बनाया। लोगों में एक तरफ जहाँ गुस्सा था वहीं सरकार को पाकिस्तान के ख़िलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की माँगें भी शामिल थी।
कुलविंदर की मंगनी गांव लोदीपुर वासी अमनदीप कौर से लगभग ढाई साल पहले हुई थी। आठ नवंबर को शादी होनी तय थी। कुलविंदर के पार्थिव शरीर को देख अमनदीप कौर कई बार बेहोश हुई।
अश्वनी कुमार घर के एकमात्र कमाऊ पूत थे। उनके पिता ने मज़दूरी कर बेटों को पढ़ाया- लिखाया। कॉलेज के समय से ही एनसीसी में रहे अश्वनी काफ़ी पहले से ही सीआरपीएफ में भर्ती होना चाहते थे। इसी वर्ष उनकी शादी भी तय होने वाली थी।
शहीद संजय के दोस्तों के अनुसार, वह सिर्फ़ एक अच्छे जवान ही नहीं बल्कि एक अच्छे विचार वाले व्यक्ति भी थे। जब भी गाँव आते तो दोस्तों से ज़रूर मिलते थे। जिस वक़्त संजय के शहीद होने की सूचना मिली, उनकी माँ घर पर नहीं थी। सूचना मिलते ही जब वो घर पहुँची तो माहौल मातम में बदल गया।
तिलक राज एक अच्छे गायक और कबड्डी खिलाड़ी भी थे। उनके एक वीडियो को 12 लाख से भी अधिक बार देखा गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गाँव के स्कूल का नाम का नाम तिलक राज की याद में रखने की घोषणा की।
इस ऑपरेशन को 55-राष्ट्रीय राइफल्स, CRPF और SOG के जवानों ने संयुक्त रूप से चलाया। भारी गोला-बारी के बीच सुरक्षाबलों ने उस बिल्डिंग को उड़ा दिया, जहाँ ये आतंकी छिपे बैठे थे।
फारूक अब्दुल्ला की मानें तो केंद्र में जब से मोदी सरकार आई है, तब से कट्टरता में वृद्धि देखने को मिली है। उनका कहना है कि मुस्लिम युवकों को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है।
जिन आतंकियों को घेर कर सेना ने कार्रवाई शुरू की, वो जैश-ए-मोहम्मद के ही हैं। सूचना यह भी है कि पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमांइड गाजी राशिद भी इसी इलाके में छिपा हुआ है।